ऋषिकेश : IDPL में केंद्रीय विद्यालय बंद होने के ‘संकट’ के चलते सुंदरी कंडवाल के नेतृत्व में सांसद निशंक से मिला शिष्टमंडल
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वीडियो में देखिये-
ऋषिकेश : बुधवार को IDPL में केंद्रीय विद्यालय (केवी) बंद होने के संकट के चलते वीर भद्र मंडल महामंत्री और मीरा नगर की पार्षद सुंदरी कंडवाल के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने हरिद्वार सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार डॉ रमेश पोखरियाल निशंक से मिला. जिसमें कहा गया है कि केंद्रीय विद्यालय ऋषिकेश विधानसभा के का एकमात्र विद्यालय है, जहां पर लगभग 1000 से 1200 छात्रा छात्राएं अध्यनरत हैं. ऐसे में बार-बार विद्यालय पर आने वाले संकट को खत्म किया जाना चाहिए. उन्होंने हरिद्वार सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात कर कहा कि केंद्रीय विद्यालय इसी स्थान पर स्थित रहे. ऐसे में केंद्रीय विद्यालय संगठन को इसी जमीन का स्थानांतरण किया जाना चाहिए.
बताया जा रहा है IDPL से दो बार स्कूल प्रबंधन को नोटिस भी मिल चुका है स्कूल खली कराने को लेकर ऐसे में इतने बच्चों का भविष्य का क्या होगा. अगर इधर उधर भी एडजस्ट करते हैं उनमें रायवाला और नरेंद्र नगर जो क्षेत्र कसे काफी दूर पड़ेगा. ऋषिकेश क्षेत्र से केंद्रीय विद्यालय का बंद होना क्षेत्र के लिए प्रतिष्ठा का सवाल भी है. इस तरह से शैक्षिक संस्थान अगर बंद होता है तो यह क्षेत्र के लिए ठीक बात नहीं है.
शिष्टमंडल ने बताया कि इससे पहले कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को भी ज्ञापन दे चुके हैं. जो क्षेत्र के विधायक भी हैं लेकिन हुआ कुछ नहीं. शिष्टमंडल ने मांग की विद्यालय को किसी भी तरह से यहां से न शिफ्ट किया जाए. केंद्रीय विद्यालय ऋषिकेश बहुत अच्छे लोकेशन शांत वातावरण और सुरक्षित स्थान पर स्थित है. अतः हर हाल में केंद्रीय विद्यालय को इसी स्थान पर पुनर्निर्माण किया जाए. डॉ निशंक ने कार्रवाई करते हुए केंद्रीय विद्यालय कमिश्नर से फोन पर बातचीत भी की. साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया विद्यालय इसी स्थान पर रहेगा. शिष्टमंडल ने फिलहाल जब तक विद्यालय का नवनिर्माण ना हो तब तक स्कूल बिल्डिंग की मरम्मत की भी मांग की. शीशमंडल में देहरादून जिला महामंत्री सुदेश कंडवाल ने भी सांसद डॉ निशंक से विद्यालय के बारे में बातचीत की और शीघ्र इस पर कार्रवाई का निवेदन किया. वहीँ इस दौरान ज्ञापन देने वालों में सुंदरी कंडवाल, सुदेश कंडवाल, अविनाश सेमल्टी. माया गले, बीना बडोला,कस्तूरी चौहान आदि मौजूद रहे.
समस्या क्या है ?
IDPL की जमीन प्रबंधन (भारत सरकार) से राज्य सरकार को ट्रांसफर हो गयी है. ऐसे में IDPL में रह रहे हैं लोगों को खाली कराये जाने के नोटिस जारी हुए है. विद्यालय को भी दो बार नोटिस मिला है. स्कूल बिल्डिंग की जर्जर हालत है. ऐसे में इसका पुनर्निर्माण कराया जा सकता है. स्कूल की बिल्डिंग अपनी बिल्डिंग नहीं है. इस वजह से समस्या पैदा हो रही है.