ऋषिकेश : शिवाजी नगर में खुद फंस गया “शिकारी बाज”, फड़फड़ाता रहा तीन दिन तक पतंग के मांझे में पेड़ पर, वन बिभाग ने किया रेस्क्यू
ऋषिकेश : शिवाजी नगर कॉलोनी में एक ‘शिकारी बाज’ खुद फंस गया इस बार. पतंज के मांझे में. एक पतंग पेड़ से उलझ गयी उस दौरान वहां पर सके साथ मांझा भी था. बाज अपनी उड़ान के दौरान इस पेड़ पर जैसे ही बैठा मांझे में उसके पंजे और पंख उलझ गए. यह घटना शिवाजी नगर इलाके में गली नंबर 18 की है. दरअसल, पिछले तीन दिन से यह बाज लटका हुआ था मांझे में उलझ कर. किस्मत में उड़ना था फिर से इसलिए आज युवकों की नजर पड़ी. इससे पहले लोगों ने देखा लेकिन लोग समझ नहीं पाए उलझा हुआ या फिर ऐसे कोई चिडया लटकी हुई है इसलिए लोग उलझन में थे. आज युवकों की जैसे ही नजर पड़ी तुरंत उन्होंने ऋषिकेश रेंज के रेंजर ललित मोहन सिंह नेगी को सूचना. वहां से मौके पर रेस्क्यू करने के लिए टीम भेजी गयी जिसमें राजेश बहुगुणा वन बीट अधिकारी और कमल सिंह राजपूत थे. बाज को टीम ने पेड़ में चढ़ कर नीचे उतारा.उसके पंजों और पंखों में उलझा हुआ मांझा कैंची से कटा गया. कमल सिंह राजपूत ने बाज को पानी पिलाया और उसके बाद बाज की हालत देखकर उसको उसके अनुकूल वातावरण में छोड़ दिया गया जंगल में. इसलिए कहते हैं जिंदगी में उड़ना होगा बाज को फिर से बाज बच गया. रेस्क्यू करने वाले कमल सिंह राजपूत ने बताया “बाज ठीक हालत में था लेकिन और कुछ देर मांझा में लटकता रहता पक्षी तो मांझा कसता चला जा रहा है, जान भी जा सकती थी या अंगों को काट सकता था मांझा बाज के”.
मांझा खतरनाक होता है-
पशु पक्षी के अल्वा इंसान भी अपनी जान से हाथ धो बैठता है मांझे से. कई लोगों की जान जा चुकी है राज्यों में. उत्तर प्रदेश में खास तौर पर कई केस हुए हैं जिसमें इंसान की जान चली गयी. चाइनीज मांझे को सरकार ने प्रतिबन्ध भी लगाया हुआ है.
बाज क्या होता है ?
बाज शिकारी पक्षी होता है. जो कि गरुड़ से छोटा होता है। इस प्रजाति में दुनिया भर में कई जातियाँ मौजूद हैं और अलग-अलग नामों से जानी जाती हैं।वयस्क बाज़ के पंख पतले तथा मुड़े हुए होते हैं जो उसे तेज़ गति से उड़ने और उसी गति से अपनी दिशा बदलने में सहायता करते हैं।आमतौर पर हम चीते को उसकी तेज रफ्तार से जानते है मगर कई ओर भी पशु-पक्षी है जो अपनी श्रेणियों में स्पीड के लिए पहचाने जाते है. बाज को पेरेग्राइन फाल्कन के नाम से भी जाना जाता है.यह पक्षी 320 किमी प्रति घंटे से भी अधिक गति से उड़ सकता है. यह माँसाहारी होता है. जंगलों में इसका जीवनकाल 17 वर्षो का होता है. मादा आकार में नर से ज्यादा बड़ी होती है. इनके शरीर की लम्बाई 13-23 इंच तथा पंख की लम्बाई 29-47 इंच. यह सिर्फ आसमान का सबसे तेज पक्षी ही नही बल्कि धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाला पक्षी है. छाती की मजबूत मांसपेशियाँ, लम्बे पंख और स्ट्रीमलाइन आकार के फाल्कन सही मायने में रफ्तार के लिए ही बने है. यह अंटार्टिका के अलावा अन्य सभी महाद्वीपों पर पाया जाता है. यह ऊँचे पहाडो , विस्तृत रेगिस्तान और जंगलो में रहना पसंद नही करता है. इसे नीली स्लेटी और उसी रंग के लम्बे नुकील पंखो और पेट पर सफेद एवं काले धब्बो से पहचाना जाता है. यह मीडियम साइज़ के चिड़िया जैसे बत्तख और चमकादड को अपना शिकार बनाता है. ये 2-3 वर्षो में ब्रीड करते है. इसकी नाक पर एक टयूबर सेल्स होते है जो डाइविंग के दौरान साँस लेने में मदद करते है. इसकी 1500-2000 प्रजाति होती है.
मादा फाल्कन एक बार में 3-5 अंडे देती है. इन्हें सबसे अच्छा फ्लाइंग मशीन कहा जाता है .घुमन्तु बाज UAE का राष्ट्रीय पक्षी है और इसे शिकागो का भी सिटी बर्ड घोषित किया हुआ है. द्वितीय विश्व युद्ध में कबूतरों द्वारा भेजे संदेशो को रोकने के लिए घुमन्तु बाज का इस्तेमाल किया जाता था. ये एक बार उड़ान भरने के बाद लगभग 6 से 8 घटें हवा में रह सकता है.