चमोली : पिंडर घाटी में बैसाखी पर्व का आयोजन,देवताओं के प्रतीक निशाणों ने किया गंगा स्नान


चमोली : नारायणबगड़-नारायणबगड़ के पंती व थराली के कुलसारी पिंडर नदी तट पर देवडोलियों के गंगा स्नान के साथ ही बैसाखी बिखौती मेलों का आग़ाज़ हो गया। बैसाखी मेले में भक्तों की उमड़ी भीड़ सोमवार को पिंडर घाटी के कड़ाकोट व बधाणपटटी क्षेत्र के विभिन्न देव डोलियों के प्रतीक निशाणों ने संगम पर मिलन व गंगा स्नान किया।चमोली जिले की पिंडर घाटी उमंग और उल्लास में डूब गयी है। बैसाखी पर्व के साथ पूरी पिंडर वैली में मेलों का उत्सव शुरू हो गया है। ये मेले आज भी आपसी मेल-जोल का प्रतीक हैं। साथ ही पिंडर घाटी की पौराणिक परंपराओं को जीवंत करने में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। बैसाखी का पर्व सिर्फ पंजाब का ही नहीं पहाड़ पर भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

चमोली जिले में पिंडर घाटी के अलग-अलग गांव-कस्बों में पांच दिन तक चलने वाले ये मेले अनूठी परंपराओं को आगे बढ़ा रहे हैं। पूरे पांच दिन तक अलग-अलग स्थानों पर पूरे हर्षो उल्लास के साथ मेलों को मनाया जाता है। बैसाखी से शुरू होकर पांच दिनों तक लगने वाले ये मेले सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान तक ही सीमित नहीं होते, बल्कि ये यहां की परंपरा, संस्कृति, भाई-चारे एवं सामाजिक सौहार्द्र के प्रतीक भी हैं।बिखौती के रूप में प्रसिद्ध इन मेलों को स्नान पर्व के रूप में भी जाना जाता है। बैसाखी को अलग-अलग स्थानों से क्षेत्र में महादेव, कालिंका, भूमियाल, घडियाल, विनसर आदि देवी-देवताओं की डोली, देव मूर्तियां, निसाण आदि का पवित्र स्नान के लिए पिंडर में पहुंचते हैं। यहां देव डोलियों और निसाण के मिलन का दृश्य बेहद भावुक भी होता है। पंती मेले में देव प्रतीकों का मिलन को बैसाखी सक्रांति के पर्व पर नारायणबगड़ के पंती में अलग-अलग गांवों से आई देव डोलियों एवं निसाणों के गंगा स्नान के साथ पिंडर घाटी में मेलों का विधिवत आगाज हो गया है।सोमवार को सुबह कौब, मींग, खैनोली, हंसकोटी, माल,बेनोली, निलाडी,देवपुरी ,असेड़, मलियाल थोक, भटियाणा आदि गांवों में प्रातःकाल विशेष पूजा अर्चना के बाद देवताओं की भोग प्रतिमाओं को गर्भ गृह से मंदिर प्रांगण में लाया गया। पुजारियों ने देव मूर्तियों का श्रृंगार पर उन्हें देव डोलियों एवं निशाणों से सजाया गया। इसके बाद देव डोलियां एवं निसाण स्नान के लिए गाजे बाजों के साथ रवाना हुई। दोपहर को कौब से कोबेश्वर महादेव, माल से मालेश्वर महादेव, असेड़ से महामृत्युंजय महादेव क्षेत्रपाल देवता की अगुवाई में स्नान के लिए नारायणबगड़ पंती पहुंचे। वहीं श्रद्धालुओं ने पुष्प एवं अक्षत की वर्षा पर देवताओं की अगुवानी की। स्नान करने के बाद देव डोलियां एवं निशाण श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ अपने-अपने स्थानों पर विराजमान हुई। श्रद्धालुओं को हरियाली वितरित की गई।मींग,कौब व माल गाँव में बैसाखी मेलों आयोजन होगा।
