ऋषिकेश : परमार्थ निकेतन पधारे श्रम और रोजगार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भारत सरकार भूपेन्द्र यादव की गंगा आरती



- स्वामी चिदानन्द सरस्वती के पावन सान्निध्य में माननीय भूपेन्द्र यादव ने परमार्थ गंगा आरती में किया सहभाग
- परमार्थ निकेतन गंगा आरती में भारत के छः राज्यों से आये 35 गंगा प्रहरी और 23 घाटों के 36 पंडितों ने किया सहभाग
- भूपेन्द्र यादव को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का दिव्य पौधा और अंगवस्त्र आशीर्वाद स्वरूप किया भेंट
- पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली अपनाने हेतु किया प्रेरित
- स्वामी चिदानन्द सरस्वती को किया आमंत्रित..प्रकृति के पैरोकार व पहरेदार बने : स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश :परमार्थ निकेतन में आज श्रम और रोजगार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भारत सरकार भूपेन्द्र यादव पधारे। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के पावन सान्निध्य में गंगा आरती में सहभाग किया।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भूपेन्द्र यादव को रूद्राक्ष का पौधा आशीर्वाद स्वरूप भेंट किया। भारत के विभिन्न राज्यों से आये गंगा प्रहरी और गंगा जागरूकता एवं आरती प्रशिक्षण कार्यशाला में आये पंडितों को जल संरक्षण हेतु प्रेरित किया।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय खतरों से निपटने के लिये सभी को समेकित प्रयास करना होगा क्योंकि पर्यावरण की क्षति जीवन व जीविका दोनों को प्रभावित कर रही है।
स्वामी ने कहा कि जीवन में तीन चीजें बहुत महत्वपूर्ण है प्रकृति, संस्कृति और संतति, पर्यावरण संरक्षित रहेगा तो हमारी प्रकृति बचेगी, संस्कृति बचेगी और संतति भी बचेगी इसलिये आईये प्रकृति के पैरोकार व पहरेदार बने। भूपेन्द्र यादव ने कहा स्वामी महाराज के द्वारा गंगा सहित विभिन्न नदियों पर आरती का क्रम शुरू किया जो अब भी अनवरत जारी है, उसी का प्रभाव है कि आज हमारी नदियां स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त हो रही है। साथ ही आरती के माध्यम से हमारी नदियों व संस्कृति के प्रति चेतना का भाव जागृत हुआ है। हमारे यहां कहा जाता है प्रकृति रक्षति रक्षितः, अर्थात् प्रकृति उसकी रक्षा करती है, जो प्रकृति की रक्षा करता है इसलिये हम सभी को प्रकृति की रक्षा हेतु आगे आना होगा। प्रकृति के माध्यम से हम अपनी और अपनी आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह पूज्य स्वामी जी का प्रेम है कि मुझे 15 दिन में दो बार बुला लिया। उनका यह स्नेह, प्रेम, सौहार्द सदैव ही हम पर बना रहे। भूपेन्द्र यादव ने पूज्य स्वामी महाराज को एक विशेष कार्यक्रम हेतु आमंत्रित किया। परमार्थ निकेतन गंगा आरती में भारत के छः राज्यों से आये गंगा प्रहरियों ने सहभाग किया। स्वामी ने सभी को जल संरक्षण व पौधा रोपण का संकल्प कराया।