यमकेश्वर : बीमार महिला को देखिये उफनाती नदी के बीच पालकी में बैठाकर पहुंचाया अस्पताल

यमकेश्वर : बीमार महिला को पालकी में बैठाकर पहुंचाया अस्पताल।
यमकेश्वर विकास खण्ड के बुकंडी गांव की एक बीमार महिला को स्थानीय लोगों ने पालकी में बैठाकर उफनती बीन नदी पार करायी और अस्पताल पहुंचाया। दरअसल बैशाखी देवी पत्नी स्व योगेश्वर प्रसाद बेलवाल के परिवार में कोई नहीं है। वह 15 दिनों से वाइरल बुखार से पीड़ित से बीमार है। उनके भाई वीरेंद्र जोशी के प्रयासों से गाँव के लोग उनको पालकी में बैठाकर लाए। वह अब निर्मल हॉस्पिटल में भर्ती है।
इन दिनों बुकंडी गांव का सड़क संपर्क कटा हुआ है। ऐसे में बीमार पड़ी बैसाखी देवी को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने उन्हें पालकी से गंगा भोगपुर गांव तक पहुंचाने का फैसला किया यह गांव बुकुंडी से करीब 10 किलोमीटर दूर पड़ता है। इस गांव से टैक्सी के जरिये उनको ऋषिकेश अस्पताल पहुंचाया गया। दरअसल आपदा प्रभावित यमकेश्वर विकास खण्ड की तालघाटी में बरसात में स्थायी सड़क मार्ग नहीं होने से बरसात के चार महीनें स्थानीय निवासियों की जान पर भारी पड़ते हैं। यदि कोई बीमार हो जाए तो उन्हें नदी नाले पार कर 30 किलोमीटर दूर ऋषिकेश या हरिद्वार अस्पताल पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं है। बीन नदी पर पुल और यहां के लिए सड़क न होने से बरसात में इस क्षेत्र का सम्पर्क ऋषिकेश से कट जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि नौंगॉव विन्ध्यवासनी मोटर मार्ग खुल गया होता तो इस तरह जान जोखिम में डालकर मरीज को ले जाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता।
क्षेत्रवासियों द्वारा विन्ध्यवासनी तक ऑलवेदर सड़क और बीन नदी पर पुल की मांग की जा रही है। मगर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।पालकी में उठाने वालों में पूर्व प्रधान आनन्द सिंह रावत, विरेन्द्र जोशी, सोहन लाल कपरुवाण, सतेन्द्र रावत, हरी सिंह, विजय बड़थवाल, शमशेर सिंह यादव, भूरा कपरुवाण व सोनू आदि थे।