ऋषिकेश : संतों की हुई बैठक किया स्वागत महाराष्ट्र सरकार के फैसले का, की मांग उत्त्तराखण्ड में भी राज्यमाता का दर्जा मिले गौ माता को

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  • गौ माता को महाराष्ट्र में राज्यमाता का दर्जा मिलने के बाद ऋषिकेश में संतों की हुई बैठक, सरकार से की मांग यहां भी हो घोषित गाय 
  • गाय को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रमाता घोषित करें : साध्वी ज्योतिर्म्यानन्द सरस्वती
  • उत्तराखंड में जल्द से जल्द  गौ माता का दर्जा दिया जाए गाय को, शास्त्रों में लिखा है गौ गंगा गायत्री की रक्षा करनी चाहिए : साध्वी कौशिकी गिरी
  • उत्तराखंड में यह सबसे पहले होना चाहिए था,  यह फैसला  गौ वंश की सुरक्षा और उसको संरक्षण के लिए राज्य सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए: स्वामी उमेशानानंद 
  • गाय के बारे में और इसका महत्त्व, बचपन  से बच्चों को विद्यालयों में, आगे चलकर  युवा पीढ़ी को बताना जरुरी है : बीना गुप्ता, शिक्षाविद और समाजसेविका 

ऋषिकेश : अखिल भारतीय संत समिति विरक्त वैष्णव मंडल संत समाज ने एक बैठक आयोजित कर महाराष्ट्र में गौ माता को राज्य माता का दर्जा देने के फैसले का स्वागत किया है। साथ ही संतों ने चर्चा कर उत्तराखंड में भी गाय को राज्य माता का दर्जा देने की मांग की है राज्य सरकार से।संतों ने बैठक में खासतौर पर देसी गाय के विलुप्त होने और उनकी बदतर स्थिति को देखते हुए और उत्तराखंड के पहाड़ों में जो बद्री गाय हैं उसके लुप्त होने को लेकर चिंता जाहिर की  है। इनके संरक्षण के लिए राज्य सरकार से तत्काल प्रभाव से इस पर अमल करने की मांग की है। इस अवसर पर महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में जल्द से जल्द गौ माता को राज्य माता का दर्जा दिया जाना चाहिए। यह सबसे पहले होना चाहिए था। लेकिन महाराष्ट्र सरकार के फैसले का हम स्वागत करते हैं। लेकिन उत्तराखंड जैसे देवभूमि से राज्य माता का दर्जा देने का जो फैसला अगर आता है तो यह अच्छी बात होगी।  संत समाज इसका स्वागत करेगा और जल्दी ही इस मामले पर हम मुख्यमंत्री से मिलने भी जाएंगे। उत्तराखंड में जो देसी गाय का पालन पोषण करता है उसको सरकार के द्वारा संरक्षित और योजना के माध्यम से उसको उनको लाभान्वित भी करे।माता ज्योतिरमयानन्द सरस्वती ने मांग की गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जाए। यह मांग  वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से  करती हैं।इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री से संवाद कायम करने की कोशिश करेंगी. मनुष्य यूनी के बाद गाय ही है जिसे हम मानते हैं. गाय का दूध पिलाने के लिए डॉक्टर कहते हैं. गाय हमारे लिए आस्था का विषय भी है.  महाराष्ट्र सरकार का फैसला काबिले तारीफ है। उत्तराखंड में भी ऐसा फैसला होना चाहिए.  साध्वी  कौशिकी गिरी ने जो निर्वाणी पंचायती अखाड़े से संबंध रखती हैं उन्होंने मांग की है कि उत्तराखंड में जल्द से जल्द  गौ माता का दर्जा दिया जाए।शास्त्रों में लिखा है गौ गंगा गायत्री की रक्षा करनी चाहिए, जैसा हमारे शास्त्रों  में लिखा है।  महाराष्ट्र सरकार के फैसले का हम स्वागत करते हैं। महंत उमेशांन्द ने मांग की  उत्तराखंड में यह सबसे पहले होना चाहिए था। यह फैसला गौ वंश की सुरक्षा और उसको संरक्षण के लिए राज्य सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए। समाजसेविका बीना गुप्ता ने मांग की है कि विद्यालयों में वह छोटे बच्चों को गाय के बारे में अधिक से अधिक जानकारी दी जाए। युवाओं को खासतौर पर इसको समझने की जरूरत है। गाय का दूध  और गाय कितना  महत्वपूर्ण है युवाओं के लिए यह समझने की जरूरत है। बैठक में इस मौके पर स्वामी उमेशानंद महाराज, साध्वी कौशिकी गिरी, साध्वी ज्योतिर्म्यानन्द सरस्वती और महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज व अन्य मौजूद रहे।महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज, महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज, महामंडलेश्वर बिंद्रावन दास महाराज, युवराज संत गोपालाचार्य, जगत गुरु उत्त्तराखण्ड पीठाधीश्वर कृष्णाचार्य जी महाराज, आलोक हरि, करुणा शरण आदि ने महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर हर्ष ब्यक्त किया है।

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