ऋषिकेश-एम्स में ट्यूबरक्लोसिस और ड्रग रेसिस्टेंट ट्यूबरक्लोसिस पर नेशनल सीएमई का हुआ आयोजन

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  • एम्स ऋषिकेश की ओर से जिला ट्यूबरक्लोसिस ऑफिसर देहरादून डॉ. मनोज वर्मा को एक न्यूट्रिशन किट देकर इस अभियान की औपचारिक शुरुआत की गई

ऋषिकेश। सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान,एम्स ऋषिकेश में ट्यूबरक्लोसिस और ड्रग रेसिस्टेंट ट्यूबरक्लोसिस पर नेशनल सीएमई का आयोजन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर वर्तिका सक्सेना की देखरेख में किया गया।इस अवसर पर टीबी के इलाज रोकथाम और टीबी के खिलाफ चल रहे अभियान के बारे में एक्सपर्ट्स ने अवगत कराया।

विशिष्ट अतिथियों में एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह,डीन एकेडमिक्स डॉक्टर जया चतुर्वेदी, नेशनल टास्क फोर्स एनटीईपी के चेयरमैन डॉक्टर अशोक भारद्वाज, एन‌‌टीईपी क्षेत्रीय ओआर कमेटी के चेयरपर्सन डॉक्टर सरित शर्मा, एडिशनल प्रोफेसर डॉ रूचि दुआ, सीएफएम विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. महेंद्र सिंह एवं एसटीएफ उत्तराखंड चेयरपर्सन डॉ. प्रदीप अग्रवाल मौजूद रहे।
इस अवसर पर एम्स निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने बच्चों में टीबी के होने एवं उसके उपचार एवं बचाव के बारे में विस्तार से समझाया । उन्होंने भारत सरकार के निक्षय पोषण योजना और निक्षय पोर्टल की भी जानकारी दी।

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एनटीईपी नेशनल टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉक्टर अशोक भारद्वाज ने देश में टीबी के खिलाफ चल रहे अभियान के बारे में जानकारी दी और बताया कि 2025 तक टीबी को देश से समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। चेयरपर्सन एनटीईपी क्षेत्रीय ओआर कमेटी डॉ. सरित शर्मा ने टीवी एलिमिनेशन कार्यक्रम में ऑपरेशनल रिसर्च की उपयोगिता के बारे में बताया
पलमोनरी मेडिसिन विभाग एम्स ऋषिकेश की एडिशनल प्रोफेसर डॉ. रूचि दुआ ने ड्रग रेसिस्टेंट ट्यूबरक्लोसिस के बारे में जानकारी दी। उन्होंने ड्रग रेजिस्टेंट टीबी की जांच उपचार और दवाइयों के बारे में बताया।

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सीएफएम विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. महेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के बारे में उपस्थित लोगों को जागरुक किया। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति किसी टीबी मरीज को गोद ले सकता है और उसकी दवाइयों और खानपान का ख्याल रख सकता है। ऐसे व्यक्ति को निक्षय मित्र के नाम से जाना जाएगा।

इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश की ओर से जिला ट्यूबरक्लोसिस ऑफिसर देहरादून डॉ. मनोज वर्मा को एक न्यूट्रिशन किट देकर इस अभियान की औपचारिक शुरुआत की गई।

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