राष्ट्रीय खेलः एम्स ऋषिकेश में राज्य सरकार के 50 से अधिक चिकित्सकों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
- राष्ट्रीय खेलः आपात मेडिकल सेवा के लिए डाॅक्टरों को प्रशिक्षित कर रहा एम्स
- नेशनल गेम्स मेडिकल मैनुअल का भी हुआ विमोचन
ऋषिकेश : 28 जनवरी-2025 से शुरू होने जा रहे राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों के स्वास्थ्य और उनके इलाज की आवश्यकता को देखते हुए अनुभवी डाॅक्टरों की टीम तैयार की जा रही है। राज्य सरकार के ऐसे 50 से अधिक डाॅक्टरों को इन दिनों एम्स ऋषिकेश के ट्राॅमा विभाग के स्पोर्ट्स इंज्यूरी डिवीजन के विशेषज्ञ और इमरजेन्सी मेडिसिन विभााग के चिकित्सक प्रशिक्षण दे रहे हैं।खेल से संबंधित चोटों और बीमारियों के प्रबंधन के लिए संरचित प्रोटोकॉल और दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए, एम्स ऋषिकेश ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर डिजाइन किया है। यह मानक ओलंपिक और एशियाई खेलों जैसे वैश्विक खेल आयोजनों में अपनाए जाते हैं। प्रशिक्षण का उद्देश्य डॉक्टरों को खेलों के दौरान संभावित चोटों और बीमारियों के प्रबंधन के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना है। इसमें उन्नत ट्रॉमा केयर, ऑन-फील्ड आपातकालीन प्रतिक्रिया, और व्यायाम-जनित बीमारियों का प्रबंधन शामिल है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉक्टर) मीनू सिंह ने प्रशिक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण संस्थान की स्वास्थ्य सेवा में उत्कृष्टता और तैयारी के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारा प्रयास है कि उत्तराखंड राज्य खेल आयोजनों के लिए चिकित्सा सहायता में एक राष्ट्रीय मानक स्थापित करे। उन्होंने कहा कि खेलों के आयोजन के दौरान किसी खिलाड़ी का स्वास्थ्य खराब हो जाने या घायल हो जाने की स्थिति में खिलाड़ियों के इलाज लिए एम्स की ट्राॅमा इमजरजेन्सी में बेड आरक्षित रखे जाएंगे। साथ ही तकनीक आधारित ड्रोन मेडिकल सेवा को भी उपयोग में लाया जाएगा। प्रशिक्षण कोर्स का नेतृत्व कोर्स डायरेक्टर और एम्स ऋषिकेश के ट्रॉमा सर्जरी विभाग के हेड प्रोफेसर मोहम्मद कमर आजम ने किया। प्रशिक्षण के नोडल इंचार्ज डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न स्थानों पर तैनात किए जाने वाले इन डाॅक्टरों को स्पोर्ट्स इंजूरी के अलावा, हेड इन्जूरी, हार्ट अटैक, मेडिकल इमरजेन्सी और ट्राॅमा के बारे में विशेष तौर से प्रशिक्षित किया जा रहा है। कार्यक्रम में महानिदेशक चिकित्सा और परिवार कल्याण विभाग डॉ. सुनीता टम्टा, स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. सी.पी. त्रिपाठी, सहायक निदेशक नेशनल गेम्स चिकित्सा स्वास्थ्य डाॅ. हरीश पोखरिया सहित एम्स इमरजेन्सी विभाग की हेड डाॅ. निधि कैले, डॉ. प्रदीप अग्रवाल, डॉ. प्रेम कुमार और डॉ. कविंद्र सिंह, डाॅ. प्रेम सहित कई अन्य मौजूद रहे।
एम्स ऋषिकेश की हेली एम्बुलेंस सेवाएं भी नेशनल गेम्स के दौरान उपलब्ध रहेंगी। इसका उपयोग आपातकालीन चिकित्सा स्थितियों के लिए त्वरित और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डाॅ. मधुर उनियाल ने बताया कि यह सेवा हवाई दूरी के आधार पर एम्स के 100 किमी के दायरे में एथलीटों, अधिकारियों और दर्शकों को तत्काल आपातकालीन देखभाल पहुंचाने में मददगार साबित होंगी। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान एक विशेष नेशनल गेम्स मेडिकल मैनुअल का भी विमोचन किया गया, जो खेल आयोजनों के लिए मेडिकल तैयारी और प्रबंधन पर आधारित है। यह मैनुअल खेल आयोजनों के दौरान ड्यूटी देने वाले डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शिका साबित होगी।