ऋषिकेश : अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर…नेपाल की मंत्री नीता पोखरेल अर्याल पहुंची परमार्थ निकेतन, लिया मां गंगा का आशीर्वाद

- परमार्थ निकेतन की ओर से गंगाजली की भेंट
- बाघों का संरक्षण अर्थात पर्यावरण व पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण..बाघों का संरक्षण, वनों के संरक्षण का प्रतीक : स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश : परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज 29 जुलाई, अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर बाघों के संरक्षण हेतु अधिक से अधिक पौधारोपण करने का आह्वान करते हुये कहा कि बाघों का संरक्षण अर्थात वनों का संरक्षण। बाघों का संरक्षण वनों के संरक्षण का प्रतीक है।
बाघ एक अनूठा और अद्भुत प्राणी है जो स्वस्थ व स्वच्छ पारिस्थितिकी तंत्र और विविधता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बाघों के संरक्षण से पूरे पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण होता है।बाघों के संरक्षण, उनके आवास और उन्हें सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराने हेतु जनसमुदाय को जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है। बाघों को विश्व स्तर पर ‘लुप्तप्राय’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। अतः जो प्रजातियाँ लुप्तप्राय होने के कगार पर है उन प्रजातियों का संरक्षण करना नितांत आवश्यक है, इससे जैव विविधता के साथ खाद्य श्रंखला भी बनी रहेगी।स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अपने संदेश में कहा कि बाघों के संरक्षण का उद्देश्य केवल एक प्राणी को बचाना ही नहीं हैं बल्कि बाघ संरक्षण तो जंगलों, वनस्पतियों और पेड़-पौधों के संरक्षण का प्रतीक है। बाघों का संरक्षण अर्थात पूरे पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण। पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण से हमें स्वच्छ जल, शुद्ध वायु और प्रदूषण मुक्त वातावरण मिलेगा जिससे हम अधिक समय तक स्वस्थ रह सकते हैं।
स्वामी जी ने कहा कि बाघों की प्रकृति एकान्तवास की होती है परन्तु वर्तमान समय में अत्यधिक मात्रा में पेडों को काटा जा रहा हैं और जंगलों को नष्ट किया जा रहा हैं, इससे बाघ जंगलों से बाहर आकर शहरों में आतंक कर रहे हैं, ऐसे में जरूरी है कि उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान करना। साथ ही जंगल के बीच से गुजरते हुये गाड़ी के हार्न का उपयोग नहीं करना व गाड़ियों की गति को धीमा रखना अत्यंत आवश्यक है। बाघों को एकान्त और सुरक्षित वास प्रदान करने का मतलब है कि हमें अधिक से अधिक पेड़-पौधों का रोपण करना होगा।आज परमार्थ निकेतन में नीता पोखरेल अर्याल, मंत्री (आर्थिक), नेपाल दूतावास आयी। परमार्थ प्रतिनिधि गंगा नन्दिनी त्रिपाठी ने उन्हें स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के मार्गदर्शन में संचालित विभिन्न आध्यात्मिक और पर्यावरण संरक्षण संबंधी गतिविधियों के विषय में जानकारी प्रदान की।
नीता पोखरेल, अर्याल ं परमार्थ निकेतन द्वारा संचालित विश्व टायलेट काॅलेज का भ्रमण कर वहां पर सैनिटेशन वर्कर्स को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है उनसे मिलकर चर्चा की। उन्होंने वेदमंत्रों के साथ गंगा जी का पूजन और अभिषेक भी किया। नीता पोखरेल अर्याल के साथ परिवार के सदस्य बालकृष्ण पंथी, माया पंथी, लक्ष्मण अर्याल, अभिनव अर्याल, धनबहादूर आदि विशिष्ट अतिथियों उपस्थित रहे।