मुजफ्फरनगर: पंडित महावीर शर्मा की प्रथम पुण्य तिथि पर उत्तराखंड से राज्य आंदोलनकारियों ने रामपुर तिराहा पहुंच कर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए

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मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश के मुज्जफरनगर जिले में आज पंडित महावीर शर्मा की प्रथम  पुण्य  तिथि पर उत्तराखंड से राज्य आंदोलनकारियों ने रामपुर तिराहा पहुंच कर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए. पं. महावीर शर्मा का उत्तराखंड वासियों पर बहुत बड़ा उपकार है. पंडित महावीर शर्मा का नाम हर कोई उत्तराखंडी बड़े सम्मान के साथ लेता है. जो रामपुर गाँव के रहने वाले थे जो मुज्जफरनगर तिराहे के पास पड़ता है.

पंडित महावीर शर्मा 2 अक्टूबर को जब मुज्जफर नगर कांड हुआ था. उन्होंने अपनी रोड़ साइड ज़मीन में से एक बीघा जमीन उत्तराखंड सरकार के नाम कर दी थी. जिसकी रजिस्ट्री उत्तराखंड सरकार के नाम पर दान नामा है. उनकी ही वजह से सरकार ने 6 बीघा जमीन और खरीद कर एक विशाल शहीद स्थल का निर्माण किया जो कि आज उत्तराखंड की धरोहर है. 2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री व् राज्य भर से लोग श्रद्धांली अर्पित करने जाते हैं शहीद स्थल पर. आज श्रद्धांजलि देने वालों में ऋषिकेश से राज्य आंदोलनकारी व् बरिष्ठ भाजपा नेता सरोज डिमरी, राज्य आन्दोलनकारी वेद प्रकाश शर्मा, करण सिंह पंवार,नर्मदा सेमवाल, सरोज देवराड़ी, देहरादून से प्रदीप कुकरेती हरिद्वार से व देहरादून से भी कई राज्य आंदोलनकारियों ने भी सहभागिता की.

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क्या था मुजफ्फरनगर में रामपुर तिराहा कांड ?
आन्दोलनकारी, पृथक उत्तराखण्ड की माँग के समर्थन में, दिल्ली में धरना प्रदर्शन के लिए जा रहे थे, जब अगले दिन, बिना उकसाए उत्तर प्रदेश पुलिस ने 1अक्टूबर, 1994की रात्रि को आन्दोलनकारियों पर गोली चला दी, जिसके कारण सात आन्दोलनकारियों की मृत्यु हो गई और कुछ महिलाओं के साथ कथित रूप से छेड़खानी और दुष्कर्म किया गया।रामपुर तिराहा गोली काण्ड पुलिस द्वारा उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के आन्दोलनकारियों पर उत्तर प्रदेश के रामपुर क्राॅसिंग, मुज़फ्फरनगर जिले में की गई गोलीबारी की घटना को कहते हैं।घटना के समय समाजवादी पार्टी की सरकार थी और मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री थे।

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