ऋषिकेश :सुप्रीम कोर्ट ने भी माना विधानसभा भर्तियाँ ग़लत, पर सरकार कब मानेगी कि भर्ती करने वाले मंत्री भी ग़लत हैं- जयेन्द्र रमोला

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ऋषिकेश : रविवार को कांग्रेस नेता जयेन्द्र रमोला ने जारी एक बयान में कहा कि विधानसभा भर्ती घोटाले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपना फ़ैसला सुना कर यह साफ़ कर दिया कि विधानसभा में नियुक्तियाँ ग़लत थी और सभी को नौकरी से हटाने के सरकार के फ़ैसले को सही ठहराया परन्तु सरकार केवल नियुक्तियाँ पाने वालों को ही दोषी मान रही है और नियुक्तियाँ करने वालों साफ़ बचा रही है जोकि ग़लत है ।

रमोला ने बताया कि हमें अंदेशा है कि चौथी विधानसभा में हुई नियुक्तियों में से बहुत सी नौकरियाँ पर तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने आर्थिक लाभ लिया होगा क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने पद पर रहते नियुक्तियाँ सृजित कर नौकरी देने का काम किया व फिर संसदीय कार्य मंत्री व वित्त मंत्री बनते ही इन नौकरियों को वित्त स्वीकृति दी एक ही व्यक्ति अलग अलग पद बैठते ही किस स्वार्थ से ये सब कर रहे थे इसलिये कहीं ना कहीं इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि इसमें कहीं ना कहीं आर्थिक लाभ लिया गया है । रमोला ने कहा कि जब सरकार की जाँच व सर्वोच्च न्यायालय के फ़ैसले से नौकरी पाने वालों पर बर्ख़ास्तगी की गाज गिरी है परन्तु बैकडोर से ग़लत नियुक्तियाँ देने वालों पर सरकार क्यों कार्यवाही नहीं कर रही है सरकार क्यों कार्यवाही से बच रही है मेरी माँग है कि सरकार को जल्द से जल्द न्यायालय के निर्णय के अनुरूप भर्ती पाने वालों को बाहर किया गया उसी प्रकार दोषी मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल को बर्खास्त कर उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करे ।रमोला ने कहा कि मेरी संवेदना नौकरी से निकाले गये उन सभी लोगों के साथ है परन्तु कहीं ना कहीं ये लोग भी ग़लत है । मैं उन सभी लोगों से कहना चाहता हूँ कि जिन लोगों ने नौकरी के एवज़ में पैसे दिये हैं वे अब तो सामने आयें और हमें बतायें हम नौकरी के एवज़ में पैसे लेने वाले नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे और उनपर कार्यवाही करवाने के लिये न्यायालय की शरण में भी जाने का काम करेंगे ।

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