नॉएडा : इतिहास के इतर खड़ा है निठारी कांड

ख़बर शेयर करें -

नॉएडा : (राजेश बैरागी) इतिहास नरसंहारों की घटनाओं से लथपथ है। सत्ता, सुंदरी और श्रेष्ठता के लिए आदमी को आदमी का खून बहाने से कभी परहेज नहीं रहा। नोएडा के निठारी में सत्रह बरस पहले उजागर 19 या 22 लड़कियों की दुष्कर्म के बाद हत्या,उनका मांस खाने और अंगों के अवैध व्यापार का मामला अलग क्यों है?

यह 29 दिसंबर,2006 का बेहद सर्द दिन था जब सेक्टर 31 की एक कोठी संख्या डी-5 के पीछे नाले से नरकंकाल मिलने शुरू हुए। हालांकि संबंधित थाना सेक्टर -20 नोएडा में एक वर्ष पहले से लापता हो रहे बच्चों के माता-पिता द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही थीं। परत-दर-परत खुले इस मामले में थाने में तैनात एक महिला दरोगा का इस कोठी में नियमित आवागमन का भी पता चला था। स्थानीय पुलिस से एक पखवाड़े के अंतराल में ही इस मामले की जांच सीबीआई को हस्तांतरित कर दी गई थी। डेढ़ दशक बाद परिणाम यह निकला कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने आरोपी कोठी स्वामी मनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया। क्या यह एक वृत्तचित्र था जो एक झटके में परदे से गायब हो गया? उच्च न्यायालय का निर्णय जांच, साक्ष्य और साक्षियों के बयानों पर आधारित है।सच क्या है?जो लड़कियां गायब हुईं,वो आज भी लापता हैं। जिनके नरकंकाल मिले, उनके हत्यारे कोई तो अवश्य थे। सीबीआई जैसी जांच एजेंसी का आरोपपत्र इतना कमजोर होगा कि उच्च न्यायालय को उसपर तीखी टिप्पणी करनी पड़ जाए, ऐसा तो सोचा भी नहीं जा सकता। निठारी कांड इतिहास नहीं है।यह इतिहास से इसलिए अलग है कि इतिहास में किये गये नरसंहारों की न जांच होती थी और न कोई जवाबदेह था।

ALSO READ:  नेशनल गेम्स...फूलचट्टी में होने वाली “सलालम प्रतियोगिता” के दृष्टिगत अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार  चन्द्रमोहन सिंह ने किया ब्रीफ पुलिस बल को

निठारी कांड की जांच देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी ने की।डी-5 कोठी में नरसंहार का सिलसिला तब तक चला जब तक राज उजागर नहीं हुआ। उसके बाद बाड़ ने खेत खाना शुरू किया। पुलिस, सीबीआई ने नरकंकालों की सड़ी गली हड्डियों को भी नहीं छोड़ा। इसलिए पंधेर और कोली को बरी किये जाने पर किसी अचंभे या अफसोस करने की क्या आवश्यकता है।

Related Articles

हिन्दी English