यूपी : सुल्तानपुर में गोमती नदी के तट पर.. कोशिश.. कर रही छात्र छात्राओं का सपना साकार..

कोशिश की निःशुल्क कोचिंग में आज भी 300 से अधिक बच्चे हैं अध्ययनरत..

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खबर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से है जहाँ राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के एन आई टी सुल्तानपुर के छात्रों द्वारा गोमती नदी के तट पर चलाई जा रही ‘कोशिश’ नाम की निःशुल्क पाठशाला से नदी के आस पास जीवन यापन करने वाले परिवारों के छात्रों का सपना साकार होने लगा है।वर्ष 2011 में बीटेक के छात्र चेतन गिरी गोस्वामी ने आर्थिक रूप से विपन्न परिवारों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को उच्चस्थ पदों पर जाने का सपना दिखाया था,चेतन के जाने के बाद भी नए सत्र के बच्चो के द्वारा निरंतरता बनाए के लिए कोशिश की निःशुल्क कोचिंग में आज भी 300 से अधिक बच्चे अध्ययनरत है।इसी बीच कोशिश में पढ़ने वाले छात्रों ने भी सफलता के उच्चतम पायदान पर पहुंचने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

कोशिश के छात्र रहे शहबाज अहमद ने इस वर्ष एसएससी सीजीएल की परीक्षा उत्तीर्ण कर उनका चयन मिनिस्ट्री आफ कम्युनिकेशन में हुआ है। इसी प्रकार कोशिश की छात्रा कस्बा निवासी अंशिका यादव का चयन देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जेएनयू में बीए आनर्स (जापानी भाषा) के लिए हुआ है। इस उपलब्धि पर के एन आई में प्रो. रंजना सिंह एवं केएनआइटी के प्रो.एचडी राम ने सफल छात्रों एवं कोशिश टीम को सम्मानित किया।आपको बताते चलें कोशिश की पाठशाला से मिली प्रेरणा से कई छात्रों ने नवोदय एवं राजकीय पॉलिटेक्निक में जहां प्रवेश लिया वहीं तीन छात्र व छात्राएं पॉलिटेक्निक करने के बाद लखनऊ एवं दिल्ली में जॉब भी कर रहें हैं। राजकीय पॉलिटेक्निक लखनऊ में अच्छी रैंक के साथ इस बार भी 10 10 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ है, जिनमें प्रिया यादव, खुशी विश्वकर्मा, मुस्कान गुप्ता, राधा निषाद, शक्ति अग्रहरि एवं उत्कर्ष,काजल निषाद शामिल हैं।वहीं संतोष कर्माकर, महक,आँचल, जानिसार का चयन नवोदय के लिए हुआ है।जबकि पूर्व में कोशिश के छात्र रहे गौरी कर्माकर,आशुतोष दूबे,कविता दूबे पॉलिटेक्निक कर इस समय जॉब कर रहे हैं।

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नदी के तट पर बाध बनाने व मजदूरी करने वाली कोशिश में पढ़ने वाले बच्चों की अभिवावक सुशीला देवी ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वह अपने बच्चों के लिए कोई सपना देख सकते थे,पर कोशिश ने सपनो को साकार किया। कोशिश के संस्थापक चेतन गिरी ने बताया कि हमारे संकल्प को अध्यनरत छात्रों के साथ साथ इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र भी पूरा सहयोग दे रहे हैं,केएनआईटी से पासआउट बाद भी वे कोशिश से जुड़े हैं। गूगल मीट के जरिए गतिविधियों से सभी अवगत होते हैं। कोशिश में पढ़ा रहे केएनआईटी की छात्रा अंशिका पांडे ने बताया कि वह फर्स्ट ईयर से ही कोशिश से जुड़ी हैं। वह कहती हैं कि हमारी वर्किंग टीम 50 के ऊपर है इसलिए कोई समस्या नहीं आती है। यहां के बच्चों के हौसले बड़े होते हैं।

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