काठमांडू : नेपाल में विमान हादसा, पांच भारतीय समेत 68 की मौत…ऐसे गिरा जहाज, अब हुआ वीडियो वायरल

Nepal plane crash near #PokharaAirport caught on camera from ground, these visuals show the plane engine caught fire 🔥, which may have been a bird hit after which it just went down tilted. #NepalPlaneCrash #Yeti pic.twitter.com/9ZTwZDE5At
— The Voice Of Citizens®️ (@tVoiceOfCitizen) January 16, 2023
त्रिभुवन कार्की की रिपोर्ट :
काठमांडू : नेपाल विमान हादसा होने से 68 लोगों की मौत हो गयी है. मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है. आखिर बड़ा सवाल है क्यों नेपाल में उड़ते ताबूत बन रहे विमान ? जो विमान क्रैश हुआ, वो 42 साल पुराना; 30 साल में 28 प्लेन क्रैश मृतकों में पांच भारतीय भी हैं. हुए हैं. नेपाल में 72 यात्रियों को लेकर जा रहा यति एयरलाइंस का ATR 72-500 विमान रविवार को क्रैश हो गया है। इस हादसे के बाद नेपाल में उड़ानों के जोखिम पर एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है। पिछले 30 सालों में नेपाल में यह 28वां विमान हादसा है।मृतकों में 5 भारतीय भी हैं.
एविएशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र, खराब मौसम, पुराने विमान और अनुभवहीन पायलट नेपाल को उड़ानों के लिए सबसे खतरनाक देश बनाते हैं। नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण की 2019 की सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल के पहाड़ पायलटों के सामने ‘बड़ी चुनौती’ हैं।नेपाल में जिस विमान ATR 72-500 का हादसा हुआ है, ये एयरक्राफ्ट सीरीज का हिस्सा है। इस विमान के नाम में लगा 72 इसकी पैसेंजर कैपेसिटी को बताता है। इस मॉडल का पहला विमान 1981 में बना था। इसके बाद 100 से ज्यादा देशों की करीब 200 एयरलाइंस में इस विमान को शामिल किया गया। इस मॉडल के एयरक्राफ्ट को फ्रेंच कंपनी एयरबस और इटालियन एविएशन कंपनी लियोनार्दो ने मिलकर बनाया है। ये कंपनी कार्गो और कॉर्पोरेट एयरक्राफ्ट विमान भी बनाती है।
नेपाल में उड़ान भरना मुश्किल और खतरनाक होने के कई कारण हैं। जैसे- नेपाल की प्राकृतिक बनावट यानी पहाड़, पुअर रेगुलेशन यानी खराब नियमन और नए विमानों की कमी विमानों के उड़ान के लिए नेपाल को सबसे खतरनाक देश बनाती है। आइये इन्हें पांच पॉइंट में समझते हैं…
1. संकरी घाटियों के चलते विमानों को टर्न लेने में कठिनाई-
नेपाल के सिविल एविएशन अथॉरिटी की 2019 की सेफ्टी रिपोर्ट के मुताबिक, देश की खतरनाक भौगोलिक स्थिति भी पायलटों के सामने बड़ी चुनौती होती है। नेपाल में लगभग 3 करोड़ लोग रहते हैं। यहां दुनिया के 14 सबसे ऊंचे पहाड़ों में से माउंट एवरेस्ट समेत 8 स्थित हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल का एकमात्र इंटरनेशनल एयरपोर्ट समुद्र तल से 1,338 मीटर ऊपर एक संकरी घाटी में है, इसकी वजह से विमानों को मुड़ने के लिए काफी तंग जगह मिलती है।
नेपाल के पूर्वोत्तर में स्थित लुक्ला शहर का एयरपोर्ट दुनिया के सबसे खतरनाक एयरपोर्ट में से एक है। यह एयरपोर्ट एवरेस्ट का प्रवेशद्वार भी कहा जाता है। एयरपोर्ट के रनवे को पहाड़ों के बीच एक चट्टान को काटकर बनाया गया है। लुक्ला हवाई अड्डे के रनवे के एक छोर पर विशालकाय पहाड़ तो दूसरे छोर पर खाई है। ऐसे में सिर्फ अल्ट्रा ट्रेंड पायलटों को ही इस हवाई अड्डे पर विमान उतारने और उड़ान भरने की इजाजत है। एक छोटी सी भूल भी विमान में सवार सभी यात्रियों की जान ले सकती है।
2. मौसम का तेजी से बदलना-
इसके अलावा पहाड़ों में मौसम तेजी से बदलता है, जो विमानों की उड़ान को काफी खतरनाक बनाता है। पल-पल बदलते मौसम के कारण पायलटों को विमान को नेविगेट करना मुश्किल हो जाता है। वो भी तब जब मौसम अचानक बदल जाए और सामने कुछ भी दिखाई न दे।साथ ही बर्फबारी से रनवे काफी खतरनाक हो जाता है। इन परिस्थितियों में पायलटों से होने वाली थोड़ी चूक भी इसे जानलेवा बना सकती है।
3. बेहतर रडार और काबिल स्टाफ की कमी होना-
विमान क्रैश होने की दूसरी वजहों में बेहतर रडार तकनीक की कमी होना। इसकी वजह से पायलटों को दुर्गम इलाके और मुश्किल मौसम में नेविगेट करना मुश्किल हो जाता है। नेपाल एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स के अशोक पोखरियाल बताते हैं कि पुराने विमानों में मॉडर्न वेदर रडार नहीं होते हैं। इस वजह से पायलट को रियल टाइम में मौसम की जानकारी नहीं मिल पाती है।
नेपाल में आवश्यक और पर्याप्त कुशल, ट्रेंड और और हाईली सेल्फ मोटिवेटेड सिविल एविएशन स्टाफ भी नहीं है। वर्कफोर्स की कमी के कारण कुछ स्टाफ को नियमित ड्यूटी के अलावा भी कई घंटों तक काम करना पड़ता है। देखा जाए तो यह काम की गुणवत्ता को प्रभावित करता है।
4. खराब एविएशन रिकॉर्ड से 28 देशों में उड़ान पर प्रतिबंध-
नेपाल के खराब एविएशन रिकॉर्ड की वजह से यूरोपीय कमीशन ने नेपाली एयरलाइंस पर 28 देशों के ब्लॉक में उड़ान भरने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा है।
5. एविएशन अथॉरिटी भ्रष्टाचार के आरोपों से भी घिरी-
नेपाल की एविएशन अथॉरिटी भ्रष्टाचार के आरोपों से भी घिरी हुई है। 2019 में, यूरोपीय एयरोस्पेस कंपनी एयरबस ने नेपाल एयरलाइंस कॉर्पोरेशन के लिए दो संकरी बॉडी वाले एयरबस A320 जेट डील के लिए नेपाली बिजनेसमैन और अधिकारियों को 34 लाख यूरो यानी 3 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी।
फिलहाल किसी के भी बचने की उम्मीद नहीं है। 4 शवों को भी खोजा जा रहा है।68 के शव बरामद हो गए थे।