ऋषिकेश : मीरा नगर भी महका इगास पर्व के एक शाम से, राज्य महिला आयोग अध्यक्ष ने भी खेला भैलो

- राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने भी की शिरकत, खेला भैलो
- हमारी कोशिश है हमें अपने पर्वों, लोक परम्पराओं को युवा पीढ़ी के सामने रखें ताई वे सीख सकें -सुंदरी कंडवाल
- संख्या महिलाओं की काफी थी, नृत्य कर , लोकगीत गा कर और भैलों खेलकर किया ख़ुशी का इजहार
ऋषिकेश : शनिवार देर शाम मीरा नगर में पूर्व पार्षद सुंदरी कंडवाल के घर में धूमधाम से मनाई गई. इगास पर्व के अवसर पर, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल भी पहुंची. मीरा नगर और पूजा अर्चना कर भैलो खेलकर दिया इगास मनाने का संदेश. मीरा नगर में पिछले वर्ष से पूर्व पार्षद सुंदरी कंडवाल द्वारा इगास का कार्यक्रम मनाया जा रहा है. इस अवसर पर, पूर्व पार्षद सुंदरी कंडवाल ने कहा कि हमारे लोक पर्व विकास हमारे गढ़वाल की संस्कृति हमारे रीति रिवाज मनाने इसलिए भी जरूरी है कि हमारे आने वाले नौजवान युवा पीढ़ी त्योहारों से अनजान ना रहे. सभी युवा सभी क्षेत्रवासी बढ़ चढ़कर अपने लोक पर्वों पर विशेष रूप से कार्यक्रम आयोजित करें.
कंडवाल ने कहा, इस पर्व की घर-घर में जानकारी है. यूवा पीढ़ी को सीखने और सिखाने की जरुरत है. पर्व को मनाने का कारण है….कहा जाता है की गढ़वाल नरेश माधव सिंह भंडारी तिब्बत युद्ध जीतने के बाद दीपावली से 11 दिन बाद अपने घर पहुंचे थे. इस खुशी में ही त्यौहार मनाया जाता है. पौराणिक कथाएं कई तथ्यों पर आधारित हैं. कहीं कहा जाता है कि भगवान श्रीराम लंका विजय के बाद अयोध्या वापस आए थे. तो यह समाचार/सूचना शहरों में तो पता चल गयी. परंतु गांव में 11 दिन बाद लोगों को पता चली. इसी खुशी में यहां पर मनाया जाता है ड़ाली एक ११वें दिन. अलग-अलग कथाएं हैं. पर गढ़वाल में माधव सिंह भंडारी की गाथा ज्यादा प्रचलित है. कहते हैं गांव में बिजली लाइट की कोई व्यवस्था नहीं थी. इसलिए खुशी मनाने के लिए लकड़ीयों का प्रयोग उजाला करने के लिए किया जाता था. लकड़ियों पर आग लगाकर उसे बहुत सारे झुंड में लोग घूमते थे…. चारों तरफ खुशियां मनाते थे. सभी को यह त्योहार मनाना चाहिए. गांव-गांव शहर-शहर और घर-घर तक इस त्यौहार से हमारे नौजवान युवक युवतियां, बुजुर्ग, छोटे सभी ख़ुशी का इजहार करते हैं.कार्यक्रम में वीरभद्र जनकल्याण समिति से शशि राणा, भावना भट्ट,चंद्रकांता, शोभा कोठियाल,रीना उनियाल, आशा रावत,विमल सजवान, राजेश्वरी सेमवाल, किरण त्यागी, बिंदु सिंह, ममता रावत, संगीता रावत, सावित्री देवी, अंजू गैरोला, सुनीता थपलियाल, रश्मि, संगीता कुकरेती, आशीष सिल्स्वाल आदि बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रही. सुंदरी कंडवाल के मुताबिक़, वीरभद्र जनकल्याण समिति मंगल टीम अपने रीति रिवाज अपनी संस्कृति को लेकर बेहद संजीदा है और इस प्रकार के धर्म संस्कृति रीति रिवाज लोक पर्वों पर लगातार काम करती रहती है. यह समिति गढ़वाल में मंगल गीत को बढ़ावा देने के लिए पिछले चार वर्षो से क्षेत्र में कार्यरत है.
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