NDS में आयोजित हुई अंतर-विद्यालयी ड्राइंग एवं पेंटिंग प्रतियोगिता

ग्रुप बी के विद्यार्थियों ने 'उत्तराखंड की परंपराएं' अथवा 'डिजिटल सशक्तिकरण' विषय पर अपनी कल्पना के रंग भरे

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ऋषिकेश : सीबीएसई सहोदय ग्रुप, ऋषिकेश द्वारा 3 मई 2024 को निर्मल आश्रम दीपमाला पब्लिक स्कूल के सुसज्जित परिसर में अंतर-विद्यालयी ड्राइंग एवं पेंटिंग प्रतियोगिता 2024-25 का आयोजन किया गया, जिसका खिताब प्रतियोगिता शुरू होने से कुछ समय पहले विद्यार्थियों को दिया गया। प्रतियोगिता का शुभारंभ मुख्य अतिथि  जाकिर हुसैन एवं  हेमंत पुंडीर तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में सुमित कपूर एवं सुधीर कपूर तथा विद्यालय के चेयरमैन डॉ. एस.एन. सूरी एवं सलाहकार रेणु सूरी की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।

प्रतियोगिता दो ग्रुपों में आयोजित की गई। ग्रुप ए में कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया तथा ग्रुप बी में कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया। ग्रुप ए के विद्यार्थियों ने ‘पृथ्वी एवं स्थिरता’ अथवा ‘दिव्यांग व्यक्तियों की आवाज’ विषय पर अपनी कला का प्रदर्शन किया। ग्रुप बी के विद्यार्थियों ने ‘उत्तराखंड की परंपराएं’ अथवा ‘डिजिटल सशक्तिकरण’ विषय पर अपनी कल्पना के रंग भरे। प्रतियोगिता में कुल 18 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। विद्यालयों से आए प्रतिभागियों ने प्रतिभाग कर अपनी कल्पनाओं को रंगों से भर दिया। प्रतियोगिता के निर्णायक देहरादून से आए  जाकिर हुसैन एवं युवा कलाकार हेमंत पैन्यूली थे। इन दोनों कलाकारों ने कला के प्रति अपने जुनून को अपना गुरु बनाकर अपनी प्रतिभा को निखारा।  जाकिर हुसैन एक जाने-माने कलाकार हैं, जिन्होंने देश-विदेश में कला के माध्यम से अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी कला का सजीव प्रस्तुतीकरण भी दिया तथा विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत बने।  जाकिर हुसैन ने क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर अपनी कला का सफल प्रदर्शन किया। उन्हें उत्तराखंड सरकार, कला महोत्सव एवं अखिल भारतीय कला सम्मेलन प्रदर्शनी, हरिद्वार आदि संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया। उनकी पेंटिंग्स ‘राष्ट्रीय मानव संस्कृति शोध संस्थान’ एवं ‘गंगा राष्ट्रीय संग्रहालय’ के लिए भी चयनित हुई।

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युवा कलाकार  हेमंत पैन्यूली जी ने उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री प्राप्त कर एक कलाकार के रूप में अपनी पहचान बनाई। उनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स हमें अपनी संस्कृति की जड़ों की ओर लौटने की प्रेरणा देती हैं। अपनी कला के माध्यम से उन्होंने कई पुरस्कार अर्जित किए हैं। निर्णायक मंडल द्वारा जब परिणाम घोषित किए गए तो सिमरन ढौंडियाल (फुटहिल्स), अपराजिता चंद्रा (डीएसबी), गौरी पुंडीर (दून हेरिटेज) और आराधना परुवन (होराइजन पब्लिक स्कूल) के समूह को क्रमश: प्रथम, द्वितीय, तृतीय और सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुए। ग्रुप बी में इशिता नौडियाल (डीएसबी), आराध्या पडियार (रेडफोर्ट), मुस्कान (हैप्पी होम), आकृति जवान (एनजीए) और इशिता चौहान (दून इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल) ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय, तृतीय और सांत्वना पुरस्कार जीतकर अपने विद्यालय का नाम रोशन किया। सभी विजेता कलाकारों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। ‘उल्हास फाउंडेशन’ की  हिमानी,  शिवानी,  सलोनी,  अभिषेक और वनश्री आशीष ने भी अपनी ओर से प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया। प्रतियोगिता के अंत में अपने ओजस्वी भाषण में  जाकिर हुसैन ने विद्यार्थियों को रंगों से खेलने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि एक कलाकार की संवेदनशीलता समाज के लिए वरदान साबित होती है। कला, संगीत और साहित्य के बिना जीवन नीरस है।  हेमंत पैन्यूली ने कला की महिमा का बखान करते हुए बच्चों को इस क्षेत्र में उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

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इस अवसर पर विद्यालय के चेयरमैन डॉ. एस.एन. सूरी  ने मुख्य अतिथि के रूप में  जाकिर हुसैन और वनश्री हेमंत पैन्यूली  को सम्मान और आदर के प्रतीक के रूप में सिरोपाव स्कूल स्मृति चिन्ह भेंट किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में  सुमति कपूर और वनश्री सुधीर कपूर  को भी सम्मान और आदर के प्रतीक के रूप में सिरोपाव स्कूल स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्या ललिता कृष्णास्वामी ने विद्यार्थियों को कला के माध्यम से अपनी आत्मा की तृप्ति करने के लिए प्रेरित किया। प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए विद्यालय की प्रधानाचार्या  ललिता कृष्णास्वामी और कला शिक्षिका  रंजना शर्मा सहित एनडीएस टीम ने अपना विशेष सहयोग दिया।

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