ऋषिकेश : बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय पर हमलों का विरोध..कांग्रेस का केंद्र के खिलाफ उग्र प्रदर्शन, बताया विदेश और पड़ोस नीति फेल
- भारत की विदेश नीति फेल, वो भी खास तौर पर पड़ोस नीति फेल…..केंद्र सरकार एक्शन नहीं ले रही है -जयेंद्र रमोला
- मणिपुर जल रहा है, भाजपा सरकार चुप है, बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय के खिलाफ हिंसा से हर कोई सिहर उठा है-राकेश सिंह एडवोकेट
- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए भारत सरकार को बांग्लादेश से राजनयिक सम्बन्ध तोड़ने जैसे कडे कदम उठाये जायं-कांग्रेस
ऋषिकेश : बुधवार को रेलवे रोड स्थित कांग्रेस भवन के आगे #कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार का #पुतला #दहन किया. बंगलादेश में हिन्दू समुदाय के खिलाफ हो रहे हिंसा के विरोध में और केंद्र सरकार की ख़ामोशी के विरोध में. साथ ही आरोप लगाया मणिपुर मामले में ये भाजपा सरकार चुप है. बरिष्ठ कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला ने प्रधानमंत्री पर भी आरोप लगाए. बोले, वे कुछ एक्शन नहीं ले रहे हैं. केंद्र सरकार की विदेश नीति और पड़ोस नीति फेल है. आज नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान,चीन और अब बांग्लादेश के साथ सम्बन्ध कैसे हैं सब जानते हैं. तो फिर पड़ोस में अच्छे सम्बन्ध नहीं हैं तो अन्य जगहों पर क्या उम्मीद कर सकते हैं ? २०१४ में प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली यात्रा भूटान गए थे, पड़ोसी देशों से सम्बन्ध मजबूत करने के लिए लेकिन हुआ क्या अब ?
महानगर अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा बाग्लादेश में हिन्दुओं पर बढ़ते अत्याचारों को रोकने और मणिपुर की जनता पर हो रहे भीषण अत्याचार को रोकने में भारत सरकार की विफलता सबके सामने है. आज ऋषिकेश महानगर आक्रोशित कांग्रेसजनों ने केंद्र सरकार का पुतला दहन किया है। महानगर अध्यक्ष राकेश सिंह एडवोकेट व पीसीसी सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा है कि जिस तरह से हर रोज मीडिया के माध्यम से बांग्लादेश में हिन्दुओं पर बढते अत्याचारों की खबरें आ रही हैं वह अत्यन्त पीड़ा दायक है. आज केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा कोई ठोस कदम न उठाये जाने के विरोध में केंद्र सरकार का पुतला दहन किया गया. यह भी कहा कि भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद वहां पर रह रहे अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर लगातार अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं. हिन्दुओं के साथ सरेआम लूटपाट एवं उनके धार्मिक स्थलों में आगजनी की घटनायें हो रही है. साथ ही मणिपुर जिस तरह विगत 2–वर्षों के अधिक समय से जल रहा है. वहां बेटी–बहनों के साथ बलात्कार व निर्वस्त्र घुमाने जैसी घटनाएं किसी से छुपी नहीं हैं. अनगिनत निर्दोषों की हत्याएं हो गई है. ऐसा लगता है मणिपुर भारत का हिस्सा नहीं है. इन भाजपा के पापी नेताओं के कथनी और करनी में फर्क की वजह से मणिपुर बर्बाद हो गया है. केंद्र की भाजपा सरकार तमाशा देख रही है. भाजपाइयो मणिपुर भी भारत में है….कब वहां के हिंदू भाइयों के लिए भी आवाज उठाएंगे ? और कब मणिपुर के साथ न्याय करोगे। आज केन्द्र की पूरी मोदी सरकार बांग्लादेश के हिन्दुओं व मणिपुर राज्य के नागरिकों की रक्षा करने में पूरी तरह असफल साबित हुई है। इस दौरान, . वरिष्ठ कांग्रेस नेता मदन मोहन शर्मा व ललित मोहन मिश्र ने कहा कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री हसीना हिंदुस्तान में सुरक्षित है और हमारे हिन्दू भाई वहां परेशान है। मणिपुर जल रहा है और प्रधानमंत्री व पूरी सरकार चुप है और भाजपाई सड़कों पर हिंदूओ का झूठा राग अलाप रहे हैं यही इनका असली चेहरा है जिसको जनता को समझाना पड़ेगा। जहां एक तरफ स्वo प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को करारा जवाब देकर अलग बांग्लादेश की नींव रखी थी वही पूरे विश्व में डंका बजने की बात कहने वाली केंद्र की भाजपा सरकार बांग्लादेश के हिन्दुओं की रक्षा के लिए कुछ भी नहीं कर पा रही है। अपने आप को हिन्दुओं पार्टी कहने वाली भाजपा और आरएसएस बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के मामले में चुप हैं. मणिपुर हिंसा का तो भाजपाई नेता व कार्यकर्ता नाम भी नहीं लेते हैं । सिर्फ दिखावा करना गम्भीर चिंता का विषय है। कांग्रेस पार्टी पुतला दहन कार्यक्रम के माध्यम से मांग करती है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए भारत सरकार को बांग्लादेश से राजनयिक सम्बन्ध तोड़ने जैसे कडे कदम उठाये जायं। पुतला फूकने वालों में मदन मोहन शर्मा, विजय पाल रावत, सुधीर राय, ललित मोहन मिश्र, चंदन पंवार, बैसाख पयाल, दीप शर्मा, शेर सिंह रावत, दीपक जाटव, निवर्तमान पार्षद भगवान पंवार, जगत नेगी, मधु मिश्रा, राजेंद्र कोठारी, सिंग राज पोसवाल, विक्रम भंडारी, अशोक शर्मा, संजय भारद्वाज, राजेश शाह, सरोजिनी थपलियाल, निर्मला कुमाईं, निशा भंडारी, रेनू नेगी, रोशनी देवी, प्रवीण गर्ग, अभिनव मालिक, मुकेश जाटव, ओम सिंह, जतिन जाटव, मनीष जाटव, ऋषभ राणा, हिमांशु जाटव, विनोद रतूड़ी, हिमांशु कश्यप, जीतू मुखर्जी, रणजीत सिंह, आदि कांग्रेसी मौजूद थे.