मुनि की रेती : कांग्रेस ने किया उग्र प्रदर्शन केंद्र सरकार के खिलाफ, पुतला दहन कर जताया आक्रोश

मुनि की रेती : आज नगर कांग्रेस कमेटी ढालवाला मुनि की रेती द्वारा कांग्रेस पार्टी के सभी अकाउंटों को फ्रीज करने एवं देश के अन्नदाताओं पर गोलियां एवं लाठियां बरसाने के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा सरकार का पुतला दहन किया गया। जिला अध्यक्ष उत्तम सिंह असवाल ने कहा कि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पार्टी एवं यूथ कांग्रेस के अकाउंट को लोकसभा चुनाव से ठीक कुछ दिन पहले फ्रिज करना 2024 में नरेंद्र मोदी की करारी हार से बौखलाहट का नतीजा है।
पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा सरकार ने विपक्षी पार्टियों को ईडी, सीबीआई के माध्यम से डरा धमका कर उनके विधायकों एवं सांसदों को खरीदने के सिवा कोई भी देश में विकास का कार्य नहीं किया है। देश के अन्नदाताओं को पाकिस्तानी खालिस्तानी आतंकवादी बताया जा रहा है एवं उन पर गोलियां चलाई जा रही है डंडे बरसाए जा रहे हैं। तीन काले कानून की लड़ाई लड़ने के दौरान 700 किसान शहीद हुए लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने एक शब्द भी संवेदना का प्रकट नहीं किया।अमृतकाल के नाम पर देश के साथ अन्याय करने वाले प्रधानमंत्री मोदी को सुप्रीम कोर्ट ने आईना दिखाते हुए इलेक्टोरल बॉन्ड को रद्द कर दिया। अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को राजनीतिक पार्टियों को मिले इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड को अज्ञात रखना सूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19 (1) (ए) का उल्लंघन है। आखिर देश का पैसा है, कौन दे रहा है, कौन ले रहा है, देशवासियों को इसकी जानकारी तो होनी ही चाहिए।मगर प्रधानमंत्री मोदी छिप-छिप कर चोरी कर रहे हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड देने वाले का नाम नहीं बताया जाता है, ताकि ये न पता चले भाजपा को किस-किसने किसको कितने रूपये का चंदा दिया। ये आम जनमानस के सूचना के अधिकार का उल्लंघन है। मोदी सरकार ने संशोधन कर ये कानून बना दिया था कि कोई कंपनी, किसी भी राजनीतिक दल को कितना भी पैसा दे सकती हैं। यानी भाजपा अपने उद्योपति मित्रों से मनमाना पैसा ले सकती है।
व्हाट इस कांग्रेस नेता दिनेश भट्ट ने कहा कि 2017 से 2022 के बीच भाजपा को रिकॉर्ड 5271 करोड़ रुपये का चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिला। इतना चंदा आजतक के इतिहास में किसी पार्टी को नहीं मिला, जितना भाजपा को अकेले छह सालों में मिल गया। 2022-23 में राष्ट्रीय पार्टियों को 850.438 करोड़ रुपए का चंदा मिला था। इसमें 719.85 करोड़ रुपए अकेले भाजपा को मिले थे। चुनाव में ख़र्चों और पारदर्शिता पर नजर रखने वाली संस्था ऐसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 में कॉर्पोरेट चंदा का 90 फीसदी अकेले भाजपा को मिला।जिला महासचिव संगठन एडवोकेट अनिल रावत ने कहा कि भाजपा सरकार ने प्रधानमंत्री के उद्योगपति मित्रों को देश लूटने की छूट दी, बदले में प्रधानमंत्री मोदी के उद्योपति मित्रों ने जमकर भाजपा की तिजोरी भरी। मोदी जानते थे कि जनता को सच पता चल गया तो उनकी कलई खुल जाएगी। जनता समझ जाती कि इसी चंदे की लालच में मोदी देश को नीलाम कर रहे हैं। इसीलिए मोदी इसे छिपाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए।प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पार्टी ने पूरा जोर लगा दिया था कि आम आदमी को ये न पता चल पाए कि भाजपा को चंदा किस-किसने दिया। सरकार ने अदालत में भी कहा कि ये तक कह दिया कि आम आदमी को ये जानने का अधिकार नहीं है । इलेक्टोरल बॉन्ड ही नहीं बल्कि संसद में कानून बनाकर देश लूटने के कई और रास्ते बनाए गए। कई कानूनों को बदलकर बर्बाद किया गया, ताकि प्रधानमंत्री के मित्रों को देश लूटने में कोई बाधा न पैदा हो। जिसके बदले में भाजपा की काली कमाई हुई।नगर अध्यक्ष तपोवन नवीन भंडारी ने कहा कि ये सवाल आपके मन में भी उठ रहा होगा कि खुद को राष्ट्रवादी कहने वाली सरकार का चरित्र इतना खतरनाक और देशविरोधी कैसे हो सकता है। आखिर, मोदी सरकार चंदादाताओं का नाम क्यों छिपाना चाहती है। यदि प्रधानमंत्री मोदी में जरा भी संवेदनाएं बची हैं तो उन्हें शीघ्र देश से माफी मांगनी चाहिए।
इस अवसर पर नगर अध्यक्ष महावीर खारोला नगर अध्यक्ष नवीन भंडारी पूर्व प्रदेश सचिव दिनेश भट्ट एडवोकेट अनिल रावत दिनेश सकलानी अजय रमोला आशीष श्रीवास्तव विकी प्रजापति दयाल सिंह भंडारी संतोष पैन्यूली सुरेंद्र भंडारी अक्षत भट्ट दयाल सिंह भंडारी संदीप भंडारी भगवती प्रसाद उनियाल चिंतामणि सेमवाल शिवा सिंह आदि शामिल थे