लखनऊ : समाजवादी पार्टी विधानमण्डल दल की बैठक अखिलेश यादव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, सदन के बजट सत्र की रणनीति पर हुई चर्चा
लखनऊ : समाजवादी पार्टी विधानमण्डल दल की बैठक आज समाजवादी पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नेता विरोधी दल विधानसभा अखिलेश यादव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसमें सदन के बजट सत्र की रणनीति पर चर्चा की गई। विधायक दल की बैठक में कम से कम 35 दिनों तक सत्र को चलाए जाने की मांग की गई। क्योंकि 5 या 6 दिन के सत्र में आम जनता के मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकेगी। बजट सत्र लम्बा चलना चाहिए ताकि विस्तार से बजट पर चर्चा हो। बैठक की जानकारी देते हुए राजेंद्र चौधरी ने बताया, समाजवादी पार्टी के विधायक दल की बैठक में प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था और लोकतांत्रिक संस्थानों के कमजोर होने के कारण जनसमुदाय संकट में हैं। गरीबों के उत्पीड़न, महिलाओं एवं बच्चियों के साथ दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं, फर्जी इन्काउण्टर और हिरासत में मौतों के अलावा बेलगाम महंगाई, राशन कार्डों की वापसी, किसान सम्मान राशि की वसूली, बढ़ते विद्युत संकट, स्वास्थ्य-शिक्षा क्षेत्र की बदहाली, गेहूं खरीद घोटाला, भर्ती में घोटाला एवं बेरोजगारी तथा राज्य में भय के वातावरण पर विशेष चर्चा करने का निर्णय लिया गया।
यादव ने कहा कि प्रदेश में विकास अवरुद्ध है। पीपीपी मॉडल पूरी तरह विफल साबित हुआ है। विगत पांच वर्षों में भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा दिया है। समाजवादी सरकार के कामों को अपना बताने के अलावा भाजपा सरकार ने कुछ नहीं किया है। उसने सिर्फ नाम बदलने और अपने नाम के पत्थर लगाने को ही विकास समझा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा जनता से जुड़े मुद्दों का सामना नहीं करना चाहती है। उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र पर तानाशाही थोपने का काम हो रहा है। भाजपा ने नैतिकता को त्याग दिया है। जनता को भरमाने के लिए वाराणसी का मुद्दा उछाला जा रहा है। सद्भाव से जनता न रहे इसलिए आरएसएस-भाजपा सरकारें जनहित के कामों से परहेज करती है और नफरत को बढ़ावा देती है।