ऋषिकेश :  मंत्री  मुलुभाई बेरा, पर्यटन, पर्यावरण एवं वन, सांस्कृतिक गतिविधियाँ एवं जलवायु परिवर्तन गुजरात सरकार सपरिवार पधारे परमार्थ निकेतन

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  • स्वामी चिदानन्द सरस्वती  और साध्वी भगवती सरस्वती  के पावन सान्निध्य में विश्व विख्यात गंगा  की आरती में किया सहभाग
  • डॉ. माइकल जेंट्सच (हेडमास्टर) और  क्रिस्टोफर कम्मन (एक्सचेंज प्रोग्राम समन्वयक) हिट्टॉर्फ़ जिमनैजियम स्कूल, जर्मनी परमार्थ निकेतन गंगा आरती में सहभाग कर हुये गद्ग
  • हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा किया भेंट
  • सत्संग में सहभाग कर आध्यात्मिक जिज्ञासाओं को प्राप्त किया समाधान
  • धर्मानन्दन डायमड गु्रप के 1000 से अधिक पदाधिकारियों ने परमार्थ गंगा आरती में सहभाग कर लिया आनं
  • डिप्टी हाई कमिश्नर फिज़ी  निलेश कुमार  ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती  से भेंट कर लिया आशीर्वाद
  • स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने आनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती सम्मेलन में सहभाग कर दिया प्रेरणादायी उद्बोधन
  • द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती सम्मेलन में रूस, ब्रिटेन, चीन सहित 47 देशों के वैज्ञानिकों और सात हजार से अधिक प्रतिभागियों ने किया सहभाग
  • प्रकृति, पर्यावरण, धरती माता के साथ सामंजस्यपूर्ण संबंध स्थापित करने पर हुई चर्च
  • स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से आर आई (ऋषि इंटेलिजेंस) की ओर बढ़ने का दिया संदेेश
ऋषिकेश, 3 नवम्बर। परमार्थ निकेतन में माननीय मंत्री  मुलुभाई बेरा  (पर्यटन, पर्यावरण एवं वन, सांस्कृतिक गतिविधियाँ एवं जलवायु परिवर्तन, गुजरात सरकार) अपने परिवार के साथ पधारे। परमार्थ निकेतन के दिव्य व आध्यात्मिक वातावरण को देखकर गद्गद हुये। स्वामी चिदानन्द सरस्वती  और साध्वी भगवती सरस्वती  के पावन सान्निध्य में गंगा  की आरती में सहभाग किया। माननीय मंत्री  मुलुभाई बेरा  ने कहा कि पूज्य स्वामी  के नेतृत्व व मार्गदर्शन में परमार्थ निकेतन, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रहा है। इस अवसर पर हिट्टॉर्फ़ जिमनैजियम स्कूल, जर्मनी के हेडमास्टर डॉ. माइकल जेंट्सच और एक्सचेंज प्रोग्राम समन्वयक  क्रिस्टोफर कम्मन ने गंगा  आरती में सहभाग कर इस आध्यात्मिक अनुभव का लाभ उठाया और परमार्थ निकेतन की दिव्यताा और आत्मीयता का अनुभव किया।
धर्मानन्दन डायमंड ग्रुप के 1000 से अधिक पदाधिकारियों ने भी गंगा आरती में सहभाग कर इस दिव्य आयोजन का आनंद लिया। प्रतिवर्ष दीपावली के अवसर पर धर्मानन्दन डायमंड ग्रुप अपने कर्मचारियों को उन्हें आध्यात्मिक जागरण के लिये मां गंगा के तट परमार्थ निकेतन में लेकर आते हैं। पूरा गु्रप यहां पर रहकर इस दिव्यता व भव्यता का अनुभव करेते हैं और नूतन ऊर्जा लिये शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक आभा के साथ वापस लौटते हैं।फिजी के डिप्टी हाई कमिश्नर  निलेश कुमार  भारतीय संस्कार व संस्कृति को आत्मसात करने के लिये परमार्थ निकेतन प्रतिवर्ष आते हैं। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए एक अनमोल अनुभव है। स्वामी  के आशीर्वाद से वे अभिभूत होकर नई ऊर्जा के साथ यहां से लौटते हैं।स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने कहा कि व्यापार को आगे बढ़ाने के लिये और सफल बनाने के लिए पीआर (पब्लिक रिलेशंस) की आवश्यकता होती है, जबकि एक परिवार को आगे बढ़ाने के लिए प्यार और संस्कारों की अहम भूमिका होती है। आज के प्रतिस्पर्धी युग में, किसी भी व्यवसाय या उद्योग को बढ़ाने के लिए प्रभावी पीआर रणनीति अपनाना जरूरी है। पीआर के माध्यम से व्यवसायिक प्रतिष्ठान अपनी छवि को न केवल बाजार में स्थापित कर सकते हैं, बल्कि ग्राहकों के साथ एक मजबूत और विश्वासपूर्ण संबंध भी बना सकते हैं। कैसे बड़े-बड़े ब्रांड और कंपनियां पीआर का सही उपयोग कर अपनी उपस्थिति को मजबूती से स्थापित करती हैं और अपने उपभोक्ताओं के साथ विश्वास का सेतु बनाती हैं।वैसे ही परिवार को आगे बढ़ाने के लिए प्यार और संस्कारों की आवश्यकता होती है। परिवार एक ऐसा संस्थान है जहां भावनात्मक और नैतिक समर्थन जरूरी है। एक खुशहाल परिवार वही होता है जहां प्यार और विश्वास का वातावरण हो। ये वे मूल्य हैं जिन्हें पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित करना जरूरी है। एक सफल और संतुलित जीवन के लिए आवश्यक है कि हम अपने परिवार में प्यार, सम्मान और विश्वास को बनाए रखें और इन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहें।स्वामी  ने अतिथियों को रूद्राक्ष का पौधा भेंट करते हुये प्रकृति, पर्यावरण और धरती माता के साथ सामंजस्यपूर्ण संबंध स्थापित करने का संदेश दिया।

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