ऋषिकेश : हाथी के खतरे के बीच जंगल में 108 एम्बुलेंस के अंदर हुआ इंसान का जन्म…जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ
ऋषिकेश : विकास की खूब बातें होती रहती हैं लेकिन उत्तराखंड के अभी भी कई गांव ऐसे हैं जहाँ से मरीज को शहर तक लाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है.ऐसे में मेडिकल एमरजेंसी जैसे हालात में इंसान को सिर्फ और सिर्फ ईश्वर पर भरोसा करना पड़ता है और या फिर जो आपके आस पास हैं उन पर यकीन. ताजा मामला, ऋषिकेश क्षेत्र से लगा हुआ किमसार का है. किमसार पौड़ी जिले में पड़ता है लेकिन ऋषिकेश शहर इसके नजदीक पड़ता है इसलिए एम्बुलेंस ऋषिकेश की तरफ से गयी रामजीवाला. लेकिन एम्बुलेंस को पहुँचने में लग गए 3 घंटे. रास्ता जंगल का और उबड़-खाबड़ ऊपर से हाथी का ख़तरा अलग से. कब कहाँ से हाथी निकल आये और हमला हो जाए पता नहीं. आखिर, तीन घंटे के बाद एम्बुलेंस पहुंची…एम्बुलेंस को फिर आने में उससे थोड़ा कम समय लेकिन इतना टाइम कहाँ था…आखिर गर्भवती महिला ने जन्म दे दिया जंगल में एम्बुलेंस के अंदर. तारीफ है एम्बुलेंस स्टाफ की जिसने सफल डिलीवरी करवा कर ड्यूटी के साथ-साथ मानवता का भी फर्ज निभाया. जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ है. वहीँ एंबुलेंस में नवजात शिशु की किलकारियां गूंजने से परिजनों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ पड़ी. जच्चा-बच्चा को ऋषिकेश में अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
दरअसल, 108 एंबुलेंस ऋषिकेश के ईएमटी अनुज प्रसाद के पास कॉल आयी शनिवार सुबह रामजीवाला, किमसार से. प्रसूता को प्रसव पीड़ा हो रहीं और हॉस्पिटल पहुंचाना है. जिसके आधार पर वह पायलट संजय राणा के साथ रामजीवाला के लिए निकल पड़े. रास्ता खराब होने के कारण वहां पहुंचने में करीब 3 घंटे लग गए. गर्भवती महिला और उसके परिजनों को लेकर ऋषिकेश वापस आ रहे थे. रास्ते में महिला को अत्याधिक प्रसव पीड़ा हो गयी. रास्ता खराब होने के कारण सरकारी अस्पताल ऋषिकेश जल्दी पहुंचना मुमकिन नहीं था. लिहाजा परिजनों की सलाह लेकर रास्ते में ही डिलीवरी करवाने को मजबूर होना पड़ा. ईएमटी अनुज प्रसाद ने बताया कि रामजीवाला निवासी 30 वर्षीय बीना देवी पत्नी बृजमोहन ने एंबुलेंस में ही नवजात शिशु को जन्म दिया और अब स्वस्थ हैं. #108Ambulance #rishikesh #health #india #uttarakhand