ऋषिकेश : अब राजनीतिक दल उत्तराखंड के लोगों को राजनीतिक तौर पर हाशिए पर पहुंचाने लगे हैं-दिनेश चंद्र मास्टर

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  • मंशा देवी में मेयर पद के निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश चंद ने किया जनसंपर्क

ऋषिकेश :  मेयर पद के निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश चंद्र मास्टर जी के लिए मंशा देवी क्षेत्र में लोग उमड़ पड़े। लोगों ने उनकी बातों को हाथा हाथ लिया और भरोसा दिया कि मास्टर जी अपने वोट भी देंगे और सपोर्ट भी करेंगे। ऋषिकेश नगर निगम के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश चंद्र मास्टर जी ने गुरूवार का मंशा देवी क्षेत्र में जनसंपर्क किया। कुछ समर्थकों के साथ बगैर किसी चुनावी तामझाम के पहुंचे मास्टर जी को यहां लोगों ने हाथों हाथ लिया। आधा घंटे के भीतर पूरा क्षेत्र उमड़ पड़ा। सभी ने उन्हें भरोसा दिया कि वोट भी देंगे और सपोर्ट भी करेंगे।

इस मौके पर मेयर पद के निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश चंद्र मास्टर जी ने लोगों के दिल की बातें कही। कहा कि हमने राजनीति को सेवा का माध्यम माना। उत्तराखंड के लोग विभिन्न दलों से जुड़े। उनके सीधेपन का दलों ने लाभ उठाया। लाभ उठाते-उठाते अब राजनीतिक दल उत्तराखंड के लोगों को राजनीतिक तौर पर हाशिए पर पहुंचाने लगे हैं। संवैधानिक व्यवस्था में भी उत्तराखंड के लोगों को राजनीतिक दल मौका देने को तैयार नहीं हैं। ये हमारे हितों पर चोट है। हमे जागना चाहिए। ये चुनाव राजनीतिक दलों को जवाब देने का है। अपने हिस्से का विकास और अपनी राजनीतिक हैसियत के साथ समझौता नहीं होना चाहिए।उन्होने सवाल किया कि हम राज्य निर्माण में हमारे लोगों ने अपनी जानें दी हैं। हर परिवार ने व्यवस्था का जुल्म ढाया है। राजनीतिक दलों को बताना चाहिए कि जिन्हें वो मेयर की कुर्सी पर बिठाना चाहते हैं वो राज्य आंदोलन में कहां थे।

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उन्होंने नगर की बेहतरी के लिए अपनी योजनाएं भी लोगों के साथ साझा की। कहा कि तीर्थनगरी ऋषिकेश का धार्मिक महत्व है। यहां गंगा के संरक्षण की जरूरत है। इस पर काम नहीं हुआ है। कारण राजनीतिक दलों को वोट से मतलब है। यहां धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक मुददों से उन्हें कोई लेना देना नहीं है। मन्नु कोठारी, राहुल रावत, संजय सकलानी, नरेंद्र सिंह नेगी, विजय चौहान, सरोजनी देवी, मोहित डिमरी, गुडडू जेठड़ी, मान सिंह पंवार, दीपक कंडवाल, सुनील पंचभैया, शैलेंद्र मिश्रा, मस्तान सिंह रावत, मनोज पुंडीर, सब्बल सिंह रावत, कुसंम जोशी, पुष्पेंद्र पुंडीर, प्रवीण ध्यानी, हरीश रावत, कुमेर रावत, रमाबल्लभ भटट, अरविंद सिंह रावत, बृजमोहन थपलियाल, जबर सिंह रौतेला आदि मौजूद रहे।

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