ऋषिकेश में नेपाली फार्म चौक पर शहीद स्मारक का निर्माण किया जाए: उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा
UKD ने भी दिया समर्थन उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चे की मांग को


- कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष (USM) शीशपाल सिंह पोखरियाल ने की
- उत्तराखंड राज्य आंदोलन के 42 शहीदों की प्रतिमाएं पार्क की परिधि में स्थापित की जाएं : USM
- रानी कर्णावती की प्रतिमा लगाने और इस स्थान को “उत्तराखंड शहीद चौक” नाम देने का प्रस्ताव रखा गया।
ऋषिकेश : नेपाली फार्म क्षेत्र में एमडीडीए द्वारा किए जा रहे पार्क निर्माण एवं सौंदर्यीकरण कार्य के विरोध में उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा, उत्तराखंड क्रांति दल एवं स्थानीय नागरिकों ने संयुक्त रूप से सांकेतिक धरना-प्रदर्शन किया।प्रतिनिधियों ने उपाध्यक्ष मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण एवं एसडीएम ऋषिकेश को ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया कि यह कार्य जनभावनाओं एवं स्थानीय आवश्यकताओं के विपरीत है. तथा सरकारी धन का अनुचित उपयोग प्रतीत होता है।

मोर्चा ने मांग की कि इस स्थल पर शहीद स्मारक का निर्माण किया जाए. उत्तराखंड राज्य आंदोलन के 42 शहीदों की प्रतिमाएं पार्क की परिधि में स्थापित की जाएं। साथ ही, रानी कर्णावती की प्रतिमा लगाने और इस स्थान को “उत्तराखंड शहीद चौक” नाम देने का प्रस्ताव रखा गया।स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मांग रखी कि यात्रा पर आने वाले आगंतुकों और नागरिकों की सुविधा हेतु पीने के पानी, शौचालय तथा बैठने की व्यवस्था इस क्षेत्र में की जाए।कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के जिला अध्यक्ष शीशपाल सिंह पोखरियाल ने की। इस अवसर पर केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुधीर राय रावत, दिनेश चंद्र (मास्टर जी), प्रदेश प्रवक्ता हिमांशु दिलीप रावत, उपाध्यक्ष यशपाल सिंह असवाल, उपाध्यक्ष बॉबी रंगड़, महासचिव गौतम राणा, कोषाध्यक्ष शंकर दयाल धने, महानगर अध्यक्ष नरेंद्र सिंह नेगी, विधि सलाहकार शांति प्रसाद थपलियाल, युवा मोर्चा अध्यक्ष शुभांकित रावत, उषा डोभाल, विनोद चौहान, विजय सिंह राणा, अनिल पडियार, रविंद्र प्रकाश भारद्वाज, UKD से मोहन सिंह असवाल (पूर्व प्रधान), आनंद सिंह राणा, शैलेंद्र मिश्रा, दिलीप नेगी, विनोद सिंह नेगी एवं अनेक स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।जहाँ शहीदों की मिट्टी बोलती है —
वहीं बनेगा उत्तराखंड शहीद चौक!”
“शौर्य की यह धरती, शहीदों की स्मृति —
यही है उत्तराखंड की अस्मिता!”
“हमने गोली खाई, चलाई नहीं — शहीदों का सम्मान अब होगा यहीं!”“रानी कर्णावती की वीरता और राज्य शहीदों की शहादत — यही है उत्तराखंड की पहचान!”“जनभावनाओं का सम्मान करो, शहीदों का स्मारक यहीं बनाओ!” जैसे नारों के साथ मौजूद प्रतिनिधयों ने अपनी मांग रखी.