ऋषिकेश :विधानसभा में बैकडोर भर्ती मामला…सुप्रीम कोर्ट ने भी लगाई मुहर नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर, भर्ती देने वाले को कब ग़लत ठहरायेगी सरकार : जयेन्द्र रमोला
ऋषिकेश : विधानसभा में बैक डोर भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है। यानी कि हाई कोर्ट की डबल बेंच ने तदर्थ कर्मचारियों को हटाने का जो फैसला दिया था वह सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया है। वही कांग्रेस नेता जयंत रमोला ने मांग की है तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष व वर्तमान में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ एक्शन अब सरकार कब लेगी ?
गुरुवार को ऋषिकेश में दिनांक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने जारी एक बयान में कहा कि उत्तराखण्ड विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले में हटाये गए तदर्थ कर्मियों को सर्वोच्च न्यायालय से भी कोई राहत नहीं मिली है आज इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में हुई सुनवाई में न्यायाधीश ने हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले को बरकरार रखते हुए तदर्थ कर्मियों की याचिका को खारिज कर दिया है जिससे स्पष्ट हो गया कि नियुक्तियाँ ग़लत थी और सभी को नौकरी से हटाने के सरकार का फ़ैसला सही था ।
रमोला ने बताया कि मैं पहले से ही बता रहा था कि चौथी विधानसभा में हुई नियुक्तियों में से बहुत सी नौकरियाँ पर तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने आर्थिक लाभ लिया है क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने पद पर रहते नियुक्तियाँ सृजित कर नौकरी देने का काम किया व फिर संसदीय कार्य मंत्री व वित्त मंत्री बनते ही इन नौकरियों को वित्त स्वीकृति दी एक ही व्यक्ति अलग अलग पद बैठते ही किस स्वार्थ से ये सब कर रहे थे इसलिये कहीं ना कहीं इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि इसमें आर्थिक लाभ लिया गया है ।
रमोला ने कहा कि जब सरकार की जाँच व माननीय न्यायालयों के फ़ैसले पर नौकरी पाने वालों ग़लत ठहराया गया है तो नौकरी देने वालों को सरकार कब ग़लत ठहराकर सजा देगी ये बड़ा सवाल है बड़े शर्म की बात है कि बैकडोर से ग़लत नियुक्तियाँ पाने वालों पर तो सरकार व न्यायालयों ने कार्यवाही कर दी है परन्तु ग़लत तरीक़े से नौकरी देने वालों पर सरकार क्यों मेहरबान है ये कहीं ना कहीं सरकार की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिह्न लगाता है सरकार क्यों कार्यवाही से बच रही है जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने भी नौकरी हटाये गये लोगों की याचिका को ख़ारिज कर बता दिया कि नियुक्तियाँ ग़लत थी। रमोला ने माँग की है कि सरकार को जल्द से जल्द दोषी मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल को बर्खास्त कर उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करनी चाहिये ।
रमोला ने कहा कि मेरी संवेदना नौकरी से निकाले गये उन सभी लोगों के साथ है परन्तु कहीं ना कहीं ये ग़लत भी है । मैं उन सभी लोगों से कहना चाहता हूँ कि जिन लोगों ने नौकरी के एवज़ में पैसे दिये हैं वे हमें बतायें हम नौकरी के एवज़ में पैसे लेने वाले नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे और उनपर कार्यवाही करवाने के लिये न्यायालय की शरण लेंगे ।