ऋषिकेश : तुलसी जयंती समारोह २२ जुलाई से ३१ जुलाई तक मनाया जायेगा

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  • 10 दिवसीय महोत्सव में देश विदेश से संत, महात्मा,साधक, भक्त और आम जन रहेंगे मौजूद
  • समिति के सदस्यों द्वारा गोमुख से लाया गया पवित्र जल पूर्णावती के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद रूप में दिया जाएगा : महंत रवि प्रपन्नाचार्य 

    ऋषिकेश :(मनोज रौतेला) इस वर्ष तुलसी जयंती समारोह २०२५,  २२ जुलाई से ३१ जुलाई तक मनाया जायेगा. तुलसी मानस मंदिर में हर वर्ष यह आयोजन होता है.इस बारे में  तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्न्चार्य महाराज ने नेशनल वाणी (हिंदी) से बात करते हुए कहा, इस वर्ष तुलसी जयंती समारोह तुलसी मानस मंदिर में जो ७ मालवीय  मार्ग, हृषिकेश में है. यह आयोजन ४० वां वार्षिकोत्सव  होगा. श्री रामायण प्रचार समिति की तरफ से यह आयोजन किया जा रहा है.

    रामायण प्रचार समिति के तत्वाधान में तुलसी जयंती पर 40 वां वार्षिक उत्सव आयोजित किया जा रहा है. ऋषिकेश में  वार्षिक उत्सव 21 अगस्त से 31 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान देश विदेश से साधक, भक्त और संत महात्मा और आम जन  मौजूद रहेंगे.  जिसमें विश्व शांति के लिए रामचरितमानस के सामूहिक पाठ भजन कीर्तन, श्री राम कथा,  श्री राम महायज्ञ के साथ संस्कृत कार्यक्रमों, पौधारोपण, शहीदों के परिजनों का सम्मान, कवि सम्मेलन का आयोजन होगा. यह आयोजन  10 दिवसीय होगा. इस दौरान  तुलसी मानस मंदिर के अध्यक्ष महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने बताया कि   समिति के सदस्यों द्वारा गोमुख से लाया गया पवित्र जल पूर्णावती के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद रूप में दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि वार्षिक उत्सव में प्रतिदिन भगवान राम के जीवन पर आधारित कथा व भजन कीर्तन के साथ विराट संत सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. अंतिम दिन पूर्णावती के बाद विशाल भंडारा आयोजित किया जाएगा. जिसमें राधा माधव संकीर्तन मंडल ऋषिकेश द्वारा भजन संध्या का आयोजन भी होगा.  31 अगस्त को तुलसी मानस मंदिर से भव्य कलश यात्रा ऋषिकेश के विभिन्न मार्गो से होती हुई त्रिवेणी घाट पहुंचकर कलश पूजन कर फिर वापस  मानस मंदिर में पहुंचकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा.  जिसमें राम कथा के मुख्य व्यास जगद्गुरु उत्तराखंड पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णाचार्य  महाराज की अध्यक्षता में राम कथा का रस पान संगीत में किया जाएगा. इसके अलावा   प्रातः काल में नवाह्नन  पाठ के मुख्य व्यास  आचार्य दीपक शास्त्री के द्वारा संगीतमय वाद्य यंत्रों के द्वारा नवाह्नन पाठों  ऋषि कुमारों  द्वारा किए जाएंगे.

    २२ जुलाई को ही श्री राम कथा होगी, युवराज स्वामी गोपालाचार्य जी महाराज (उत्तराधिकारी श्री कृष्ण कुञ्ज  ऋषिकेश द्वारा सायं ४ बजे से ६ बजे तक कथा  होगी. संकीर्तन भी सायं ३ बजे से होगा.  पंडित वेद  प्रकाश मिश्रा द्वारा श्री संगीतमय श्रे रामायण जी के सामूहिक नवांह पाठों व् श्री हनुमान   चालीसा का पाठ किया जायेगा. ३३ जुलाई को सुबह ८ बजे से १ बजे तक प्रतिदिन.३१ जुलाई को अंतिम दिन संत महात्माओं द्वरा गोस्वामी तुलसीदास जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला जायेगा.विराट संत सम्मलेन आयोजित होगा.फिर भंडारा १ बजे से होगा. इस दौरान देश विदेश से आ रहे सैकड़ों  भक्त रहेंगे मौजूद.

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