रायवाला : नेवी के जवान और पर्वतारोही विनय पंवार का खड़खड़ी घाट पर हुआ अंतिम संस्कार, सेना ने दी सलामी

रायवाला: एक वर्ष बाद मिला विनय पंवार का शव। उत्तरकाशी के द्रोपदी का डांडा चोटी में विगत वर्ष हुए हिमस्खलन की चपेट में आकर क्रेवास में समाए निम (NIM) के प्रशिक्षु पर्वतारोही नौसेना के जवान विनय पंवार का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह उनके निवास हरिपुरकलां लाया गया।
नौसेना के अधिकारियों के साथ पार्थिव शरीर जब घर पहुंच तो कोहराम मच गया। अंतिम दर्शन के लिए करीब 10 मिनट तक उनको रखा गया। फिर शव को हरिद्वार स्थित खड़खड़ी श्मशान घाट ले जाया गया है। जहां सैन्य अधिकारियों ने विनय को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वहीं नौ सेना व थल सेना के सशस्त्र जवानों ने विनय के पार्थिव शरीर को सलामी दी। गत वर्ष चार अक्टूबर को उत्तरकाशी में द्रौपदी का डांडा नामक चोटी पर हुए हिमस्खलन की चपेट में आकर क्रेवास में दबे नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के एडवांस कोर्स में 44 प्रशिक्षणार्थी व 9 प्रशिक्षक समेत कुल 53 लोग शमिल थे। प्रशिक्षु पर्वतारोहियों में रायवाला क्षेत्र अन्तर्गत हरिपुरकलां निवासी विनय पंवार भी शामिल था। जो क्रेवास में दब गया था। तब से ही सेना व प्रसाशन लगातार खोजबीन में लगी हुई थी। अब एक वर्ष बाद बीते बुधवार को विनय का शव द्रौपदी का डांडा क्षेत्र से बरामद हुआ था। भारतीय नौ सेना में कार्यरत विनय का सपना एवरेस्ट पर चढ़ने का था। मगर एक वर्ष पूर्व पर्वतारोहण के दौरान हुई हिमस्खलन की घटना में विनय का यह सपना दब कर रह गया है।
आपको बता दें, एक वर्ष से लापता विनय के जिंदा रहने की उम्मीद टूट गयी थी। शव मिलने की सूचना के बाद से गांव का माहौल गमगीन हो गया। गुरुवार को ही आसपास के लोग व कई रिश्तेदार विनय के माता-पिता को हिम्मत बंधाने उनके घर पहुंचे। माता नारायणी पंवार का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बताती हैं कि विनय का सपना एवरेस्ट पर्वत पर चढ़ने का था। वह अक्सर एवरेस्ट के बारे में बात करते रहता था। विनय ने पर्वतारोहण का प्राथमिक कोर्स कर लिया था। वर्ष 2019 में उसने रुद्राखेड़ा पिक फतह कर लिया था। निम से एडवांस कोर्स के लिए बीते वर्ष वह निम में 28 दिन के लिए निकला था और चार अक्टूबर 2022 को हिमस्खलन के क्रेवास में समा गया था। विनय के असामयिक मृत्यु पर क्षेत्र के विभिन्न राजनैतिक पार्टी से जुड़े लोगों, समाजिक कार्यकर्ताओं व गणमान्य लोगों ने शोक व्यक्त किया है।