ऋषिकेश : चुनौतियों को पार करते हुए RVNL ने जताई उम्मीद, 2024 के बजाय 2026 तक ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल पहुंचेगी, आज का दिन खास
कोरोना काल व् अन्य अड़चनों के कारण कार्य प्रभावित हुआ है, हमारी कोशिश होगी कि 2026 तक व्यासी तक रेल सेवा शुरू हो जाए, पहले दिसंबर 2024 था लक्ष : अजीत सिंह यादव
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- सुरंग संख्या 8 सबसे लम्बी है, 14.58 किमी लंबी होने के कारण इसमें निर्माण बोरिंग मशीन से किया जा रहा है : अजित सिंह यादव
- आज यानि बुधवार को पौड़ी नाला से सौड़ जो देवप्रयाग इलाके में पड़ता है, यहाँ तक 1278 मीटर लंबी सुरंग आर-पार हो जाएगी
ऋषिकेश : (मनोज रौतेला) RVNL यानी रेल विकास निगम लिमिटेड की स्थापना की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा 19.12.2002 को प्रदान कर दी गई थी और यह कंपनी अधिनियम, 1956 के अधीन कंपनी के रूप में 24 जनवरी 2003 को पंजीकृत हो गई थी। यह 100% केंद्रीय सरकार के स्वामित्व वाला सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। जो ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का निर्माण कर रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के लिए आने वाले दिन महत्वपूर्ण होंगे। लेकिन आज का दिन भी खास होगा। आज यानि बुधवार को पौड़ी नाला से सौड़ जो देवप्रयाग इलाके में पड़ता है, यहाँ तक 1278 मीटर लंबी सुरंग आर-पार हो जाएगी। रेRVNL के मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत सिंह यादव ने मंगलवार को ऋषिकेश में बाईरोड स्थित RVNL कार्यालय में पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी।
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यादव के अनुसार वर्ष 2026 तक ऋषिकेश से व्यासी तक रेल सेवा शुरू हो जाएगी। सब को ठीक रहा मौसम व् अन्य व्यवधान नहीं हुआ तो 2026 तक रेल प्रोजेक्ट पूरा करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने बताया, 2024 तक ऋषिकेश से कुछ किलोमीटर आगे ब्यासी तक रेल चलने की संभावना सम्भाना जताई जा रही है।पहले मान के चल रहे थे 2024 तक रेल चलनी शुरू हो जाएगी. लेकिन अब 2026 कहा जा रहा है। इस रेलवे लाइन में कुल 125 किमी रेल लाइन में करीब 104 किलोमीटर का हिस्सा अंडरग्राउंड सुरंगों से गुजरेगा। इस परियोजना में प्रतिदिन 170 मीटर सुरंग बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत 12 रेलवे स्टेशन का निर्माण होना है। मानसून को देखते हुए अतरिक्त पुल बनाये जायेंगे. सभी समबन्धित पल राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ेंगे। कुल 19 पुल बनने हैं। सुरक्षा के प्रोजेक्ट में खास उपाय किये जायेंगे। बाकायदा सभी जगह फायर फाइटिंग जोन हमेशा तैयार हो रहे हैं। एमरजेंसी में कैसे लोगों को बचाया जाए बाकायदा इसके लिए अतिरिक्त पानी के टैंकों का निर्माण किया जाएगा, साथ ही ट्रेन ड्राइवर को भी ट्रेनिंग दी जायेगी। आपातकाल हालात में कैसे और क्या करना है। सुंरग में ब्लास्ट जो किये जा रहे हैं वह ड्रिलिंग करके और फिर ब्लास्ट करके किये जा रहे हैं। क्योँकि कई जगह दरार आने पर लोगों ने विरोध पदर्शन करना शुरू कर दिया था। यादव का कहना है, लोग दरार से ज्यादा रात में जो ब्लास्टिंग से आवाज होती थी उससे परेशान थे। उसके लिए हमने उपाय किये हैं। साउंड प्रूफ बैरिकेडिंग की है ताकि घरों तक आवाज कम से कम जाए 70 -80 डेसीबल तक।
7 घंटे से केवल 3 घंटे रह जायेगा सफर ऋषिकेश से कर्णप्रयाग-
यादव ने जानकारी देते हुए बताया, RVNL हर रोज 170 मीटर सुरंग बना रही है। सफर के समय की बात करें तो केवल 3 घंटे में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग पहुँच सकते हैं। अभी लगभग सात घंटे लगते हैं। साथ ही सुरंग की बात करें तो 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है।