ऋषिकेश : संतों की उपस्थित से श्री राम तपस्थली ब्रह्मपुरी में माहौल भक्तिमय हुआ, महामंडलेश्वर दयाराम दास जी महाराज की अध्यक्षता में संत महात्माओं, महंत, महामंडलेश्वर ने मिलकर मनाई मकर संक्रांति

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ऋषिकेश : मकर संक्रांति के पवन पर्व पर आज महामंडलेश्वर दयाराम दास जी महाराज ने बताया कि सूर्य के उत्‍तरायण होने की खुशी में मनाया जाने वाला महान पर्व है. इस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में लगभग एक माह के लिए आते हैं. संक्रांति पर स्नान और दान पुण्य का विशेष महत्व है.

मान्यता है कि इस दिन किए गए दान का कई गुना फल प्राप्त होता है.दान का महापर्व है मकर संक्रांति। तिल, गुड़, खिचड़ी, कंबल आदि का दान। राशि के अनुसार दान। यानी जितना संभव हो सके दान। लेकिन आपको यहां एक बात बहुत जरूरी ध्यान रखनी चाहिए कि बिना गौ माता को दान किये सभी पुण्य कार्य अधूरे ही रहते हैं। शास्त्रों में गाय को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। तैंतीस कोटि देवी देवताओं का वास गौ माता में होता है। यदि कहीं और कुछ दान नहीं कर पा रहे हैं तो सिर्फ गाय माता को ही दान करके आप दान का पुण्य अर्जित कर सकते हैं। तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने बताया कि मकर संक्रांति पर कुछ वस्तुओं का गौ माता को दान करने से ग्रह दोष तो शांत होते ही हैं साथ ही एक विधि का अनुसरण कर आप शारीरिक पीड़ा से भी मुक्ति पा सकते हैं। गौ सेवा से कुंडली में सूर्य तेज होता है. अवसर पर महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज, तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य,प्रदीप गुप्ता लक्ष्मी गुप्ता स्वामी अखंडानंद सरस्वती, महंत पवन दास, महंत प्रमोद दास, महंत महावीर दास, महंत सुदर्शन दास, महंत धर्मदास आदि लोग मौजूद रहे.

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