देवबंद : दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी बोले उनके बयान को मीडिया ने  गलत तरीके से पेश किया है, खंडन जारी कर कही ये बात

ख़बर शेयर करें -
देवबंद: विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कुछ दिन पहले  दिए गए अपने एक बयान को इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया पर कांट छांट करके गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है साथ ही यह भी  कहा कि इस तरह से माहौल खराब हो सकता है और गलतफहमियां पैदा हो सकती है, इसलिए हमारे बयान को अच्छे ठंड से पुरा पढ़ा और सुना जाए ताकि सारी परिस्थिति सामने आ सके, क्योंकि हम हमेशा से अमन शांति, एकता और भाईचारे के पक्षधर रहे हैं।
मंगलवार को अपने गृह जनपद बनारस से सोशल मीडिया पर जारी अपने वजाहती बयान के (खंडन) में दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि 15 अप्रैल को अपने जुमे के बयान में हमने देश के मौजूदा बिगड़ते माहौल पर प्रकाश डालते हुए मुसलामानों से नेकी और इस्लामी तालीम के अनुसार सीधे रास्ते पर चलने का आह्वान किया था, साथ ही अपने पड़ोसियों और देशवासियों के साथ इस्लामी सिद्धांतों के अनुसार भाईचारे और अमन शांति का माहौल बनाते हुए अच्छा बर्ताव करने की अपील की थी ताकि देश के अंदर जो नफरत का जहर घोला जा रहा है उसका तोड़ पैदा किया जा सके। इस दौरान हमने अपने बयान में आत्मरक्षा (सेल्फ डिफेंस) के सिलसिले में भी कुछ बातें कही थी जिस के कुछ हिस्से को मीडिया द्वारा कांट छांट कर के गलत तरीके से पेश किया जा रहा है जिससे समाज के अंदर गलतफहमियां पैदा हो सकती है इसलिए हमारे पूरे बयान को पढ़ा और सुना जाए।
मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि हम हमेशा देश में कानून-व्यवस्था और भाईचारे को बढ़ावा देने की कोशिश करते हैं और हम किसी भी ऐसी कार्रवाई के खिलाफ हैं जो आपसी नफरत का माहौल बनाती है। क्योंकि यह देश के लिए भी नुकसानदायक है। जो लोग इस समय देश में नफरत का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, हम मांग करते हैं कि उन्हें रोका जाए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
बता दें कि हाल ही में दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें मौलाना ने इस्लामी तालीम के अनुसार सभी के साथ अच्छा बर्ताव करने की अपील की थी, साथ ही वह यह कहते भी सुनाई दे रहे थे कि आत्मरक्षा में मुसलमानों को समझदारी और अपनी ताकत के साथ हालात का मुकाबला करना चाहिए क्योंकि बुजदिली ईमान वालों की शान नहीं है।

Related Articles

हिन्दी English