ऋषिकेश :अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के पांचवे दिवस विश्व के 90 देशों से आये योग एम्बेसेडर्स के साथ, सी 20 इंटीग्रेटेड होलिस्टिक हेल्थ समिट का हुआ आयोजन

जी-20, अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से संस्कृति मंत्रालय, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित

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  • लार्सन एंड टुब्रो के सीईओ और एमडी एस एन सुब्रह्मण्यन पधारे परमार्थ निकेतन, गंगा आरती में किया सहभाग
  • माता अमृतानंदमयी देवी (अम्मा) के प्रतिनिधि नरेंद्र आनंद और श्वेता आनंद ने अंतर्राष्ट्रीय योग उत्सव के 5वें दिन प्रख्यात योगाचार्यों और योग विशेषज्ञों से भारत के जी-20 प्रेसीडेंसी के लिए पॉलिसी पैक 2023, सी-20 पर विशेष चर्चा
  • विशेष आध्यात्मिक सत्र – ‘यूनाइटेड वी स्टैंड’ विषय पर अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक डा साध्वी भगवती सरस्वती, रेव
  • माइकल बेकविथ, अबुएलो एंटोनियो ऑक्सटे और सीन कॉर्न के साथ विशेष चर्चा
  • अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के पाँचवे दिन प्रातःकाल 6 बजे से चिकित्सीय अष्टांग योग, वैदिक मंत्रोच्चारण, विश्व शांति ध्यान, नाद योग, हठ योग, पवित्र यज्ञ, विशेष परमानंद भक्ति जप, कीर्तन, संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अद्भुत आयोजन..वन अर्थ वन फेमली, एक धरती एक परिवार-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश: 12 मार्च। परमार्थ निकेतन में आयोजित 35 वां अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव जी-20, अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से संस्कृति मंत्रालय, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के पांचवे दिन 90 से अधिक देशों के 1500 से अधिक प्रतिभागी योग, ध्यान, प्राणायाम, भारतीय दर्शन की विभिन्न विधाओं के साथ ही आध्यात्मिक सत्र तथा ‘‘वैश्विक एकता हम सभी की जिम्मेदारी’’ आदि ज्ञानवर्द्धक सत्रों में सहभाग किया।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और जस्टिस मिधा ने एडवांस मेडिटेशन सत्र का अभ्यास कराया। सभी योग जिज्ञासुओं ने इस विशेष ध्यान सत्र का आनन्द लिया।स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने कहा कि योग के साथ मेडिटेशन भी बहुत जरूरी है। ‘‘मेडिटेशन इज बेस्ट मेडिकेशन’’। मेडिटेशन के माध्यम से भीतर उतरे, गहरे उतरे। तरने का एक ही उपाय है भीतर उतरना, बेहतर बनने का एक ही उपाय है.भीतर उतरना, जितना भीतर उतरेंगे, गहरे उतरेगे, खुद को तलाशें, खुद को तराशे, ध्यान करेंगे तो हम पायेंगे कितने सारे मोती हमारे अन्दर पड़े हुये है जिन्हें हम आज तक देखा ही न पाये। स्वामी जी ने कहा कि जीवन में तीन चीजें बहुत जरूरी है मेडिटेशन, नो रिएक्शन और इन्ट्रोस्पेक्शन और इसके लिये योग, प्राणायाम, ध्यान सबसे दिव्य मंत्र है.

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हमारे पास योग, ध्यान, प्राणायाम की अद्भुत सम्पदा है, योग विज्ञान है, शास्त्रों में दिव्य मंत्र है-अथ योगानुशासनम, अर्थात् योग अनुशासन है। योग की पहली सीढ़ी अनुशासन है। वर्तमान समय की प्रदूषणयुक्त एवं भागदौड़ भरी जिन्दगी में मन और शरीर अत्यधिक तनाव रोगग्रस्त होते जा रहे हैं। आन्तरिक और बाहरी प्रदूषण बढ़ता जा रहा है ऐसे में भारत की प्राचीन परंपरा योग एक अमूल्य उपहार है। अब समय आ गया है कि योग से पूरे विश्व को लाभ पहंुचे।डा साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि हमें सम्पूर्ण मानवता के साथ एकता, प्रेम और सद्भाव को अभिव्यक्त करना होगा और क्षमा के महत्व को दैनिक अभ्यास में लाना होगा। उन्होंने कहा कि हम दूसरों को माफ नहीं कर पाते क्योंकि हम मानते है कि हम ही सही है। क्षमा का अभ्यास तर्कसंगत रूप से खुद को माफ करने की कला है। दूसरों को माफ करने से हम तनाव मुक्त हो जाते हैं। दुनिया में लोग ऐसी चीजें करते हैं जिनका आपसे कोई लेना-देना नहीं है। हम क्षमा करते हैं क्योंकि हम मुक्त होने के योग्य है परन्तु द्वेष, क्रोध और आक्रोश हमें मुक्त होने से रोकते हैं। जस्टिस मेधा ने कहा कि ध्यान, व्यक्ति के पूरे जीवन और व्यक्तित्व को बदल देता है। ध्यान का अभ्यास करने पर व्यक्ति अधिक जागरूक होने के साथ अपने आस-पास के वातावरण, प्रकृति, पर्यावरण और दूसरों के प्रति सहयोगी व्यवहार करता है।

रेव माइकल बेकविथ ने कहा कि जो कोई भी इस धरती पर है उन सभी के पास प्रेम है इसलिये जरूरी है कि इस दुनिया में प्रेम और करूणा के साथ रहे तथा सभी को प्रेम बांटे।आज विश्व के 90 से अधिक देशों से आये योग और ध्यान के विश्वविख्यात प्रशिक्षकों के साथ विशेष विचार विमर्श सत्र का आयोजिन किया गया। इस सत्र से प्राप्त अनुभवों को जी-20 को अपने पॉलिसी पैक 2023 में शामिल करने हेतु दिया जायेगा। ज्ञात हो कि इस वर्ष, परमार्थ निकेतन, माता अमृतानंदमयी देवी (अम्मा) के साथ सहयोग कर रहा है, जिन्हें सी-20 की अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। अम्मा के प्रतिनिधि के रूप में  नरेन्द्र आनंद  और श्वेता आनन्द  परमार्थ निकेतन आये हुये हैं।’यूनाइटेड वी स्टैंड- रिडिस्कवरिंग द यूनियन (योग) इन अवर कम्युनिटीज एंड नेशंस’ पर विशेष आध्यात्मिक सत्र सम्पन्न हुआ जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक डा साध्वी भगवती सरस्वती, अगापे इंटरनेशनल स्पिरिचुअल के संस्थापक रेव माइकल बेकविथ, अबुएलो एंटोनियो ऑक्सटे और विख्यात योगाचार्य शीन कॉर्न ने जिज्ञासाओं का समाधान कियज्ञं योग के प्रातःकालीन सत्र में परमार्थ की वरिष्ठ योगाचार्य साध्वी आभा सरस्वतीजी के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण, संदीप देसाई द्वारा अष्टांग योग, ताई ची के साथ चिकित्सीय अष्टांग योग, जापान के नाडा योग शिक्षक गुमी के साथ नाडा योग और तबला पर अरिंदम शामिल थे। डॉ. निशि भट्ट द्वारा नाड़ी योग के व्यावहारिक प्रभाव, चमकदार त्वचा के लिए फेस योगा का नेतृत्व मानसी गुलाटी ने किया।

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आचार्य आशीष गिल्होत्रा जोड़ों के दर्द के निवारण हेतु योग कराया, एंड्रिया पेगे, ‘एप्लाइड एपिजेनेटिक्स- हाउ डू योर डेली चॉइस कंट्रोल जीन एक्सप्रेशन’ का अभ्यास कराया।हिमालयन योग मास्टर, लेखक और अखंड योग के संस्थापक, योगऋषि विश्वकेतु ने तनाव और मानसिक रोगों से मुक्ति के लिए राज योग और ध्यान कराया। योग जिज्ञासुओं ने अरिंदम चक्रवर्ती द्वारा ‘‘तबला बीट्स फॉर बिगिनर्स- ए जर्नी इनटू इंडियन रिदम’ पर एक विशेष संगीत वाद्ययंत्र कार्यशाला का आनन्द लिया। तत्पश्चात सभी योगियों ने विश्व विख्यात गंगा जी की आरती में सहभाग किया।

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