ऋषिकेश : बस अड्डा परिसर में खुले आसमान के नीचे हजारों श्रद्धालु सोने के लिए मजबूर, भगवान बद्रीकेदार के भरोसे चल रही है यात्रा :डॉ राजे नेगी

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ऋषिकेश-सरकारी इंतजाम विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के लिए नाकाफी साबित हो रहे हैं।शहर के तमाम आश्रम एवं धर्मशालाओं के उफान पर चल रही यात्रा के चलते ठसाठस फुल होने की वजह से खुले आसमान के नीचे हजारों श्रद्वालुओं को सोने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ये तस्वीरें सोमवार देर रात 10 बजे की हैं. उसमें भी गड़बड़ाता मौसम कोढ़ की खाज वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा हुए। विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा तो दो वर्ष के कोरोनाकाल के बुरे दौर को पीछे छोड़ चुकी है लेकिन पूर्व के वर्षों में यात्राकाल के दौरान सामने आती रही अव्यवस्थाओ से प्रशासन ने लगता नही है कोई सबक सीखा है।शायद यही वजह है की यात्राकाल के दौरान तमाम बद इंतजामी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।फिर चाहे बात कुछ ट्रेवल्स एजंटों द्वारा यात्रियों को ठगे जाने की घटनाओं की हो या फिर होटल,रेस्टोरेंट्स एवं धर्मशालाओं में जमकर की जा रही लूट खसोट की हो। इस गंभीर समस्या पर अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष व समाजसेवी डॉ राजे सिंह नेगी ने कहा कि कोरोनाकाल से उबरने के बाद पहले ही कयास लगाये जा रहे थे कि इस वर्ष तीर्थाटन के लिए अभूतपूर्व यात्रियों की भीड़ उमड़ेगी।इसके बावजूद प्रशासन द्वारा कोई विशेष इंतजाम नही किए गये जिसकी वजह से यात्रा की विभिन्न व्यवस्थाएं लड़खड़ा रखी है और इसका खामियाजा श्रद्वालुओं को भुगतना पड़ रहा है।

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उन्होंने प्रशासन द्वारा यात्रा बस अड्डे पर यात्रियों के विश्राम के लिए टीनशेड तक की व्यवस्था ना कराने की भी पुरजोर शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि यदि इस और प्रशासन द्वारा ध्यान दिया गया होता तो यात्रियों को गड़बड़ाते मौसम में यूं परेशानियों का सामना करने के लिए मजबूर नही होना पड़ता।

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