ऋषिकेश : “बौना रोग” से हाहाकार ग्रामीण क्षेत्र में, आईपीएम का केंद्रीय दल पहुंचा जोगीवाला मांफी धान का निरीक्षण करने, किसानों को दिए टिप्स

दल के सदस्यों ने बताया की ये बीमारी सदर्न राइस ब्लैक स्ट्रीकड व्हायरस से आती है

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ऋषिकेश : ग्रामीण क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है धान बौना हो गया करके। बढ़ रहा है नहीं। ऐसे में किसान सर पकड़ और जकड़ कर बैठा हुआ है। सालभर की मेहनत ऐसे नजरों के सामने जाया हो रही है।

शुक्रवार को आई.पी.एम. के केंद्रीय दल ने धान में लगे बौना रोग का सर्वेक्षण कर किसानों को किया जागरूक।उत्तराखंड के देहरादून ज़िले में धान की फसल में बौना रोग का प्रकोप दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। इसी के मद्देनज़र भारत सरकार के केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, देहरादून से तीन सदस्यीय दल गाँव जोगिवाला माफ़ी पहुँचा।

उन्होंने क्षेत्र में धान में फैले बौना रोग का सर्वेक्षण किया एवं सर्वेक्षण के दौरान मिले किसानों को बौना रोग के बारे में जागरूक भी किया । क्षेत्र में दो बीघे से लेकर 25 बीघे में धान की कस्तकारी करने वाले किसान हैं। इसमें अलग-अलग पोकेट्स में बौना बीमारी का प्रकोप 5-100 प्रतिशत तक पाया गया। 80-100 प्रतिशत फसल का नुक़सान झेल रहे किसानो ने ट्रक्टर चलाकर धान की फसल को नष्ट कर दिया।

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दल के सदस्यों ने बताया की ये बीमारी सदर्न राइस ब्लैक स्ट्रीकड व्हायरस से आती है और सफ़ेद पीठवाला फुदका इसे ग्रसित पौधों से स्वस्थ पौधों में फैलाने में मदत करता है। इस बीमारी के लक्षण तथा नियंत्रण के बारे में बताकर उन्होंने किसानो को लीफलैट भी बाँटे। इस प्रकोप को देख के क्षेत्र के किसानो को अगले दो साल तक धान के आलावा दूसरी फसल लेने का सुझाव भी दिया गया ताकि बीमारी के विषाणु ख़त्म हो जाए। रायवाला, प्रतीतनागर, खांडग़ांव, छिद्दरवाला व आस पास का इलाका इस बीमारी से काफी प्रभावित हुआ है।

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केंद्रीय दल से  रामेश्वर तेलंग्रे, सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी,  नितिन कुमार, सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी एवं डॉ किरन नेगी, सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी के साथ गाँव के प्रधान शोभन सिंह कैंतुरा और किसान प्रमोद रावत ने क्षेत्र का दौरा कर किसानो से वार्तालाप किया।

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