मनोज रौतेला की रिपोर्ट-
नरेंद्र नगर : 20 जनवरी को भारतीय जनता पार्टी द्वारा जैसे ही 59 विधानसभा सीटों का ऐलान हुआ राज्य में कई नेताओं को ख़ुशी मिली तो कई को गम. उनमें से एक सीट है नरेंद्र नगर.
ओमगोपाल का वायरल हो रहे वीडियो को देखिये क्या कहा उन्होंने-
हाईप्रोफाइल सीट होने के नाते और ऋषिकेश से लगी होनी की वजह से इस सीट पर लोगों की नजरें लगी रहती है. यहाँ सो दो दिग्गज रहे हैं हमेशा मैदान में एक सुबोध उनियाल और दूसरे ओमगोपाल रावत. दोनों ही क्षेत्रा की जनता में अच्छी पकड़ रखते हैं. दोनों ने ही दल बदले हैं. लेकिन भाजपा ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को टिकट थमा दिया तो ओमगोपाल रावत रूठ गए. सर्द रात और ऊपर से पाला गिर रहा हो और ओमगोपाल रावत बाहर खुले आसमान के नीचे वीडियो रिलीज करने के लिए बयान रिकॉर्ड करवा रहे थे. सुबह का सूर्य का भी इन्तजार नहीं किया. नेता हो या अभिनेता जनता के बीच रहते हैं तो महत्वकांशी हो जाते हैं. फिर चाहे एक दल से दूसरे दल में उछल कूद क्योँ न करना पड़े. सामाजिक कार्यों के नाम की दरी बिछाते-बिछाते कुर्सी के हसींन सपने लेने लगते हैं. खैर, ओमगोपाल ने वीडियो में कहा 17 बार जेल गया,लाठियां खायी, फिर भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया.लाठियां, गोलियों के घाव गिनने वाली मरहम लगाने वाली उक्रांद छोड़ी, भाजपा छोड़ी, सबसे खुद्दारी वाली प्रोफाइल निर्दलीय छोड़ा अब सबसे पुरानी देश की कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं.
ओमगोपाल ने यहाँ तक कह दिया ‘जब पार्टी का सिद्धांत नहीं रहा तो हमने कौन सा ठेका ले रखा है….’ सिद्धांत का…..आप अंदाजा लगा सकते हैं राजनीती क्या-क्या नहीं करवाती है. खैर, मामला कुर्सी का है तो महत्वकांक्षा का ब्लड प्रेसर आउट ऑफ़ कण्ट्रोल जाना लाजमी है. अब देखना होगा चुनाव में क्या होता है ? लेकिन राजनीतिक पंडितों का मानना चुनाव खिंचेगा और राजयोग किसी के भी माथे पर लिखा जा सकता है. हालांकि ओम गोपाल रावत ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे लेकिन भारतीय जनता पार्टी के टिकट का ऐलान होने के बाद अब उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा कर दी है ओम गोपाल रावत ने साफ तौर पर कहा है कि वह पहली बार पार्टी की विचारधारा बदल कर दूसरी विचारधारा में जा रहे हैं ओम गोपाल रावत यूकेडी से 2007 में विधायक थे 2012 का चुनाव लड़ा, सुबोध उनियाल से हार गए थे 2017 का लड़ा तो सुबोध उनियाल से हार गए थे. उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली लेकिन सुबोध उनियाल बीजेपी में शिफ्ट हुए तो उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा. चुनाव हारने के बाद फिर बीजेपी में शामिल हो गए थे. अब एक और बार फिर बीजेपी ने सुबोध उनियाल को ही नरेंद्र नगर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया है. उसके बाद ओम गोपाल रावत ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें उन्होंने कांग्रेस का दामन थामने की बात कही है और वह राजधानी दिल्ली की तरफ रवाना हो गए हैं.अगर ओमगोपाल कांग्रेस का टिकट ले आते हैं तो नरेंद्र नगर की जनता किसको ताज पहनाती हैं यह 10 मार्च को ऐलान हो ही जायेगा. बहरहाल, चुनाव रोचक होगा ‘राजा के क्षेत्र’ में प्रजा के आशीर्वाद से दो दिग्गजों के बीच इसमें कोई शक नहीं है…
नरेंद्र नगर विधानसभा का इतिहास एक नजर देखते तो-
नरेंद्रनगर विधानसभा सीट उत्तराखंड की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। इस बार नरेंद्रनगर विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है। नरेंद्रनगर विधानसभा सीट उत्तराखंडके टिहरी गढ़वाल जिले में आती है। 2017 में नरेंद्रनगर में कुल 45.87 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से सुबोध उनियाल ने स्वतंत्र प्रत्याशी ओम गोपाल रावत को 4972 वोटों के मार्जिन से हराया था। नरेंद्रनगर विधानसभा सीट गढ़वाल के अंतर्गत आती है। इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं तीरथ सिंह रावत, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं। उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेस के मनीष खंडूरी को 302669 से हराया था।
आंकड़ों के नजर से —
नरेंद्रनगर विधानसभा चुनाव परिणाम (2017)
नरेंद्रनगर अब तक विधानसभा चुनाव परिणाम
साल
2017
सुबोध उनियाल भाजपा विजेता 24,104 -45.87%- मार्जिन 4,972
ओम गोपाल रावत स्वतंत्र दूसरे स्थान पर 19,132–36.41%
2012
सुबोध उनियाल काँग्रेस विजेता 21,220– 43%– मार्जिन 401
ओम गोपाल रावत भाजपा दूसरे स्थान पर 20,819– 43%
2007
ओम गोपाल यूकेकेडी विजेता 13,729– 29%– मार्जिन 4
सुबोध उनियाल काँग्रेस दूसरे स्थान पर 13,725–29%
2002
सुबोध उनियाल काँग्रेस विजेता 9,798–29%– मार्जिन 1,531
लाखी राम भाजपा दूसरे स्थान पर 8,267–24%
उम्मीदवार का नाम |
पार्टी |
स्थान |
कुल वोट |
वोट प्रतिशत % |
मार्जिन |
सुबोध उनियाल |
भाजपा |
विजेता |
24,104 |
45.87% |
4,972 |
ओम गोपाल रावत |
स्वतंत्र |
दूसरे स्थान पर |
19,132 |
36.41% |
|
Himanshu Bijalwan |
काँग्रेस |
3rd |
4,328 |
8.24% |
|
Sardar Singh |
यूकेकेडी |
4th |
3,314 |
6.31% |
|
None Of The Above |
नोटा |
5th |
563 |
1.07% |
|
Jagdish Kuliyal |
सीपीआई |
6th |
427 |
0.81% |
|
Hakim Singh |
बसपा |
7th |
417 |
0.79% |
|
Usha Negi |
एसएएसपी |
8th |
260 |
0.49% |
|
|
उम्मीदवार का नाम |
पार्टी |
स्थान |
कुल वोट |
वोट प्रतिशत % |
मार्जिन |
|
|
सुबोध उनियाल |
भाजपा |
विजेता |
24,104 |
45.87% |
4,972 |
ओम गोपाल रावत |
स्वतंत्र |
दूसरे स्थान पर |
19,132 |
36.41% |
|
|
|
सुबोध उनियाल |
काँग्रेस |
विजेता |
21,220 |
43% |
401 |
ओम गोपाल रावत |
भाजपा |
दूसरे स्थान पर |
20,819 |
43% |
|
|
|
ओम गोपाल |
यूकेकेडी |
विजेता |
13,729 |
29% |
4 |
सुबोध उनियाल |
काँग्रेस |
दूसरे स्थान पर |
13,725 |
29% |
|
|
|
सुबोध उनियाल |
काँग्रेस |
विजेता |
9,798 |
29% |
1,531 |
लाखी राम |
भाजपा |
दूसरे स्थान पर |
8,267 |
24% |
|