ऋषिकेश:आशा की किरण….मायूस युवाओं में नया जोश भरने की एम्स ऋषिकेश के अपर आचार्य डॉ. संतोष कुमार की पहल

Ad
ख़बर शेयर करें -
  • युवाओं में कॅरियर फोकस, आत्मविश्वास, सफलता और नशा मुक्ति की दिशा में अभिनव प्रयास
  • जीवन में अनेक कारणों से मायूस युवाओं में नया जोश भरने की एम्स, ऋषिकेश के अपर आचार्य डॉ. संतोष कुमार की पहल
ऋषिकेश : आज के प्रतिस्पर्धी युग में युवाओं पर शिक्षा, कॅरियर और सामाजिक अपेक्षाओं का दबाव लगातार बढ़ रहा है। बदलते समय में कॅरियर संबंधी असमंजस, सामाजिक मानदंडों का प्रभाव और आर्थिक अस्थिरता युवाओं को मानसिक तनाव, नशे की प्रवृत्ति और विभिन्न मानसिक विकारों की ओर धकेल रहे हैं।इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए “युवा जोश – Youth Upliftment Journey Towards Optimism, Strength and Harmony” नामक कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस पहल में एम्स, ऋषिकेश के सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग के अपर आचार्य तथा सोशल आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी यूथ वेलनेस एक्सपर्ट डॉ. संतोष कुमार युवाओं के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण और प्रेरक भूमिका निभा रहे हैं।
गौरतलब है कि, बदलते दौर में युवाओं की जरूरत व खासकर कॅरियर चयन संबंधी चुनौतियों, तमाम तरह की असमंजस की स्थितियों में उन्हें इस उलझन से निकालकर सही दिशा प्रदान करने के उद्देश्य से युवा जोश कार्यक्रम को वर्ष 2018 में शुरू किया गया था। युवा जोश प्रोग्राम तब से लेकर अब तक सततरूप से कॉलेजों, स्कूलों तथा विश्वविद्यालय में आयोजित किया जा रहा है। इसी क्रम में हालिया दिनों में इस कार्यक्रम का आईआईटी रुड़की, ग्राफ़िक एरा यूनिवर्सिटी, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी, श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी, एच एन बी गढ़वाल यूनिवर्सिटी, काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय वाराणसी, महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी जयपुर आदि संस्थानों में युवाओं को प्रेरित करने के उददेश्य से आयोजित किया गया है।डॉ. संतोष कुमार के अनुसार, आज के युवाओं के लिए केवल अकादमिक ज्ञान पर्याप्त नहीं है। उन्हें मानसिक दृढ़ता, आत्मविश्वास, भावनात्मक संतुलन और स्वस्थ जीवनशैली की भी आवश्यकता है, ताकि वह जीवन की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर सकें। उन्होंने बताया कि यह पहल केवल विचारों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों तथा सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों में सक्रिय रूप से प्राथमिकता के साथ लागू किया जा रहा है।
———————————————–
कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य:
-कॅरियर फोकस (Career Focus): युवाओं को उनके रुचि के अनुसार सही कॅरियर चुनने और उस पर निरंतर कार्य करने के लिए प्रेरित करना।
-लक्ष्य प्राप्ति (Goal Achievement): योजनाबद्ध तरीके से लक्ष्यों की ओर बढ़ने और असफलताओं से सीखने की भावना विकसित करना।
-आत्मविश्वास का विकास (Self-Confidence Development): समूह चर्चा, योग, ध्यान और मोटिवेशनल सत्रों के माध्यम से आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करना।
-संबंध प्रबंधन (Relationship Management): पारस्परिक संबंधों में सहयोग, संवाद और सहानुभूति का महत्व समझाना।
-भावनात्मक नियंत्रण (Emotional Regulation): तनाव, असफलता या दबाव की स्थिति में भावनाओं को संतुलित रखना सिखाना।
-नशा-रोकथाम और प्रबंधन (Addiction Prevention and Management): नशा किसी भी व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है। समय रहते नशे की रोकथाम और प्रबंधन से व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से सशक्त बन सकता है।
-डॉ. संतोष कुमार का मानना है कि यदि युवाओं को सही मार्गदर्शन और भावनात्मक स्थिरता प्रदान की जाए तो वह न केवल अपने कॅरियर में सफल होंगे बल्कि समाज और राष्ट्र के विकास में भी अपनी भूमिका सुनिश्चित कर सकेंगे।
——————————————–
एम्स, ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह के दिशा-निर्देशन में सोशल आउटरीच सेल के अंतर्गत “युवा जोश” कार्यक्रम अब तक विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के साथ साथ IIT दिल्ली और महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी, जयपुर (राजस्थान) में सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है।इन कार्यक्रमों के माध्यम से अब तक लगभग 5000 से अधिक युवा / छात्र-छात्राओं को शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आध्यात्मिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास किया जा चुका है। इसके साथ ही युवाओं को वित्तीय जागरूकता, निवेश के मूल सिद्धांत और आर्थिक स्वतंत्रता के महत्व से भी अवगत कराया जा रहा है। परिणामस्वरूप युवाओं में आत्मविश्वास, संगठन क्षमता, लक्ष्य-उन्मुखता और आर्थिक सशक्तिकरण बढ़ा है और वह अपनी भावनाओं को सकारात्मक दिशा में नियंत्रित करना सीख रहे हैं।विशेषज्ञ चिकित्सक की यह पहल युवाओं के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक स्वास्थ्य और नशा-रोकथाम को मजबूत करते हुए उन्हें आत्मनिर्भर, जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में एक मिसाल बन चुकी है।

Related Articles

हिन्दी English