ऋषिकेश : पोलैंड के रहने वाले पावेल क्वास्निविस्की ने अपनाया सनातन धर्म, वैदिक पद्धित से कराया नामकरण संस्कार यज्ञ 

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  • पूरे रीति रिवाजों से आध्यात्मिक नाम रखा
  • वैदिक पद्धित से कराया नामकरण संस्कार यज्ञ
  • शुद्धीकरण, मंत्रजाप और ‘अपने पसंद का नाम रखा’
  • पोलैंड देश के पावेल क्वास्निविस्की  से वने पावेल कालिदास क्वास्निविस्की
  • सनातन धर्म  अपनाने के बाद  काली की शुरू की है पूज
  • नामकरण संस्कार से व्यक्तित्व पर पड़ता है प्रभाव – ज्योतिषाचार्य सोनिया राज 
ऋषिकेश : पूर्णानंद घाट, जानकीपुल पर भारती सनातन धर्म द्वारा वैदिक पद्धति से नामकरण संस्कार यज्ञ कराया गया। पीतांबर धारण किए  देश पोलैंड के पावेल क्वास्निविस्की  धोती और जनेऊ पहन पूजन के दौरान सनातनी भाव में डूबे हुए नजर आए। विधि-विधान व दीक्षा की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पावेल क्वास्निविस्की  ने बताया कि वे मां काली की शरण में जाने और उच्च साधना के लिए मंत्र की दीक्षा ली है। सनातन नाम रखने से उन्हें एक अलग शांति और ऊर्जा की अनुभूति हो रही है।
पावेल क्वास्निविस्की  ने आध्यात्मिक नाम अपनाने के बाद मां काली की पूजा करनी शुरू कर दी है। पावेल क्वास्निविस्की  का दावा है कि सनातन धर्म अपनाकर वह बेहद खुश है और उसे किसी तरह का पछतावा नहीं है। बल्कि वह खुद पर गौरवान्वित महसूस कर रहा है। वह गायों की रक्षा करने और उन्हें हत्या से बचाने की मुहिम से जुड़कर सेवा करना चाहते हैं। अब वह आगे का जीवन अपने गुरुदेव और सनातन धर्म की सेवा में लगाएंगे।ज्योतिषाचार्य सोनिया राज ने दीक्षा दिलाई। आचार्य सोनिया राज ने उन्हें नया नाम भी दिया। पावेल क्वास्निविस्की अब पावेल कालिदास  के नाम से पहचाने जाएंगे।आचार्य सोनिया राज ने कहा कि नामकरण संस्कार का व्यक्ति के जीवन में बहुत प्रभाव होता है, इसलिए व्यक्ति का नाम बहुत सोच समझकर ही रखना चाहिए।
ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी ने कहा कि सनातन धर्म की महत्ता इतनी है कि उसे मात्र चंद वाक्यों में समझा या बता पाना नामुमकिन है। भारत देश और सनातन धर्म एक दूसरे से बंधे हुए हैं। जहां एक ओर भारत देश बड़ी-बड़ी हस्तियों को अपनी ओर आकर्षित करता है तो वहीं, सनातन धर्म की पवित्रता देख कई बड़े सितारे खुद को इसमें लीन होने से नहीं हो पाते हैं। अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी जी पावेल क्वास्निविस्की  से बने पावेल कालिदास को शुभकामना दी। इस अवसर पर आचार्य अभिनव पोखरियाल, देश पोलैंड पॉवेल अपनी माता जी संग एवं उनकी ख़ास मित्र ओला उनके इस कार्यक्रम में शामिल रहे।

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