बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी सहित पदाधिकारियों ने चांई गांव स्थित सीता माता मंदिर में दर्शन पश्चात मंदिर जीर्णोद्धार तथा सौंदर्यीकरण हेतु स्थलीय अवलोकन किया


- सीतामाता मंदिर चांई के बाद श्री नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ में दर्शन एवं मंदिर समिति कार्यालय का निरीक्षण अधिकारियों को दिये निर्देश दिये
ज्योर्तिमठ: श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने आज श्री बदरीनाथ धाम से मंदिर समिति के सहवर्ती मंदिर माता सीता माई मंदिर चांई (ज्योर्तिमठ) पहुंचकर जीर्णोद्धार नवनिर्माण तथा सौंदर्यीकरण हेतु स्थलीय निरीक्षण एवं अवलोकन किया सीतामाता मंदिर चांई के बाद श्री नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ में दर्शनकर मंदिर समिति कार्यालय का निरीक्षणकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये।इस दौरान उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती तथा उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण सहित बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी/ कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल सहित अधिकारीगण भी मौजूद रहे.

इससे पहले बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी तथा सभी पदाधिकारियों -अधिकारियों ने माता सीता माता मंदिर में दर्शन का पुण्य लाभ अर्जित किया तथा सीता माता मंदिर चांई के पुजारी सुशील चंद्र डिमरी ने पूजा अर्चना की।इसके तत्पश्चात बीकेटीसी अध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारी श्री नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ दर्शन को पहुंचे पूजा-अर्चना संपन्न की। उसके बाद मंदिर कार्यालय, मंदिर परिसर, सीसीटीवी कक्ष, आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी स्थल का निरीक्षण कर कर्मचारी उपस्थित पंजिका की भी जांच की एवं उपस्थित हेतु बायोमैट्रिक मशीन लगाने, मंदिर के सौंदर्यीकरण, सूचना बोर्ड लगाने के आदेश सहित अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए।

बीकेटीसी के सहवर्ती मंदिर माता सीता मंदिर चांई के संबंध में उल्लेखनीय है देवकन्या वेदवती के लंकापति रावण को दिये श्राप के कारण त्रेता युग में माता सीता रावण के अंत का कारण बनी। सत युग से माता वेदवती शिलारूप में चांई मंदिर में माता सीता वेदवती शिला के रूप में विद्यमान हैं बीते कुछ समय से सीता माता मंदिर चांई का मंदिर जीर्ण-शीर्ण हो चुका है.बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत करते हुए कहा कि सीता माता मंदिर चांई के नवनिर्माण तथा जीर्णोद्धार हेतु श्रद्धालुओं तथा स्थानीय जनमानस के सहयोग अपेक्षित है।से जिसके नवनिर्माण तथा जीर्णोद्धार हेतु मंदिर समिति ने प्रारंभिक सर्वे तथा उसके पश्चात डीपीआर तैयार की है।इसी क्रम में आज बीकेटीसी ने श्रद्धालुओं तथा महिला मंडल तथा ग्रामपंचायत से सीतामाता मंदिर चांई के नव निर्माण के बावत बातचीत की तथा सुझाव मांगे।

इस अवसर पर सीता माता मंदिर चांई में बदरीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल प्रभारी अधिकारी बदरीनाथ विपिन तिवारी, अवर अभियंता गिरीश रावत निजी सचिव प्रमोद नौटियाल प्रधान शंकर लाल, पूर्व प्रधान बृजेन्द्र पंवार, बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़,महिला मंगल दल अध्यक्ष रोशनी देवी, यशोदा देवी,ममता देवी आदि मौजूद रहे।वहीं बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि ज्योतिर्मठ में श्री नृसिंह मंदिर सहित आदि गुरु शंकराचार्य जी गद्दी स्थल स्थित है शीतकाल में ज्योर्तिमठ सहित योग बदरी पांडुकेश्वर में में शीतकालीन पूजा संपन्न होती है इस तरह ज्योर्तिमठ का विशेष महत्व है।श्री नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ में बीकेटीसी पदाधिकारियों एवं मुख्य कार्याधिकारी/ कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल, सहित मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान, अजय सती, पुजारी सुशील डिमरी,अमित देवराड़ी, आशीष नंबूदरी रामचंद्र सनवाल,प्रदीप बिष्ट, विजय सिह आदि मौजूद रहे।