बीन नदी पुल के लिए भारत सरकार के मंत्रालय से मिली मंजूरी

- हरिद्वार-ऋषिकेश मार्ग में पुल बनने से ग्रामीणों को भी मिलेगी राहत
- राजा जी टाइगर रिजर्व के अंदर पड़ती है नदी
ऋषिकेश : यमकेश्वर विकास खण्ड के अंतर्गत चीला हरिद्वार बायपास मार्ग पर गंगा भोगपुर के पास स्थित बीन नदी पर प्रस्तावित पुल के लिए भारत सरकार के वन और पर्यावरण मंत्रालय ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। जल्द ही वन भूमि हस्तांतरण की प्रकिया शुरू कर दिया गया है। राज्य और राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड पहले ही स्वीकृति प्रदान कर चुका है।
यमकेश्वर विकास खण्ड अन्तर्गत हरिद्वार ऋषिकेश के लिए चीला बायपास सड़क में बीच गंगा भोगपुर के नजदीक बीन नदी पर पुल के निर्माण की मांग ग्रामीणों की माँग काफी पुरानी है। मानसून काल के दौरान बीन नदी में भयंकर उफान आ जाता है। जिस कारण यमकेश्वर विकास खण्ड के डांडा मंडल क्षेत्र के लगभग 82 से अधिक गाँव का सड़क संपर्क अन्य क्षेत्रों से कट जाता है। इस मार्ग को काँवड़ मेला व विशेष अवसरों पर प्रशासन उपयोग में लाता है। काँवड़ मेला मानसून के दौरान होने से इस नदी पर दुर्घटना का खतरा बना रहता है। इस पुल के निर्माण के लिए पूर्व में भी कई घोषणाएं हुई और वह घोषणाओं तक ही सिमित रहे। शासनादेश जारी न होने से घोषणाओं पर अमल नहीं हो पाया।
हरिद्वार सांसद व पूर्व में मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यहां पुल के निर्माण की घोषणा की थी। चीला पशु लोक मार्ग पर गंगा भोगपुर के समीप बीन नदी में 200 मीटर स्पान का आरसीसी पुल बनना है। जिसके लिए 0.519 वन भूमि गैर वानिकी कार्यों के लिए हस्तांतरित की जाएगी। पार्क निदेशक डा. साकेत बडोला ने इसका पत्र जारी किया है। दरअसल जहां पुल बनना है यह क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व की गौहरी रेंज क्षेत्र अंतर्गत आता है। पिछले दो दशक से पुल निर्माण की राह में पार्क प्रशासन रोड़ा बनता रहा है। पुल बनने से यमकेश्वर क्षेत्र के दर्जनों गाँव लाभान्वित होंगे।