ऋषिकेश :ब्राजील से यहां मां गंगा मुझे बुला लेती है और मैं खिंचा चला आता हूं, भारत में हमें संस्कार देखने को मिलते हैं जो विदेशों में नहीं मिलता है :श्री प्रेम बाबा
अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक गुरु प्रेम बाबा अपने शिष्यों के साथ आज योगालय आश्रम पहुंचे, हुआ भव्य स्वागत
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मनोज रौतेला की रिपोर्ट-
ऋषिकेश : रविवार को अंतरराष्ट्रीय वैदिक फाउंडेशन हिमालया योगालय आश्रम में अपने विदेश प्रवास के बाद अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक गुरु प्रेम बाबा अपने शिष्यों के साथ योगालय आश्रम पहुंचे. आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी शंकर तिलक जी महाराज एवं तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने प्रेम बाबा का भव्य स्वागत किया गया. जिसमें विदेशी साधकों ने हिंदू रीति-रिवाजों के मुताबिक वेद मंत्रों के द्वारा आए हुए अतिथियों का स्वागत किया. पुष्प वर्षा कर सभी को उत्तरीय उड़ा कर पुष्पमाला पहनाकर सभी का अतिथि सत्कार किया गया.
अध्यात्मिक गुरु प्रेम बाबा ने कहा की भारत के संस्कार ही मुझे अपने देश ब्राजील से जहां-जहां मेरे विदेशों में लाखों की संख्या में मेरे साधक रहते हैं उनके साथ में तीर्थ नगरी ऋषिकेश उत्तराखंड में खिंचा चला आता हूं. यहां मां गंगा मुझे बुला लेती है और मैं खिंचा चला आता हूं. भारत में हमें संस्कार देखने को मिलते हैं जो विदेशों में नहीं मिलता है.स्वामी शंकर तिलक जी महाराज ने कहा कि आज हम भारतीय संस्कृति का लोहा पूरे विश्व में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार साधकों के द्वारा किया जा रहा है वही आज पूरा विश्व सनातन धर्म संस्कृति को मान रहा है. कार्यक्रम का संचालन कर रहे तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य, आध्यात्मिक गुरु स्वामी प्रेम बाबा, स्वामी शंकर तिलक महाराज, स्वतंत्रता चैतन्य, आरती चैतन्य, गौरी चैतन्य, उमाया चैतन्य अनेक देश विदेश के साधक मौजूद रहे.