ऋषिकेश : केंद्रीय विद्यालय (KV) IDPL परिसर में सीवर का पानी भरा, गंगा भी हो रही प्रदूषित…IDPL प्रबंधन मौन!
स्वच्छ भारत की बात करने वालों को देखना चाहिए यह, भारत सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए-गुर्री

ऋषिकेश : एक सीवर और प्रभावित सैकड़ों स्कूली बच्चे,स्कूल का स्टाफ और गंगा नदी प्रदूषित हो रही है…लेकिन कार्रवाई के नाम पर शिफर…आपको बता दें, मामला IDPL में केंद्रीय विद्यालय (KV) परिसर का है. यहाँ पर परिसर में सीवर का पानी भर गया है.या यूँ कहें स्कूल के अंदर जाते हुए स्वागत सीवर के पानी से होता है बच्चों और स्टाफ का.अभिभावक, स्टाफ, बच्चे सब परेशान लेकिन कार्रवाई, समाधान के नाम पर कुछ नहीं.
जानकारी के मुताबिक़ यह आज से नहीं पिछले 4-5 महीने से हो रहा है. बुधवार को 20 बीघा के स्थानीय पार्षद गुरविंदर सिंह गुर्री ने जानकारी देते हुए बताया, विद्यालय में हजार से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं. प्रतिदिन बच्चे, स्कूल स्टाफ, सब सीवर के गंदे पानी से हो कर जाते हैं. गेट के अंदर जाते ही बाएं तरफ सीवर बैक मार रहा है. इसका दूषित पानी परिसर में बह रहा है. लेकिन हैरान करने वाली बात है अभी तक कुछ समाधान नहीं हो पाया है. मंगलवार को एसडीएम, तहसीलदार अन्य अधिकारी आये स्कूल में. थोड़ी देर के लिए ठीक हुआ लेकिन उनके जाने के कुछ देर बाद फिर से सीवर बैक मारने लग गया. वापस सीवर का पानी स्कूल परिसर में बहने लग गया. जहाँ से लीक हो रहा है वहीँ पर बच्चों के पीने के लिए नल भी लगा हुआ है. जहाँ से सीवर खुले में बह रहा है वहीँ से प्लास्टिक के पाइप से पीने के पानी की भी आपूर्ति अंदर हो रही है. वे प्लास्टिक के पाइप भी सीवर के पानी में भीग रहे हैं. ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं बिमारी, दुर्गन्ध फ़ैल सकती है.
आर्य समाज मंदिर परिसर में चैम्बर खुलवाया लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी-
आपको बता दें, स्कूल के सीधे सामने लगभग 10000 से 2000 मीटर दूरी पर आर्यसमाज मंदिर है. मंदिर परिसर से होकर सीवर की पुरानी लाइन सीधे आगे जा रही है. स्कूल की सीवर लाइन सीधे इसी सीवर लाइन से जुड़ी हुई है. अब मंदिर परिसर तक सीवर पास हो नहीं रहा है यानी नहीं पहुचन रहा है. बीच में ही सीवर चॉक हो गया है. बीच में कई फ़्लैट हैं उनका सीवर वापस स्कूल की तरफ बैक मार रहा है. जो स्कूल परिसर में बने चैम्बर से बाहर आ रहा है. मंगलवार को गुरविंदर सिंह गुर्री ने बताया, उन्होंने जल निगम का एक टैंकर मंगाया और स्कूल से कुछ दूरी पर हाथ के पास आर्य समाज मंदिर परिसर के अंदर सीवर का चैंबर खुलवा कर अंदर पानी डाला गया प्रेसर पाइप से. लेकिन पाइप अंदर आधे रास्ते तक तो गया लेकिन हुआ कुछ नहीं. थोड़ी दूर जा कर पाइप भी रुक गया. स्कूल और आर्य समाज मंदिर परिसर के बीच बाहर दीवार के साथ में सीवर का एक चैंबर है उसमें से किसी ने पाइप जोड़कर बाई पास कर दिया खुले मैदान में. वह सीधे नाले में जा कर मिलता है और वह वही नाला सीधे गंगा नदी में मिलता है.
गंगा नदी प्रदूषित हो रही है-
गुरविंदर सिंह गुर्री ने आरोप लगाया ऐसे में गंगा प्रदूषित हो रही है. यह काम IDPL प्रबंधन का ही है. उन्होंने इसको एक डेढ़-साल पहले चोरी छिपे बाई पास पाइप डालकर खुले में बने चैम्बर से बाहर की तरफ छोड़ दिया. जिससे उनको सीवर में काम न करना पड़े. आपको बता दें सीवर जो डले हुए हैं वे वर्षों पुराने हैं और लगभग 20 फ़ीट गहरे हैं. गुर्री ने आरोप लगाते हुए कहा यह अपराध है गंगा नदी तो दूषित हो ही रही है साथ ही जिस भी ब्यक्ति ने या अधिकारी या कर्मचारी ने ऐसा किया उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होनी चाहिए. ये काम IDPL प्रबंधन के अंदर आता है. बाहर का कोई यहाँ काम नहीं कर सकता है.स्कूल में ड्यूटी पर मौजूद सुरक्षा कर्मी दीपक त्रिपाठी ने बताया पिछले 4-5 महीने से हम यहाँ पर बदबू में ड्यूटी दे रहे हैं. बीमारी का ख़तरा बना रहता है. स्कूली बच्चे, स्टाफ सब परेशान है. कल अधिकारी लोग आये थे कुछ देर ठीक रहा फिर से बैक मारना शुरू कर दिया सीवर ने. मंगलवार को शाम के समय जल निगम का टैंकर पानी से भरा हुआ मंगवाया था आर्य समाज मंदिर के पास. मंदिर परिसर में चैंबर खोल कर खूब मशक्कत की गयी. तीन कर्मचारी और जेई राशिद अली भी पहुंचे थे.लेकिन एक लड़का अंदर भी गया था सीवर के, लेकिन कुछ सफलता हाथ नहीं लगी. पानी भी डाला गया टैंकर का खूब सीवर के अंदर लेकिन कुछ नहीं हुआ. ऐसे में गुर्री ने बताया स्कूल प्रशासन ने कई बार प्रशासन/प्रबंधन से गुहार लगाईं लेकिन कुछ नहीं हुआ. अधिकारी आये, देख कर चले गए लेकिन कुछ हल नहीं निकला. ऐसे में सैकड़ों बच्चे, स्टाफ, गंदे सीवर के पानी को टच कर स्कूल के अंदर जा रहे हैं पिछले 4-5 महीने से. गुर्री ने बताया गुरूवार को फिर से हम कोशिश करेंगे अन्य औजारों के साथ सीवर को साफ़ करने के लिए. यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कहाँ पर सीवर रुका हुआ है. उनका कहना था यह क्षेत्रा न निगम के अंदर आता है न लोकल प्रशासन के. यह IDPL के अंदर आता है. स्कूल के मुखिया जिलाधिकारी होते हैं. उनको संज्ञान लेना चाहिए. ऐसे में कैसे बच्चे पढ़ाई करेंगे. बीमारी फैलने का डर है. हम लोग मानवता के नाते कर रहे हैं काम. क्योँकि बच्चों का सवाल है. गुर्री का कहना है स्कूल प्रशासन ने खूब कहा, अब यह मामला IDPL के अंदर का मला है. इसलिए स्कूल प्रशासन के पास पास बजट भी नहीं होता है. सम्बंधित मामले में वे कई बार कह चुके हैं.