देहरादून : महत्वपूर्ण खबर-जिस छात्र ने सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ना है इस बार…CUET के लिए अप्लाई करने के लिए कुछ ही दिन बचे हैं…पढ़िए ये खबर
ऑनलाइन अप्लाई करने की तारिख है 6 अप्रैल से 6 मई तक
श्रीनगर/पौड़ी/देहरादून : संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा 2022-23 इस बार देश में 2022-23 सत्र स्नातक स्तर के लिए CUET (कॉमन यूनिवर्सिटी इंट्रेस्ट टेस्ट ) टेस्ट होगा. इस टेस्ट को करवा रही है NTA, अब कहीं आपका बच्चा इस बार यूनिवर्सिटी में जाने से रुक न जाए इसलिए आपको सतर्क रहने की जरुरत है. दूर दराज क्षेत्र में लोगों को जानकारी का अभाव है. इसलिए यह खबर सभी के लिए महत्वपूण है. उत्तराखंड के बच्चों के लिए तो ख़ास तौर पर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. साधारण भाषा में इसे समझते हैं ताकि छात्र गफलत में न रहें.
CUET है क्या ?
कॉमन यूनिवर्सिटी इंट्रेस्ट टेस्ट (CUET) इस बार भारत सरकार ने फैसला किया है सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी जहाँ भी हैं और उन यूनिवर्सिटी के अंदर जो कॉलेज हैं उनमें एडमिशन के लिए एक टेस्ट होगा पूरे देश में. जिसका नाम रखा गया है CUET. यानी की जो CUET टेस्ट पास करेगा उसको उसी अनुसार यूनिवर्सिटी/कॉलेज मिलेगा. आपको बता दें उत्तराखंड में एक ही सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी है. उसका नाम है हेमवती नंदन गढ़वाल यूनिवर्सिटी (शार्ट में HNB या गढ़वाल यूनिवर्सिटी भी कहा जाता है) जिसका मुख्य कैम्पस पौड़ी जिले के श्रीनगर में है. इसके तीन कैंपस हैं श्रीनगर कैंपस, पौड़ी कैंपस और टिहरी कैंपस. ध्यान रहे ये CUET टेस्ट सिर्फ सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी के लिए है, स्टेट यूनिवर्सिटी के लिए नहीं है….परीक्षा जुलाई प्रथम सप्ताह या द्वितीय सप्ताह में हो सकती है. टेस्ट की तारीख का ऐलान बाद में किया जायेगा.
उदाहरण के तौर पर समझिये.…अगर नैनीताल का बच्चा सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी से पढ़ना चाहता है, देश में कोई भी सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी हो, तो उसको CUET टेस्ट पास करना होगा. उसके बाद उसको HNB भी मिल सकता है उसे अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी भी, दिल्ली यूनिवर्सिटी, अन्नामलाई (आंध्र प्रदेश) यूनिवर्सिटी, पॉन्डिचेरी (पुड्डुचेरी राज्य में) इत्यादि कोई भी यूनिवर्सिटी मिल सकती है. ऐसे में बाहर के राज्यों के बच्चे भी गढ़वाल यूनिवर्सिटी में पढ़ने आ सकते हैं जिसके तीन कैंपस हैं और जो भी कॉलेज गढ़वाल यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं उनमें पढ़ सकते हैं. राज्य में वो कॉलेज जहाँ पर भी हैं.
उत्तराखंड के छात्रों लिए जरुरी क्योँ ?
अभी मान लो उत्तराखंड का दूर दराज गाँव का बच्चा 12वीँ कर के सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ना चाहता है उसे तुरंत अप्लाई करना होगा.अगर वह टेस्ट पास कर लेता है उसे दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी एडमिशन मिल सकता है. CUET टेस्ट के लिए. राज्य में जानकारी के अभाव में और दूसरा पहली बार हो रहा है यह टेस्ट शुरू इसलिए बहुत से अभिभावक और छात्र जानकारी के अभाव में साल खो सकते हैं. ऑनलाइन अप्लाई करने की तारिख है 6 अप्रैल से 6 मई तक, इसका मतलब कुछ ही दिन बचे हैं. बाद में वह अगर यूनिवर्सिटी या कॉलेज आता है एडमिशन लेने तो उसको नहीं मिल पायेगा. क्योँकि CUET टेस्ट हो चुका होगा. उसके बाद न जान पहचान काम करेगी न कॉलेज/यूनिवर्सिटी स्टाफ कुछ मदद कर पायेगा. ऐसे में बहुत से छात्र एडमिशन से वंचित रह सकते हैं . इसके लिए उनको तुरंत अप्लाई करना होगा. फीस भी अलग अलग वर्ग के लिए अलग अलग है.
गढ़वाल यूनिवर्सिटी के पौड़ी परिसर के निदेशक प्रो. प्रभाकर बडोनी का कहना है “हम चिंतित हैं हमारे राज्यों के बच्चों के लिए. क्योँकि हमारे यहाँ दूर दराज, रिमोट इलाके में बच्चे रहते हैं कोई निर्धन है किसी के पास सूचना का साधन मजबूत नहीं है ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे सतर्क नहीं रहे तो उनको एडमिशन नहीं मिल पायेगा. इससे हमारे छात्रों को नुकसान होगा. इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं जयदा से ज्यादा जानकारी आम जन तक जाए. हमने नोडल ऑफिसर भी नियुकित किया हुआ है. साथ ही यूनिवर्सिटी की वेब साइट पर जानकारी सब दी हुई है. यह CUET टेस्ट NTA यानी राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी करवा रही है. ऐसे में हम चाहते हैं ज्यादा से ज्यादा बच्चे इस टेस्ट में बैठे ताकि उनको जानकारी भी प्राप्त हो और अच्छी यूनिवर्सिटी भी मिल सके उनको. हमारे यहाँ के बच्चों में टेलेंट की कमी नहीं है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में जानकारी नहीं पहुँच पाती है, दूसरा कारण है यह टेस्ट पहली बार हो रहा है इस बार. इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं राज्य के बच्चे अधिक से अधिक टेस्ट दें और अपनी मन पसंद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी से शिक्षा ग्रहण करे”. गढ़वाल यूनिवर्सिटी की वेब साइट है www.hnbgu.ac.in और आवेदन करने के लिए आधिकारिक पोर्टल है https ://cuet.smarth.ac.in
फायदा क्या होगा इस टेस्ट का ?
इसके कई फायदे होंगे जैसे दिल्ली यूनिवर्सिटी में 99 % कट ऑफ जाती है अगर CUET टेस्ट तमिलनाडु का बच्चा या केरल या उत्तराखंड का बच्चा पास कर लेता है तो वो भी एडमिशन ले सकता है. ऐसे में गढ़वाल यूनिवर्सिटी में केरल का बच्चा भी पढ़ने आ सकता है. अगर दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन नहीं मिलता है तो दूसरी सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी में मिल जायेगा. छात्र एक राज्य तक सीमित नहीं रहेंगे. शिक्षा का स्तर भी ऊंचा होगा, जानकारी बढ़ेगी और एक दूसरे राज्य को समझने में भी मदद मिलेगी.