जन भावनाओं के अनुरूप भू -कानून में होगा संशोधन…अवैध रूप से क्रय की गई भूमि को राज्य सरकार में किया जाएगा निहित- सुबोध उनियाल

- सशक्त भू-कानून को लेकर प्रदेश के नागरिक जागरूक होकर सरकार का सहभागी बनें – वन मंत्री सुबोध उनियाल
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बाद सरकार के वन मंत्री का आया बयान, ख़ास तौर पर ऋषिकेश की महारैली के बाद यह अहम बयान माना जा रहा है
- आंखिर सरकार अलर्ट हुई, 24 वर्षों से राजनीतिक बे-इच्छा से भू कानून और मूल निवास जैसे अहम मुद्दों को दबाये रखा कांग्रेस और भाजपा सरकारों ने
- लेकिन उत्तराखंड वासियों को भी सोचना होगा अपनी जमीन बेचें नहीं बल्कि लीज पर दें, बाकी 80 पेज की जो रिपोर्ट सौंपी गयी है मुख्यमंत्री को उसमें क्या निकल कर अता है वह काफी हद तक प्रदेश की राजनीतिक दिशा और दशा ये करेगा
- अवैध रूप से खरीदी गयी भूमि को अगर राज्य सरकार गंभीरता से जांच करती है तो सैकड़ों नाली/एकड़ भूमि राज्य सरकार के पास वापस आ जायेगी, खास तौर पर लोगों/सरकार की नजर 250 वर्ग मीटर वालों पर है अब
- लेकिन अहम बात, अभी भी सरकार सिर्फ भू कानून को लेकर बात कर रही है, मूल निवास को लेकर खामोश जैसी है…लेकिन क्योँ ?
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भू-कानून की दिशा में लिए गए निर्णय के बाद प्रदेश में अवैध रूप से जमीनों की खरीद फरोख्त करने वालों के ख़िलाफ़ सरकार ने कार्रवाई तेज कर दी है। प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने भू क़ानून को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार भू-क़ानून को लेकर गंभीर है। जिन लोगों ने भी यहाँ भूमि ख़रीदी और उसका उपयोग उस प्रयोजन हेतु नहीं कर रहे हैं जिस प्रयोजन हेतु भूमि क्रय की है उनके विरुद्ध कार्यवाही करते हुए भूमि को राज्य सरकार में निहित किया जाएगा। इसके अतिरिक एक परिवार में 250 वर्ग मीटर से ज़्यादा भूमि ख़रीद कर जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है,उनकी भी अतिरिक्त ज़मीन राज्य सरकार में निहित की जाएगी।
वन मंत्री ने कहा भू-क़ानून में जो भी सुधार राज्य हित में अपेक्षित होंगे वह प्रयास किए जायेंगे लेकिन इसके लिए प्रदेश के नागरिकों को भी जागरूक होकर सरकार का सहभागी बनना होगा। वन मंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि प्रदेशवासी अपने पैतृक भूमि को संरक्षित करें और उसकी बिक्री ना करें। वन मंत्री ने स्पष्ट किया कि पूर्व में भू-कानून में जो भी ऐसे संशोधन हुए हैं, और उनसे अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हुए हैं, जन भावनाओं के अनुरूप उनमें भी संशोधन करने से पीछे नहीं हटा जाएगा। वन मंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों के हक हकूकों को संरक्षित करने को हर संभव कदम उठाये जा रहे हैं। राज्य का भावी भू कानून इसी सोच के साथ तैयार किया जा रहा है।गौरतलब है कि भू कानून को लेकर मुख्यमंत्री ने कई स्तर पर कार्यवाही करने और अगले बजट सत्र में राज्य की जनभावनाओं के अनुरूप भू क़ानून लागू करने दिशा में निर्णय लिया है।राज्य सरकार ने सुभाष कुमार समिति का गठन किया है इसके साथ ही भू कानून का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में गठित समिति सुझावों का अध्ययन कर लागू करने के लिए बैठकें कर के इसको अंतिम रूप दे रही है।