नरेन्द्रनगर में शिक्षकों का दो सूत्रीय मांगों को लेकर तीव्र प्रदर्शन, दी चेतावनी



- विगत 18 अगस्त से शिक्षकों की चाक डाउन हड़ताल जारी है. : अनिल कुकरेती

शिक्षकों के अनुसार वर्ष, 2018 से दो सूत्रीय मांगों को हल कराने की मांग को लेकर, समय-समय पर आंदोलन करता आ रहा है राजकीय शिक्षक संघ. मांगों को सरकार व प्रशासन द्वारा 7 वर्षों के अंतराल के बाद भी नहीं माना गया है. जिससे पूरे प्रदेश भर के राजकीय शिक्षकों में सरकार व शासन/ प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है. शिक्षकों की मांगे हैं कि प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती निरस्त की जाए और पूर्व की भांति वरिष्ठता क्रम में एलटी से प्रवक्ता, प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्यो के रिक्त पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया पहले की भांति बहाल की जाए. लंबे समय के अंतराल के बाद भी मांगों को हल करने के मामले में सरकार खामोश है. नाराज शिक्षकों ने प्रांतीय संगठन के आह्वान पर नरेंद्र नगर स्थित खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर में दोनों मांगों को लेकर जबरदस्त धरना प्रदर्शन करते हुए ,प्रदेश सरकार व शासन प्रशासन की विरुद्ध जमकर नारेबाजी की.
शिक्षक संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष अनिल कुकरेती ने नाराजगी जताते हुए कहा विभाग में पहले एलटी के पद से प्रवक्ता, प्रधान अध्यापक हाई स्कूल तथा प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति हुआ करती थी. मगर कुछ वर्षों पहले से प्रधानाचार्य के पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया अपनाई जा रही है, जबकि उनके मुकाबले अनुभवी और योग्यता धारी शिक्षकों को पदोन्नति ना देकर, उनका मनोबल तोड़ा जा रहा है. कुकरेती ने कहा कि वर्ष 2018 से संगठन प्रधानाचार्य के पदों पर सीधी भर्ती, और वरिष्ठता के आधार पर प्रवक्ता हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक तथा प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों पर पदोन्नति से भरने की मांग करता जा रहा है, यही प्रक्रिया पहले से चली आ रही है. इस प्रक्रिया को बहाल करने के लिए ,शिक्षक संगठन को अनेकों बार धरना प्रदर्शन करने पड़े हैं. सरकार शासन प्रशासन से त्रिपक्षीय वार्ता भी हुई है, मगर शिक्षकों की मांगों को नहीं माना गया है. उन्हूने कहा कि विगत 18 अगस्त से शिक्षकों की चाक डाउन हड़ताल जारी है.
सभा को संबोधित करते हुए संगठन के शाखा मंत्री संजय मंमगाई, उपाध्यक्ष प्रवीण पंवार, महिला उपाध्यक्ष सीमा मल्होत्रा, संगठन मंत्री डॉक्टर संध्या पंवार, जिला महामंत्री डा० बुद्धि प्रसाद भट्ट, संरक्षक बर्फ सिंह रावत, सुधा कांत गैरोला,पंकज ग्वाड़ी, रिंकी पंवार ने अपने संबोधन में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि दोनों जायज मांगों को नहीं माना गया तो शिक्षक सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। और आवश्यकता पड़ी तो प्रदेश संगठन के आव्हान पर शिक्षक जेल भरो आंदोलन शुरू करने को मजबूर होंगे, लिहाजा सरकार दोनों औचित्य पूर्ण मांगों को क्रियान्वयन हेतु, जल्द शासनादेश जारी करें।