ऋषिकेश : टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और आईआईटी रूड़की ने सहयोगात्मक ट्रांसलेशनल अनुसंधान और विकास के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

ख़बर शेयर करें -

ऋषिकेश: आर. के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने बताया कि, टीएचडीसीआईएल और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रूड़की ने विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर के रूप में सहयोगात्मक पहल स्‍वरूप 25 अक्टूबर 2023 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए ।

विश्नोई ने आगे बताया कि यह समझौता ज्ञापन अनुसंधान गतिविधियों को व्‍यापक रूप से संचालित करने में दोनों संस्थानों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जिसमें ऊर्जा संरक्षण, लायन स्टोरेज बैटरी के विकल्प, इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी के लिए नैनो तकनीक, हरित हाइड्रोजन, भू-तापीय प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन, अपशिष्ट प्रबंधन और पुनर्चक्रण, जल प्रबंधन और संरक्षण, भंवर प्रेरित कंपन, सुरंग बनाने की तकनीक, जैव ईंधन, ग्रिड स्थिरता में सुधार, और विभिन्न प्रकार के अन्य संबधित क्षेत्र, जो संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) के दायरे में आते हैं शामिल किये गये हैं। विश्नोई ने यह भी कहा कि यह सहयोग ; विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप, औद्योगिक और शैक्षणिक क्षेत्र के बीच की दूरी को कम करने के व्यापक लक्ष्य के साथ, मौलिक और ट्रांसलेशनल अनुसंधान दोनों के लिए है। विश्नोई ने यह भी कहा कि यह सहभागिता बुनियादी और ट्रांसलेशनल अनुसंधान समाधान और विकसित भारत के दृष्टिकोण में सहयोग करने के लिए औद्योगिक और शिक्षा जगत के बीच की दूरी को कम करेगी।

ALSO READ:  CM योगी आदित्यनाथ पहुंचे उत्तराखंड में अपने गाँव पंचूर...तस्वीरें देखिये

इस समझौता ज्ञापन में निर्धारित किए गए सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बारे में बताते हुए,  आर.के. विश्नोई ने कहा, कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और आईआईटी रूड़की के बीच यह सहभागिता औद्योगिक अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी उन्नति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहल का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें विभिन्न औद्योगिक और कार्यक्षेत्र के लिए अभूतपूर्व समाधान प्रदान करने की क्षमता है।
आईआईटी, रूड़की के निदेशक प्रोफेसर के.के.पंत ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन विभिन्न उद्योगों और कार्यक्षेत्र में अभूतपूर्व समाधानों को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस सहयोग के माध्यम से, हमारा लक्ष्य शिक्षा और उद्योग के बीच की दूरी को कम करके, बुनियादी और ट्रांसलेशनल अनुसंधान दोनों को सुविधाजनक बनाना और विकसित भारत- एक विकसित भारत के हमारे साझा दृष्टिकोण में योगदान देना है।

आईआईटी रूड़की के डीन, प्रायोजित अनुसंधान और औद्योगिक सलाहकार प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी ने कहा कि;सहयोगात्मक अनुसंधान और विकास के लिए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड का सहयोगी बनना आईआईटी रूड़की के ज्ञान और नवाचार को आगे बढ़ाने की स्थायी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस सहयोग के माध्‍यम से हम अध्ययन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रगति लाने के लिए अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और अनुसंधान सुविधाओं का लाभ उठा पायेंगे। हम अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में मौजूदा अग्रणी समाधानों को सुविधाजनक बनाने एवं एक-दूसरे की ताकत को पहचानने और विकसित करने के लिए उत्साहित हैं।मझौता ज्ञापन (एमओयू) पर टीएचडीसीआईएल के आर.एंड डी. विभाग के विभागाध्यक्ष श्री एस.के.चौहान एवं आईआईटी रूड़की के डीन, प्रायोजित अनुसंधान और औद्योगिक सलाहकार प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी द्वारा हस्‍ताक्षर किए गए।टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश के प्रमुख बिजली उत्पादकों में से एक है, जिसका श्रेय इसकी प्रचालनाधीन परियोजनाओं को जाता है जिनमें उत्तराखंड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट),  गुजरात के पाटन और द्वारका में क्रमश: 50 मेगावाट और 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं और उत्तर प्रदेश के झाँसी में 24 मेगावाट की ढुकवां लघु जल विद्युत परियोजना तथा केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना शामिल हैं।

Related Articles

हिन्दी English