मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर औषधि विभाग की सख्त निगरानी, मेडिकल स्टारों, दवा कंपनियों और अस्पतालों में छापेमारी जारी


- प्रदेशभर में प्रतिबंधित कफ सिरप और निम्न गुणवत्ता की औषधियों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई जारी, अब तक 370 से अधिक सैंपल जांच हेतु संकलित
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के दिशा-निर्देशों पर स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. आर. राजेश कुमार के आदेशानुसार राज्यभर में औषधि विभाग द्वारा निम्न गुणवत्ता की औषधियों के विरुद्ध सघन औचक निरीक्षण अभियान संचालित किया जा रहा है। अभियान का नेतृत्व अपर आयुक्त (एफडीए) एवं ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी कर रहे हैं। उनके निर्देशन में राज्य के सभी जिलों में औषधि निरीक्षकों की टीमें लगातार फील्ड पर सक्रिय हैं। अब तक 370 से अधिक सैंपल जांच हेतु संकलित किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि राज्यभर की औषधि निरीक्षक टीमें सक्रिय रूप से काम कर रही हैं और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
रामनगर, देहरादून व रुड़की में औचक छापेमारी
जनपद नैनीताल में 14 अक्टूबर 2025 को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम द्वारा रामनगर के खताड़ी क्षेत्र में औचक निरीक्षण अभियान संचालित किया गया। बच्चों की सुरक्षा एवं कफ सिरप की गुणवत्ता को देखते हुए की गई इस कार्रवाई के दौरान गंभीर अनियमितताएं पाए जाने पर एक मेडिकल स्टोर को तत्काल प्रभाव से बंद कराया गया, जबकि दो मेडिकल स्टोरों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए एवं दो स्टोर मौके पर बंद पाए गए। संयुक्त टीम ने एक क्लीनिक का भी निरीक्षण किया, जहां से पांच औषधीय नमूने जांच हेतु संकलित किए गए। सभी प्रतिष्ठानों को शासन के निर्देशों एवं औषधि अधिनियम के प्रावधानों का पूर्ण पालन सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं। इस निरीक्षण में श्रीमती मीनाक्षी बिष्ट (वरिष्ठ औषधि निरीक्षक, नैनीताल), श्री नीरज कुमार (वरिष्ठ औषधि निरीक्षक, ऊधमसिंहनगर), श्रीमती अर्चना (औषधि निरीक्षक, नैनीताल), श्रीमती निधि शर्मा एवं श्री शुभम कोटनाला (औषधि निरीक्षक, ऊधमसिंहनगर) सम्मिलित रहे।
सेलाकुई स्थित औषधि विनिर्माण इकाइयों का निरीक्षण
इसी क्रम में देहरादून में औषधि निरीक्षक श्री मानेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में टीम द्वारा दून मेडिकल कॉलेज के समीप स्थित मेडिकल स्टोर्स और थोक विक्रेता फर्मों का औचक निरीक्षण किया गया। जांच के दौरान बच्चों के लिए प्रयुक्त खांसी एवं सर्दी-जुकाम की दवाएं अलग कर भंडारित पाई गईं, जिनके विक्रय पर रोक लगाई गई थी। टीम ने मौके पर उक्त दवाओं को सील कर अग्रिम आदेशों तक विक्रय न किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही सेलाकुई स्थित औषधि विनिर्माण इकाइयों का भी निरीक्षण किया गया, जहां से चार नमूने गुणवत्ता जांच हेतु संकलित किए गए।
सरकारी दवाओं का अवैध भंडारण व बिक्री
वहीं जनपद हरिद्वार के रुड़की क्षेत्र में औषधि निरीक्षक श्री हरीश सिंह एवं श्रीमती मेघा द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर एम/एस फलख नाज़ (ग्राम सलीयर) में छापेमारी की गई। इस दौरान बिना लाइसेंस के सरकारी दवाओं का अवैध भंडारण व बिक्री करते हुए पाया गया। टीम ने मौके से 12 प्रकार की एलोपैथिक दवाएं जब्त कीं, जिनमें राजस्थान व मध्यप्रदेश सरकार की सप्लाई की गई औषधियां भी सम्मिलित थीं। सभी दवाएं मौके पर सील कर फार्म 17–17ए के अंतर्गत जांच हेतु नमूने लिए गए। आगे की कार्रवाई Drugs and Cosmetics Act, 1940 के अंतर्गत की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह स्पष्ट किया है कि बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता है, तथा दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी स्थिति में प्रतिबंधित सिरप न दिए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा विभाग की कार्रवाई सतत और प्रभावी रहेगी। बच्चों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जोड़ा औषधि निरीक्षण अभियान लगातार जारी रहेगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि विभाग द्वारा यह अभियान सतत जारी रहेगा। बच्चों के स्वास्थ्य व जन सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अनधिकृत बिक्री, भंडारण या मिलावट में लिप्त पाए जाने वालों पर कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट है नागरिकों, खासकर बच्चों को केवल सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण औषधियां ही मिलें।