ऋषिकेश : श्रावण मांस में यदि मन्दिर जाने में असमर्थ हैं गंगा तट या अपने घर पर भी मिट्टी से पार्थिव लिंग की स्थापना करश्रद्धा भक्ति के जलाभिषेक कर सकते हैं: ब्यास पीठ

ऋषिकेश :ग्राम सभा खदरी खड़क माफ के चोपड़ा फार्म स्थित गली नम्बर पाँच में लोक कल्याण के लिए आयोजित शिव महा पुराण कथा के तीसरे दिन की कथा में व्यास पीठ वैष्णवाचार्य शिव स्वरूप नौटियाल ने शिवलिंग की महिमा का गुणगान किया।
व्यास पीठ ने कहा कि कलिकाल में श्रावण मास शिव लिंग पूजा के लिए सर्वोत्तम मास है।यदि मन्दिर जाने में असमर्थ हैं गंगा तट या अपने घर पर भी मिट्टी से पार्थिव लिंग की स्थापना करश्रद्धा भक्ति के जलाभिषेक कर सकते हैं।दुग्ध जल,घृत,शहद,दधि स्नान के चन्दन लेपन आदि के साथ रुद्राक्ष और बिल्व पत्र चढ़ाना श्रेयकर रहता है।ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।श्रावण मास में शिवलिंग पर जलाभिषेक से पाप नष्ट होते हैं।और मनोकामना पूर्ण होती है।देवभूमि उत्तराखंड में तो कंकर कंकर में शंकर का वास माना गया है।यहाँ भगवान भोलेनाथ स्वयं हिमालय पर विराजमान हैं।हमें प्रभु की सर्व व्यापकता का स्मरण करते हुए ही आचरण करना चाहिए।
किसी भी शुभकार्य से पूर्व भगवान का स्मरण करने से कार्य में सिद्धि प्राप्त होती है।कथा संचालक शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रान्त पर्यावरण प्रमुख पर्यावरण विद विनोद जुगलान ने कहा कि श्रावण मास में बिल्व पत्र, बरगद और पीपल का पौध रोपण से न केवल भोलेनाथ की कृपा होती है बल्कि ऐसे पौधों के संरक्षण से वातावरण शुद्ध होता है।इसलिए सनातन संस्कृति में वट,पीपल और बिल्वपत्र के पेड़ों को काटना पाप माना गया है।कथा श्रवण में पूर्व ग्राम प्रधान सरोप सिंह,विकास थपलियाल,सरत सिंह रावत,सूरत सिंह रमोला,प्रेम लाल कुलियाल, राजेन्द कुलियाल, जय सिंह चौहान,प्रभु लाल कोठियाल,फतेह चंद पाल,अनिता रावत,अनिता राणा,शशि भट्ट,आशा भट्ट,मधु चमोली, संतोषी देवी,सरिता कुलियाल, रजनी देवी,ज्योति राणा,कुसुम डबराल,शशि देवी,मीना कुलियाल, देवेश्वरी नेगी, कुसुम भट्ट सहित सैकड़ों की संख्या में कथा श्रवण का रसपान किया।