ऋषिकेश : एम्स के बाहर मेडिकल स्टोर पर लगाया ड्रग बिभाग ने ताला, बच्ची के पिता से की थी बदसलूकी नहीं दी थी दवाई
ऋषिकेश: शिवाजी नगर सड़क पर एम्स ऋषिकेश के पास न्यू साईं मेडिकल स्टोर पर टाला लगा दिया है. ड्रग बिभाग ने की कार्रवाई. तालाबंदी अग्रिम आदेश तक के लिए जारी रहेगी. शुक्रवार को ड्रग इंस्पेक्टर ने मेडिकल स्टोर पर ताला लगाकर बंद कर दिया है। दरअसल कई शिकायतें विभाग के पास गयीं थी लेकिन एक शिकायत पर बिभाग को कार्रवाई करने को मजबूर कर दिया. वह थी कुछ दिन पहले एम्स में उपचार कराने आयी मासूम बच्ची के पिता दवाई नहीं दी गयी थी. उसके बाद बच्ची के पिता ने शिकायत की थी. यह मेडिकल स्टोर एम्स के गेट नंबर के पास शिवजी नगर की गेट के पास पहली दुकान है. आगे सरकारी ऑफिस है पीछे यह दुकान है.बोर्ड में लिखा है बाकायदा एम्स की पहली और असली दुकान. फिर भी शिकायतें कई.
ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती ने यह कार्रवाई मेडिकल स्टोर के संचालक और कर्मचारियों के द्वारा लोगों के साथ दुर्व्यवहार करने और दवाइयां नहीं देने कि शिकायत मिलने के बाद की है।आपको बता दें कुछ दिनों पहले एम्स में भर्ती एक मासूम के इलाज के लिए दवाइयां नहीं देने का आरोप मेडिकल स्टोर संचालक पर लगा था। उससे पहले भी कई बार मेडिकल स्टोर संचालक पर इसी प्रकार के आरोप लगते रहे हैं। कई लोगों ने बताया दवाई कुछ मांगो दवाई कुछ पकड़ा देते थे, यह कहकर यह दवाई अच्छी है इसे ले जाओ करके. कई लोगों ने ये भी शिकायत की वहां पर स्टाफ का ब्यवहार मरीजों/तीमारदारों के साथ सही नहीं था. लगातार कई बार शिकायत मिलने के बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने निरीक्षण कर मेडिकल स्टोर संचालक को हिदायत भी दी थी। बावजूद इसके मेडिकल स्टोर संचालक अपनी हरकत से बाज नहीं आया। आपको बता दें, पहले यही स्टोर संचालक की दुकान एम्स के अंदर थी.
आखिर कार्रवाई इतनी देर में क्योँ ?
बड़ा सवाल यह भी इतना समय क्योँ लगा कार्रवाई करने में ? हिदायत क्योँ दी जब शिकायत मिली थी तो कार्रवाई करनी चाहिए थी. विभाग इससे पहले की शिकायतों को नजरअंदाज क्योँ कर रहा था ? आज जब उच्च अधिकारी के आदेश आये तो ड्रग इंस्पेक्टर भागी भागी पहुँच गयी कार्रवाई करने. वहीँ स्टोर संचालक भी कहता पाया मुझे आज ही नोटिस मिला है डाक द्वारा. आखिरकार, ड्रग इंस्पेक्टर को उच्चाधिकारियों के आदेश पर मेडिकल स्टोर पर ताला लगाना पड़ा। कार्रवाई के दौरान मेडिकल स्टोर संचालक और कर्मचारी ड्रग इंस्पेक्टर के साथ भी बहस करते हुए दिखाई दिए। ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बताया कि लगातार मेडिकल स्टोर संचालक की शिकायतें स्वास्थ विभाग को मिल रही थी। इस बाबत कई बार मेडिकल स्टोर संचालक को चेतावनी देकर छोड़ा गया। लेकिन मेडिकल स्टोर संचालक ना तो खुद सुधरा न हीं अपने कर्मचारियों को सुधारने की नसीहत दी। आखिरकार मजबूरी में स्वास्थ्य विभाग को मेडिकल स्टोर पर ताला लगाना पड़ा है।भारती ने बताया लाइंसेंस रद्द करने की संस्तुति तो हम इस मामले करेंगे ही. बाकी ड्रग्स ऐक्ट के तहत अन्य धाराओं में भी कार्रवाई तो होगी ही. देखना होगा ड्रग्स बिभाग सही में आगे कार्रवाई करता है या फिर कुछ दिन बाद स्टोर फिर खुला मिलेगा.
ड्रग (दवा) का कारोबार-
ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 3 (बी) मानव या पशुओं पर आंतरिक या बाह्य रूप से उपयोग की जाने वाली सभी दवाओं और उपकरणों को शामिल करने के लिए ” ड्रग यानी दवा” को परिभाषित करती है। पशुओं या मनुष्यों में किसी भी विकार या बीमारी का उपचार या रोकथाम, जिसमें मानव शरीर पर मच्छरों जैसे कीड़े को फैलाने के लिए तैयार की गई तैयारी भी शामिल है। इसमें उन सभी पदार्थों को भी शामिल किया जाता है जो कीड़े और दवा के सभी घटकों के विनाश के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है – जैसे कि जिलेटिन कैप्सूल। आयुर्वेदिक और यूनानी ड्रग्स को शामिल करने के लिए परिभाषा में 1964 में संशोधन किया गया था।
ड्रग लाइसेंस के प्रकार-
“दवा” – ड्रग की परिभाषा को देखते हुए, भारत में दवा बिजनेस को निम्नलिखित प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता होती है:
मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस – एक बिजनेस को जारी किया जाने वाला लाईसेंस है। यह लाइसेंस एलोपैथिक / होम्योपैथी दवाओं का मैन्यूफैक्चरिंग (निर्माण) निर्माण करने की अनुमति देता है।
बिक्री लाइसेंस – यह दवाओं की बिक्री के लिए जारी किया जाने वाला लाइसेंस है। यह निम्न पार्ट में बटा हैः
थोक दवा (ड्रग) लाइसेंस
रिटेल दवा (ड्रग) लाइसेंस
प्रतिबंधित दवाएं (ड्रग) बेचने का लाईसेंस
लोन लाइसेंस – एक बिजनेस को जारी किया जाने वाला लाइसेंस है। इस लाईसेंस में जो मैन्यूफैक्चरिंग यूनीट (विनिर्माण इकाई) का मालिक नहीं है, लेकिन वह दूसरे लाइसेंसधारी की मैन्यूफैक्चरिंग (विनिर्माण) सुविधाओं का उपयोग करता है।
आयात लाइसेंस – यह दवाओं के आयात के लिए जारी किया जाने वाला लाइसेंस है।
मल्टी-ड्रग लाइसेंस – यह लाईसेंस उन बिजनेसों के लिए जारी किया जाता है जो एक ही नाम के साथ कई राज्यों में अपने खुद के फार्मेसियों के मालिक हैं।
ड्रग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्तें (जरुरी पात्रता)
फार्मासिस्ट / सक्षम व्यक्ति: रिटेल बिजनेस (खुदरा व्यापार) के मामले में फार्मासिस्ट को योग्य होना चाहिए। ट्रेडर्स (थोक व्यवसाय) के मामले में, व्यक्ति को 1 वर्ष के अनुभव के साथ स्नातक होना चाहिए या 4 वर्ष के अनुभव के साथ स्नातक होना चाहिए।
जगह की आवश्यकता: जगह एक अन्य महत्वपूर्ण आवश्यकता (पात्रता) है, जो फार्मेसी / इकाई का क्षेत्र है। जगह कुछ इस प्रकार की होना चाहिएः
थोक और खुदरा लाइसेंस दोनों के लिए – 15 वर्ग मीटर।
अन्य सभी मामलों में – 10 वर्ग मीटर।
दुकान जगह (बिक्री परिसर) की स्पष्ट ऊंचाई भारत के राष्ट्रीय भवन संहिता 2005 के तहत निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार होना चाहिए।
स्टोररेज सुविधा (भंडारण सुविधा): एक अन्य महत्वपूर्ण आवश्यकता (पात्रता) स्टोरेज (भंडारण) की सुविधा है। क्योंकि कुछ दवाओं को कम तापमान, रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर में रखना (संग्रहित) करना आवश्यक होता है।
ड्रग लाइसेंस के लिए आवेदन
दवा (ड्रग) लाइसेंस प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित स्टेप फॉलो करना होता हैः
आवेदक को ड्रग (दवा) बिजनेस के लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा, जिसके लिए आवेदक के पास एक वैध ईमेल आईडी और मोबाईल नंबर होना चाहिए।
अगले स्टेप में सभी जरुरी कागजी दस्तावेजों को अपडेट रखना है।
इसके बाद कागजी दस्तावेजों और फॉर्म को लागू फीस के साथ अपलोड करना होता है।
ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी होने पर, एक निरीक्षक साइट पर जाएगा और दस्तावेजों की वैधता को सत्यापित करेगा।
यदि उपरोक्त सभी चरणों का विधिवत अनुपालन किया गया है, तो प्राधिकरण ड्रग लाइसेंस जारी करेगा।
लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची
दवा (ड्रग) बिक्री लाइसेंस प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित आवश्यक कागजी दस्तावेज चाहिए होता हैं:
यूनिट (इकाई) का गठन – मेमोरंडम ऑफ एसोसिएशन (एमओए), एक कंपनी के लिए एसोसिएशन (एओए), साझेदारी विलेख, साझेदारी और एलएलपी के मामले में एलएलपी समझौता पत्र।
पार्टनर / डायरेक्टर / प्रोपराइटर का आईडी प्रूफ।
दवा दुकान परिसर से संबंधित दस्तावेज – संपत्ति के स्वामित्व के दस्तावेजों की कॉपी या जैसा कि मामला हो सकता है।
साइट की योजना और परिसर की मुख्य योजना।
लाइसेंस प्राप्त करने की अनुमति देने वाले बोर्ड संकल्प की प्रति।
कोल्ड स्टोरेज, रेफ्रिजरेटर आदि के रूप में भंडारण स्थान की उपलब्धता का प्रमाण।
शुल्क जमा करने के प्रमाण के रूप में चालान की प्रति।
प्रोपराइटर / पार्टनर / डायरेक्टर और फर्म के गैर-दोषी होने के संबंध में शपथ पत्र।
पंजीकृत फार्मासिस्ट / सक्षम व्यक्ति से शपथ पत्र।
एक रिटेल सेल (खुदरा बिक्री) पर एक फार्मासिस्ट के लिए निम्न कागजात चाहिए होगा:
योग्यता का प्रमाण
स्थानीय फार्मेसी परिषद का पंजीकरण
नियुक्ति पत्र
क्र. सं | फॉर्म नंबर | किस कार्य के लिए यह फॉर्म भरना है |
1 | फॉर्म 19 | शेड्यूल X में प्रदर्षित लोगों के अलावा दवा (ड्रग) बेचने, लाईसेंस रिन्यू करने, किसी और को दवा बेचने का लाईसेंस देने या दवा (ड्रग्स) वितरित करने के लिए के लिए आवेदन किया जाता है। |
2 | फॉर्म 19A | दवा बेचने का लाईसेंस के लिए, प्रतिबंधित दवा बेचने का लाईसेंस के लिए, दवा बेचने का लाईसेंस वीनीकरण के लिए या रिटेल (खुदरा) विक्रेताओं द्वारा ड्रग्स वितरित करने के लिए जो योग्य व्यक्ति किसी सेवा में संलग्न नहीं होते हैं। |
3 | फॉर्म 19B | बिक्री, स्टॉक या प्रदर्शन या बिक्री के लिए प्रस्ताव, या होम्योपैथिक दवाओं को वितरित करने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन। |
4 | फॉर्म 19C | शेड्यूल X में वर्णित दवाओं को बेचने का लाईसेंस के लिए, बेचने का लाइसेंस नवीनीकरण करने के लिए, थोक में दवा बेचने का लाईसेंस के लिए आवेदन। |
5 | फॉर्म 24 | लाइसेंस के अनुदान के लिए या लाइसेंस के नवीकरण के लिए या बिक्री के लिए या दवाओं के वितरण के लिए निर्माण करने के लिए आवेदन [अनुसूची सी, सी (1) और एक्स] में निर्दिष्ट किए गए हैं। |
6 | फॉर्म 24A | अनुसूची सी, सी (1) और X में वर्णित के अलावा अन्य दवाओं के विक्रय या वितरण के लिए एक लोन लाइसेंस या लोन लाइसेंस के नवीकरण के लिए आवेदन। |
7 | फॉर्म 24B | अनुसूची सी और सी (1) में निर्दिष्ट दवाओं को छोड़कर, ड्रग्स की बिक्री या वितरण के लिए लाइसेंस के अनुदान या नवीकरण के लिए आवेदन, अनुसूची Xमें निर्दिष्ट उन लोगों को छोड़कर। |
8 | फॉर्म 24C | होम्योपैथिक दवाओं की बिक्री के लिए [या वितरण के लिए] लाइसेंस के अनुदान या नवीकरण के लिए आवेदन या फॉर्म २०-सी में लाइसेंस रखने वाले लाइसेंसधारियों द्वारा बैक पोटेंसी से शक्तिशाली तैयारी तैयार करने का लाइसेंस। |
9 | फॉर्म 24F | अनुसूची X में निर्दिष्ट दवाओं के वितरण या बिक्री के लिए और लाइसेंस सी और सी (1) में निर्दिष्ट नहीं करने के लिए लाइसेंस देने के लिए अनुदान या नवीकरण के लिए आवेदन। |
10 | फॉर्म 27 | अनुसूची सी और सी और बी (अनुसूची 1) में निर्दिष्ट दवाओं को छोड़कर अनुसूची सी और सी (1) में निर्दिष्ट दवाओं के वितरण या बिक्री के लिए निर्माण करने के लिए लाइसेंस के अनुदान या नवीनीकरण के लिए आवेदन |
ड्रग लाइसेंस क्या है?
दवा का बिजनेस करने के लिए सरकार से अनुमति लेना होता है। सरकार से जो अनुमति मिलती है, उसे ड्रग लाइसेंस कहते हैं। ड्रग लाइसेंस के तहत रिटेल रुप से दवा बेचने के लिए, थोक में दवा का व्यपार करने के लिए और अपना लाइसेंस किसी और को देने के लिए ड्रग लाइसेंस मिलता है।
ड्रग लाइसेंस के लिए कैसे आवेदन करें?
ड्रग लाइसेंस के लिए विभिन्न चरण के तहत आवेदन किया जाता है। ड्रग लाइसेंस रजिसट्रेशन की प्रक्रिया अलग अलग राज्यों में अपने अपने नियमों के अनुसार होती है। ड्रग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाता है।
क्या किसी भी तरिके से दवा का कारोबार करने के लिए ड्रग लाइसेंस लेना जरुरी होता है?
हां। दवा (ड्रग) का कारोबार करने के लिए लाइसेंस अनिवार्य तौर पर चाहिए होता।
दवा लाइसेंस लेने के लिए, क्या मेरी दुकान कामर्शिल जोन में होना अनिवार्य है?
दवा बेचने का लाइसेंस लेने के लिए दुकान का आकार सरकार के द्वारा स्थापित मापदंड़ो के अनुसार होना अनिवार्य होता है। दुकान का कामर्शियल जोन में होना अनिवार्य नहीं होता है।
फार्मास्यूटिकल बिजनेस के लिए कितने प्रकार के लाइसेंस जारी किए जाते हैं?
1- फार्मास्यूटिकल बिजनेस करने के लिए निम्न प्रकार के लाइसेंस जारी किये जाते हैः 2- मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस 3- बिक्री लाइसेंस – तीन प्रकार का होता है- 1)थोक दवा (ड्रग) लाइसेंस 2)रिटेल दवा (ड्रग) लाइसेंस 3)प्रतिबंधित दवाएं (ड्रग) बेचने का लाईसेंस 4- लोन लाइसेंस 5- आयात लाइसेंस 6- मल्टी-ड्रग लाइसेंस
ड्रग लाइसेंस प्राप्त करने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
ड्रग (दवा) का लाइसेंस प्राप्त करने का मूल उद्देश्य दवा का कारोबार करना होता है। ड्रग लाइसेंस प्राप्त करने के बाद रिटेल रुप मे, होलसेल के तौर और प्रतिबंधित दवाओं का बिजनेस करना उद्देश्य होता है।
मैं अपने ड्रग लाइसेंस का नवीनीकरण कैसे करवा सकता हूं?
लायसेंसधारी को रिन्युवल की फीस जमा करना होता है। इसके बाद की सभी प्रक्रिया विभाग द्वारा पूर्ण किया जाता है।
ड्रग लाइसेंस की फीस कितना होती है?
ड्रग लाइसेंस की फीस लाइसेंस के प्रकृति के अनुसार तय होती है। शेड्यूल एक्स में वर्णित बिजनेस के लिए ड्रग लाइसेंस फीस कुछ इस प्रकार हैः 1- थोक दवा (ड्रग) लाइसेंस – लाइसेंस फीस 1500 रुपये 2- रिटेल दवा (ड्रग) लाइसेंस – लाइसेंस फीस 1500 रुपये प्रतिबंधित दवाएं (ड्रग) बेचने का लाईसेंस – लाइसेंस फीस 500 रुपये