UP : पदक से बड़ा पदकवीर



नॉएडा : (राजेश बैरागी) मैंने उन्हें पहली बार बीते गणतंत्र दिवस पर गौतमबुद्धनगर पुलिस लाइन में परेड के दौरान आमने-सामने देखा। उन्होंने परेड की सलामी के लिए मेरठ मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे को आमंत्रित किया था।
गणतंत्र दिवस पर पुलिस परेड में यह देखना बहुत सुकून भरा था कि वहां दो महिला कमिश्नर उपस्थित थीं। महिला सशक्तिकरण का यह सुंदर साक्षात्कार था। मैंने उन्हें ध्यानपूर्वक देखा।उनके व्यक्तित्व में कहीं भी पुलिस कमिश्नर होने की हनक नहीं थी।उनके चेहरे पर स्त्रीयोचित गरिमा और सहजता थी।गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह को इस स्वतंत्रता दिवस पर भारत सरकार द्वारा उत्कृष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। यह पदक सभी पदस्थ पुलिस कर्मियों के द्वारा जरूरतमंदो को सहायता एवं सेवा हेतु उत्साहवर्धन के लिए वर्ष 1958 में प्रारंभ किया गया था । भारत के किसी प्रदेश में जिन पुलिस कर्मियों के द्वारा जीवन रक्षण हेतु उत्कृष्ट कार्य अंजाम दिया जाये,उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है ।क्या यह केवल उनका सम्मान है? मेरा हमेशा मानना रहा है कि अधिकारी जहां सम्मानित होता है,उस स्थान का भी सम्मान होता है। उन्हें इससे पहले भी अनेक महत्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। गौतमबुद्धनगर में लक्ष्मी सिंह नवंबर 2022 से पुलिस कमिश्नर का पद संभाल रही हैं।वे पहली महिला पुलिस कमिश्नर भी हैं।पिछले लगभग आठ महीने के कार्यकाल में उनके नेतृत्व में पुलिस ने साईबर क्राईम, ड्रग्स रैकेट, जीएसटी फ्रॉड जैसे कई बड़े मामलों का खुलासा करने में सफलता प्राप्त की है और संगठित होकर अपराध करने वाले माफियाओं की कमर तोड़ दी गई है। क्या लक्ष्मी सिंह आगे भी पुरस्कार प्राप्त करने के लिए अच्छा काम करती रहेंगी? मेरा मानना है कि अच्छा काम करते रहने पर पुरस्कार खुद ब खुद मिलते हैं।