रूसी राष्ट्रपति पुतिन को किम जोंग उन ने दिए गिफ्ट में दो शिकारी कुत्ते…जो बाघ का भी शिकार कर जाते हैं, जानें इनके बारे में

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देहरादून   : [मनोज रौतेला] राजनीतिज्ञों की दोस्ती के बीच कुत्तों की एंट्री बड़ी दिलचस्प है. वो भी रूस और उत्तरी कोरिया के बीच. दोनों नेताओं की तस्वीरें छाई हुई हैं विश्व में आज. लेकिन इनके साथ दो कुत्तों की तस्वीरें भी सुर्ख़ियों में  अपनी जगह पाने में कामयाब हुई हैं… अपने दो  दिन दिन के दौरे पर रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन नार्थ कोरिया पहुंचे थे. 24 साल बाद उन्हूने यात्रा की है नार्थ कोरिया की. एक सबसे ताकतवर देशों का मुखिया (पुतिन) दूसरा सबसे विवादित और जो रूस के आगे बहुत छोटा देश है. लेकिन बेहद खतरनाक सोच वाला ब्यक्ति. दोनों ही सनक के माहिर हैं. लेकिन सोच देखिये, तरीका देखिये और लक्ष देखिये दोनों का. ये सिर्फ तस्वीरे नहीं बल्कि भविष्य में विश्व की राजनीती को किस दिशा में मोड़ा जा सकता है उसकी कुछ आहट भर है…खैर,

जिस तरीके से भव्य स्वागत पुतिन का किया गया वह देखने लायक था. हर कोई हैरान है. खास तौर पर नार्थ कोरिया की सफाई, विकास, सडकें इत्यादि देख कर. जबकि विश्व से एक तरह से कटा पडा है यह देश. कई प्रतिबन्ध लगाए हुए  हैं. अमेरिका का सबसे कट्टर दुश्मन देशों में से एक. पुतिन और किम जोंग की मीटिंग, समझौते पर विश्व के नेताओं  की नजर है. खास तौर पर पश्चिम के देशों की. उनको  दोनों की तस्वीरें आँखों में  खटक रहीं हैं. ऐसे में नार्थ कोरिया जो करता है कुछ अलग करता है. पुतिन को दो शिकारी कुत्ते गिफ्ट में दिए हैं किन जोंग उन ने.

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उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने प्योंगयांग में अपनी शिखर वार्ता के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उपहार के रूप में पुंगसन शिकारी कुत्तों की एक जोड़ी दी, उत्तर कोरिया के राज्य मीडिया ने गुरुवार को बताया, वही नस्ल जो किम ने 2018 में पूर्व राष्ट्रपति मून जे-इन को उपहार में दी थी। इस नस्ल को उत्तरी कोरिया में भेड़ियों से पाला गया था और यह देश के बाहर लगभग अज्ञात है। इसका नाम उत्तरी जिले पुंगसन के पहाड़ों से लिया गया है। इन्हें फुंगसन, कोरियन फुंगसन या पूंगसन कुत्ते भी कहा जाता है। किसी भी प्रमुख केनेल क्लब द्वारा नस्ल के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है। उन्हें अब उत्तर कोरिया के काएमा हाइलैंड्स में पाला गया था, और पारंपरिक रूप से शिकार कुत्तों के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। यह कुत्ता एक दुर्लभ नस्ल है, और कभी-कभीइनकी  उत्तर कोरिया-चीन सीमा पर तस्करी भी  की जाती है।कुत्ते को 2010 की बच्चों की एनिमेटेड फिल्म, स्टोरी ऑफ़ द पुंगसन डॉग और पेक म्योंग किल के 2017 के उपन्यास, पुंगसन डॉग्स में राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में प्रचारित किया गया था।[डॉग शो विशेष रूप से इस नस्ल के लिए आयोजित किए जाते हैं।

2000 के अंतर-कोरियाई शिखर सम्मेलन के दौरान, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-इल ने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति किम डे-जंग को दो पुंगसन कुत्ते (उत्तर से जुड़े) उपहार में दिए। बदले में, किम डे-जंग ने किम जोंग-इल को दो जिंदो कुत्ते (दक्षिण से जुड़े) दिए। प्योंगयांग सेंट्रल चिड़ियाघर में जन्मे, पुंगसन कुत्तों को मूल रूप से डांग्योल (एकता) और जाजू (स्वतंत्रता) नाम दिया गया था, लेकिन बाद में उनका नाम बदलकर उरी (जिसका अर्थ है हम) और दुरी (दो) कर दिया गया। वे शुरू में दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति के निवास ब्लू हाउस में रहते थे, सियोल चिड़ियाघर में ले जाने से पहले, जहाँ उन्होंने 15 पिल्लों को जन्म दिया और दोनों की 13 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई।[9][10] अपने जीवनकाल के दौरान, कुत्तों को राज्य के अतिथि के रूप में विशेष दर्जा दिया गया था। 2018 में प्योंगयांग शिखर सम्मेलन में, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन को दो पुंगसन कुत्ते दिए। नर का नाम सोंगकांग और मादा का नाम गोमी रखा गया। गोमी ने शिखर सम्मेलन के दो महीने के भीतर छह पिल्लों को जन्म दिया, जिसके कारण मून ने टिप्पणी की कि जब उसे उसे दिया गया था, तब वह गर्भवती रही होगी। बाद में उन्होंने 25 नवंबर, 2018 को ब्लू हाउस में उनकी तस्वीरें प्रकाशित कीं और उन्हें “शांति उपहार” पिल्लों के रूप में लेबल किया।

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बाघों  का शिकार भी कर जाते हैं ये कुत्ते –

दक्षिण कोरियाई सरकार के शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय (दक्षिण कोरिया) के तहत कोरियाई अध्ययन अकादमी द्वारा कोरियाई संस्कृति के विश्वकोश के अनुसार, पुंगसन कुत्ते को पहली बार जापानी औपनिवेशिक काल के दौरान कोरियाई प्रायद्वीप में राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में मान्यता दी गई थी। इस नस्ल का इस्तेमाल रूस में बाघों, भालुओं और सूअरों का शिकार करने के लिए भी किया जाता था। पुंगसन कुत्ते की नस्ल को लंबे समय तक अन्य प्रांतों से अलग करके पाला गया था।

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