मुनि की रेती :महिला गंगा आरती पूर्णानंद घाट पर उत्तराखंड में आई आपदा में जान गंवाने वाले को अर्पित की भावभीनी श्रद्धाजंलि

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  • उत्तराखंड में आई आपदा में जान गंवाने वाले को समर्पित की गंगा आरती
  • घायलों को जल्द ही स्वास्थ्य लाभ मिले गंगा मां से प्रार्थना की
मुनि की रेती : ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट द्वारा महिलाओं द्वारा की जा रही विश्व प्रसिद्ध प्रथम महिला गंगा आरती में पूर्णानंद घाट में महिलाओं ने धराली, थराली, पौड़ी, टिहरी, बागेश्वर और रुद्रप्रयाग जिले क्षेत्र में आई आपदा को ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये उनकी आत्मा की शान्ति हेतु मौन रखा और घायलों को जल्द ही स्वास्थ्य लाभ मिले गंगा मां से प्रार्थना की। महिलाओं ने सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, डीडीआरएफ और जिला आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर पहुंचने के लिये धन्यवाद प्रकट किया साथ ही डॉ. ज्योति शर्मा ने राज्य सरकार ने महिलाओं को आपदा सखी के रूप में तैयार कर उन्हें आपदा प्रबंधन का मजबूत हथियार बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। ये पूरे गांव गांव के लिए आपदा के वक्त की नायिकाएं बनेंगी। आपदा के समय उत्तराखंड की ये आपदा सखी गांवों के लिए मसीहा बनकर सामने आएंगी. न सिर्फ लोगों को समय रहते सतर्क करेंगी, बल्कि राहत, बचाव और आपदा से निपटने के गुर भी सिखाएंगी।
ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी ने कहा कि महसूस हो रहा पर्यावरणीय संकट की आहट है मुख्य तौर पर जलवायु परिवर्तन को ही दुनिया भर में ऐसी स्थिति के लिए वजह माना जाता रहा है। जिस तरह राज्य के कुछ जिलों में वनों को विकास के लिए हटाया गया है, वह बारिश के असंतुलन के पीछे की एक वजह है। इसी तरह भौगोलिक कारण भी बारिश की मात्रा को निर्धारित करने में अहम रोल अदा करते हैं। बड़े स्तर पर हो रहे बदलाव और स्थानीय कारक मिलकर प्रदेश में बारिश की समानता या असंतुलन को बढ़ा रहे हैं।महिला गंगा आरती में मुख्य रूप से मुख्य रूप से गंगा आरती में डॉ. ज्योति शर्मा, आचार्य सोनिया राज, अंजना उनियाल, पुष्पा शर्मा, पूनम रावत, बंदना नेगी, गायत्री देवी, प्रमिला, आदि ने गंगा आरती की।

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