आवास विकास स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज में अभिभावक सम्मेलन आयोजित

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  • शिक्षा जीवन में सफलता की कुंजी है- प्रधानाचार्य उमाकांत पंत
ऋषिकेश :  आवास विकास स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज में प्रधानाचार्य उमाकांत पंत के कुशल नेतृत्व में विवेकानंद योगसभागार में छात्र छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु अभिभावकों और शिक्षकों के मध्य विचारों का आदान प्रदान कर एक अभिभावक सम्मेलन का आयोजन किया गया ।कार्यक्रम में अभिभावकों ने विद्यालय के मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कहा कि छात्र हित में विद्यालय निरंतर ही चाहे अतिरिक्त क्लास हो, या शैक्षिक गतिविधियां और योग ,सांस्कृतिक खेलकूद अनेकों प्रयासों द्वारा अभिभावकों के मन की कर रहा है,लेकिन आज का बच्चा अपने मन की कर रहा है हम सभी को उस और ध्यान देना होगा कि कैसे छात्र का उत्तरोत्तर विकास हो। सम्मलेन में माधवसेवा सदन के संचालक समिति के सम्मानित सदस्य विजय ने सभागार में उपस्थित सभी अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्यालय आपका और हम सभी इसके घटक हैं छात्र हित में जो बेहतर होगा उसके लिए आपके सुझाव हमारे लिए एक अनमोल मोती का कार्य करेंगे. क्योंकि शिक्षा हमारे भविष्य की नींव है, जिसे हमें मजबूती से निर्माण करना चाहिए,तभी तो विद्या भारती का लक्ष्य पूर्ण होगा।
 प्रधानाचार्य उमाकांत पंत ने विद्यालय परिवार की और से आए अतिथिबंधुओ और अभिभावकों का अभिवादन करते हुए कहा कि शिक्षा जीवन में सफलता की कुंजी है, और शिक्षक अपने छात्रों के जीवन पर स्थायी प्रभाव डालते हैं जिससे वह अपने जीवन में सफल होते हैं। जो लोग सोचना जानते हैं, उन्हें किसी सिखाने वाले की ज़रूरत नहीं होती। शिक्षा का कार्य गहराई से और गंभीर रूप से सोचना सीखना है। बुद्धिमत्ता के साथ चरित्र – यही सच्ची शिक्षा का लक्ष्य है। इसी के लिए विद्या मंदिर परिवार निरंतर प्रयासरत हैं।विद्यालय के मीडिया प्रभारी नरेन्द्र खुराना ने बताया कि आज कक्षा 6,7,8,9,11 गृह परीक्षाओं की अर्धवार्षिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाएं दिखाकर भी उन्हें बच्चे की शैक्षिक प्रगति से अवगत कराया गया। वरिष्ठ आचार्य रामगोपाल रतूड़ी के चले कार्यक्रम संचालन में  उपप्रधानाचार्य नागेन्द्र पोखरियाल,मीरा रतूड़ी(प्रबन्ध समिति कोषाध्यक्ष),नन्द किशोर भट्ट, डॉ. सुरेन्द्र बडोला,रविन्द्र सिंह परमार, रजनी गर्ग,सतीश चौहान,कर्णपाल बिष्ट,आरती बडोनी,वीरेन्द्र कंसवाल, सुहानी सेमवाल और लगभग 625 अभिभावकगण उपस्थित रहे।

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